पंजाब भर में पटवारियों ने सरकार के खिलाफ बजाया संघर्ष का बिुगल
पंजाब भर में पटवारियों ने सरकार के खिलाफ बजाया संघर्ष का बिुगल
पटवारियों ने मांगों को लेकर जिलाधीश कार्यालय के समक्ष दिया विशार धरना
सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रखने की दी चेतावनी
पटवारियों को 15 साल बाद कानूगों, 25 वर्ष बाद नायब तहसीलदार एवं 30 वर्ष बाद तहसीलदार बनाने की उठाई मांग
फिरोजपुर (May 11, 2016) : सरकार के झूठे आश्वासनों से परेशान पटवारियों ने पंजाब भर में सरकार से अपने हक लेने के लिए संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। इस कड़ी तहत अपनी मांगों को लेकर फिरोजपुर में बुधवार को दी रैवेन्यू पटवार यूनियन ने लंबे समय से लटकती आ रही मांगों को पूरा करवाने के लिए जिलाधीश कार्यालय के समक्ष सरकार के खिलाफ जिला अध्यक्ष हरमीत सिंह विद्यार्थी की अध्यक्षता में विशाल रोष धरना दिया। इस धरने में सहायक प्रदेशाध्यक्ष गुरतेज सिंह गिल संतूवाला ने विशेष तौर पर हिस्सा लिया। इस दौरान पटवारियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए मांगें पूरी होने तक संघर्ष को जारी रखने की चेतावनी दी।
रोष प्रदर्शन के दौरान पटवारी नेताओं ने बताया कि 1996 में सरकार ने पटवारी का सीनियर सकैल खत्म कर दिया था। जिससे एक की तिथि को भर्ती हुए पटवारियों की वेतन में कमियां पैदा हो गई थी, जिन्हें खत्म करके पक्षपात को खत्म कियाज ाना चाहिए और पटवारी वर्ग में तरक्की के साधन कम होने के कारण पटवारियों को 15 साल बाद कानूगों, 25 वर्ष बाद नायब तहसीलदार और 30 वर्ष बाद तहसीलदार का सकैल दिया जाना चाहिए, तांकि पटवारियों से हो रही बेइंसाफी बंद हो सके। उन्होंने कहा कि प्राईवेट कंपनी के पास ठेका होने के कारण लोगों के काम प्रभावित हो रहे है, सिलिे पटवारियों को कंप्यूटर मुहैया करवाए जाऐं और विभाग का निजीकरण बंद किया जाए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की हिदायतों के बावजूद भी पटवारियों पर नाजायज पर्चे दर्ज किए जा रहे है। जिसके चलते उन्होंने मांग की कि पटवारियों पर दर्ज सभी मामलें रद्द किए जाए, काम का बोझ अधिक होने के कारण 5 पटवारियों के पीछे 1 कानूगो लगाया जाए, 1230 पटवारियों की नई भर्ती प्रक्रिया तुरंत पूरी का जएष जनवरी 2004 के बाद भर्ती होने वाले पटवारियों के लए पुरानी पैंशन स्कीम बहाल की जाए, डी.सी कार्यालय में डी.आर.ए की पोस्ट पर कानूगों में से भर्ती की जाए, तांकि अगामी समय में पटवारियों को संघर्ष तेज करने के लिए मजबूर ना होना पड़े। मालूम हो कि इस दौरान पटवारी को कानूगों एसोसिएशन ने अपना समर्थन देते हुए हर संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर चलने की घोषणा की। जिससे पटवारियों के धरने को काफी बल मिला। इस मौके पर अन्य के अलावा प्रीतम सिंह, सतपाल सिंह शाहवाला, रजिन्द्र खुल्लर, संतोख सिंह तख्की, जसवीर सिंह सैणी, मक्खन सिंह, जगजीत सिंह, रजिन्द्र मोहन, गुरदीप सिंह, स्वर्म सिंह, जसविन्द्र सिंह, निशान सिंह आदि उपस्थित थे।