Ferozepur News

मोहन लाल भास्कर फाउंडेशन द्वारा स्वर्गीय मोहन लाल भास्कर की स्मृति में आयोजित 21वें अखिल भारतीय मुशायरे ने स्थानीय लोगो पर छोड़ी अमिट याद 

मोहन लाल भास्कर फाउंडेशन द्वारा स्वर्गीय मोहन लाल भास्कर की स्मृति में आयोजित 21वें अखिल भारतीय मुशायरे ने स्थानीय लोगो पर छोड़ी अमिट याद 
मोहन लाल भास्कर फाउंडेशन द्वारा स्वर्गीय मोहन लाल भास्कर की स्मृति में आयोजित 21वें अखिल भारतीय मुशायरे ने स्थानीय लोगो पर छोड़ी अमिट याद
फिरोजपुर, 30-11-2024: मोहन लाल भास्कर फाउंडेशन द्वारा स्वर्गीय मोहन लाल भास्कर की स्मृति में आयोजित 21वें अखिल भारतीय मुशायरे में शुक्रवार शाम को बुजुर्गों के प्रति सम्मान की भावना से ओतप्रोत भावपूर्ण प्रस्तुति की गई।
इस अवसर पर एमएलबी फाउंडेशन के उपाध्यक्ष डॉ. एस एन रुद्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत फिरोजपुर की एस एस पी सौम्या मिश्रा, मोनिशा बजाज, संजना मित्तल, डॉली भास्कर और तेजिंदर पाल कौर द्वारा स्वर्गीय मोहन लाल भास्कर की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके की।
ब्रिगेडियर पवन बजाज, डीआईजी बीएसएफ (ऑपरेशन) श्रीनगर, रणजीत सिंह ढिल्लों, डीआईजी, फिरोजपुर, ब्रिगेडियर विजय रैना, डीआईजी, बीएसएफ, फिरोजपुर, अजय मलूजा, डीआईजी एसटीएफ बठिंडा, दीपक पारक, एसएसपी, मोहाली, लखबीर सिंह, एआईजी काउंटर इंटेलिजेंस, फिरोजपुर, रणधीर कुमार, एसपी (जांच) फिरोजपुर, नवल किशोर, अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश, फिरोजपुर वरिंदर मोहन सिंघल, सीए और चेयरमैन जेनेसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंटिस्ट एंड रिसर्च और संरक्षक वीडब्ल्यूएस,राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, राष्ट्रीय कार्यकरणी सदस्य, भारतीय जनता पार्टी,कर्नल सत्येंद्र, कर्नल विक्रमं जवळ, कर्नल राम सिंह, डॉ कमल बाघी, अमित शर्मा, संपादक दैनिक जागरण, पंजाब ने इस अवसर पर शोभा बढ़ाई।
मोहन लाल भास्कर फाउंडेशन द्वारा स्वर्गीय मोहन लाल भास्कर की स्मृति में आयोजित 21वें अखिल भारतीय मुशायरे ने स्थानीय लोगो पर छोड़ी अमिट याद 
एमएलबी आर्ट एंड थिएटर के महासचिव, विवेकानंद वर्ल्ड स्कूल के चेयरमैन गौरव सागर भास्कर ने मुख्य अतिथियों, कवियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का तहे दिल से स्वागत किया।
इस अवसर पर, प्रोफेसर जसपाल घई को साहित्य में उनके अनुकरणीय कार्य और उत्कृष्टता के लिए एमएलबी पुरस्कार-2024 से सम्मानित किया गया, जबकि प्रोफेसर पाली भूपिंदर सिंह; एक प्रख्यात नाटककार, पटकथा लेखक और निर्देशक को पंजाबी रंगमंच और कला को बढ़ावा देने के लिए एमएलबी लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड-2024 से सम्मानित किया गया।
भूमिजा भास्कर ने एमएलबी फाउंडेशन के संस्थापक उपाध्यक्ष स्वर्गीय प्रोफेसर एच के गुप्ता को समर्पित इस मुशायरा का मंच संचालन बखूबी किया।
प्रख्यात उर्दू शायर जनाब वसीम बरेलवी ने अपनी शायरी से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया-
“जहां रहेगा, वहीं रोशनी लुटाएगा,
किसी चिराग का अपना मकान नहीं होता,
तुझे पाने की कोशिश में इतना खो चुका हूं मैं,
कि तू मिल भी अगर जाए तो अब मिलने का गम होगा”
“रात तो वक्त की रोशनी ढल जाएगी,
देखना ये है कि इन तारों का सफर कितना है
मुसलसल हदों से बस इतनी मोहब्बत है,
कि ये आंसू बहाने की भी तो मोहलत नहीं देते।”
शायर जनाब अमीर इमाम की शायरी ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया –
“अपनी तरफ तो मैं भी नहीं हूं अभी तलक, और हमारी तरफ तमाम जमाना उसी का है”
जो शाम होती है हर रोज, हार जाता हूं, मैं अपने जिस्म की परछाइयों से लड़ते हुए”
जनाब अल्तमश अब्बास की शायरी जिसने पूरी महफिल को आनंदमयी बना दिया वह थी-
“हुस्न तब तक हुस्न है,
जब तक वो परदे में रहे”
इस मुशायरे के दौरान जनाब काशिफ रजा, जनाब तौसीर ताबिश और जनाब मुसव्विर फिरोजपुरी ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उल्लेखनीय है कि यह कार्यक्रम एक प्रख्यात देशभक्त, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता, कवि, लेखक, शिक्षाविद् और फिल्म निर्माता मोहन लाल भास्कर की याद में आयोजित किया गया था, जिन्होंने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ एक एजेंट के रूप में काम करते हुए सोलह बार पाकिस्तान में घुसपैठ की थी, लेकिन 17वीं यात्रा पर एजेंट को धोखा देने के कारण उन्हें पाकिस्तान ने पकड़ लिया था। बाद में उन्हें पाकिस्तानी अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी लेकिन 9 दिसंबर 1974 को शिमला समझौते के तहत श्री हरिवंश राय बच्चन ने अपने सतत प्रयासों से मोहन लाल भास्कर को उनके देश वापस दिलवाया। बाद में उन्होंने अपनी आत्मकथा “मैं पाकिस्तान में एक भारतीय जासूस था” में पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में अपनी कहानियाँ लिखीं, जिसे 1989 में सासंद श्रीकांत वर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया और यह पुस्तक दस  भाषाओं में प्रकाशित हुई है।
मोहन लाल भास्कर फाउंडेशन द्वारा स्वर्गीय मोहन लाल भास्कर की स्मृति में आयोजित 21वें अखिल भारतीय मुशायरे ने स्थानीय लोगो पर छोड़ी अमिट याद 
इस दौरान प्रो.गुरतेज कोहरवाला, गगन सिंघाल, समीर मित्तल, डॉ. हर्ष भोला, डॉ. नरेश खन्ना, झलकेश्वर भास्कर, मेहर सिंह मल, अमरजीत सिंह भोगल, अमन देवड़ा, अजय तुली, हरमीत विद्यार्थी, संतोख सिंह, शलिंदर भल्ला, चरणजीत शर्मा, राकेश शर्मा, कमल द्रविड़, विक्रम शर्मा, सुरिंदर गोयल, नरेश शर्मा, विकास मित्तल, अमरीक सिंह, तेजिंदर पाल कौर, परमवीर शर्मा, सपन वत्स, दीपक सिंगला, दर्शन सिंह, महिमा कपूर, शिप्रा अरोड़ा, सरबजीत सिंह, गुरदीप सिंह और गुरप्रीत सिंह ने उपरोक्त समारोह के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button