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“दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान” द्वारा अपने स्थानीय आश्रम में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन

फिरोज़पुर (5 अगस्त 2018) :  "दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान" द्वारा अपने स्थानीय आश्रम में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया। जिसके संस्थान की ओर से "श्री आशुतोष महाराज जी" के शिष्या साध्वी ममता भारती ने बताया कि आधुनिक वैज्ञानिक युग में जहाँ भौतिक विज्ञान द्वारा भौतिक सुख सुविधाओं का विकास हुआ है वहीँ मनुष्य की आंतरिक एवं आत्मिक क्षमताओं का हनन हो रहा है। जिसका परिणाम समाज में बढ़ता हुआ भ्रष्टाचार, अनैतिकता, अज्ञानता और आतंकवाद के रूप में यत्र तत्र सर्वत्र दृष्टिगोचर हो रहा है।।           साध्वी जी ने "कर्म" की तात्विक परिभाषा के बारे में बताते हुए कहा कि योग योगेश्वर भगवन श्री कृष्ण की श्री मद भगवद् गीता कर्म की सार्थकता को पूर्णतः सिद्ध करती है कि  "योगः कर्मसु कौशलम्" भाव कि ईश्वर के तत्व रूप से योग ही कर्म में कुशलता का रूपक है। आवश्यकता है कि जगद्गुरु कृष्ण की तरह हमारे जीवन में भी ऐसे गुरु आएं जो हमें अर्जुन की तरह हमारे भीतर तत्व रूप में ईश्वर का साक्षात्कार करवा दे। तभी अर्जुन की तरह हम ध्यान की गहनता में उतर कर भौतिक, मानसिक, बौद्धिक जीवन के हर युद्ध में विजय श्री का वरण कर सकते हैं। तभी जीवन और समाज की अज्ञानता, अनैतिकता और भ्रष्टाचार का हरण हो सकता है। जिससे सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण हो सकता है। क्योंकि मानव में क्रान्ति की व विश्व में शान्ति का आधार ब्रह्म ज्ञान है और यही मानव समाज की सुषुप्त चेतना का जाग्रति में रूपांतरण कर सकता है।                                     

विश्व शान्ति की मंगल कामना करते हुए साधकों ने सामूहिक ध्यान भी किया।साध्वी सोनिया भारती ने दिव्य भजनों का गायन कर साधकों का सकारात्मक मार्ग दर्शन भी किया। 

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