मासूम अमृत की पुकार: भूखे पेट की व्यथा ने झकझोरा देश-विदेश को, पूर्व विधायक रमिंदर सिंह आंवला ने बढ़ाए मदद के हाथ
मासूम अमृत की पुकार: भूखे पेट की व्यथा ने झकझोरा देश-विदेश को, पूर्व विधायक रमिंदर सिंह आंवला ने बढ़ाए मदद के हाथ
फ़िरोज़पुर, 27-11-2024: कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुई 5 वर्षीय अमृत की वीडियो ने लोगों के दिलों को झकझोर कर रख दिया। वीडियो में अमृत मासूमियत से अपने स्कूल में यह कहता है कि उसने खाना नहीं खाया क्योंकि घर पर आटा नहीं था। अध्यापक ने इस वीडियो को रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर साझा किया, जो परिवार की मदद के लिए की गई अपील बन गई। वीडियो इतनी भावुक थी कि हर देखने वाले की आंखें नम हो गईं।
देश-विदेश से उमड़ा मदद का सैलाब
इस वीडियो के वायरल होते ही न केवल पंजाब बल्कि देश-विदेश से भी लोग अमृत और उसके परिवार की मदद के लिए आगे आए। गरीब परिवार की दयनीय स्थिति ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि पंजाब, जो पूरे देश और दुनिया को अनाज देता है, वहां भूख कैसे हो सकती है।
फिरोजपुर के सैदे के नोल गांव स्थित इस परिवार से मिलने और उनकी मदद करने के लिए कई लोग पहुंच रहे हैं। विदेशों में बसे भारतीय भी अमृत के परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए मदद भेज रहे हैं।
पूर्व विधायक रमिंदर सिंह आंवला ने बढ़ाए मदद के हाथ
जलालाबाद के पूर्व कांग्रेसी विधायक रमिंदर सिंह आंवला भी इस परिवार की मदद के लिए उनके घर पहुंचे। अमृत के माता-पिता को 51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने के साथ ही, उन्होंने फिरोजपुर स्थित अपने बिजली प्लांट में पक्की नौकरी का ऐलान किया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि परिवार तुरंत काम शुरू कर सके।
आंवला ने बताया कि यह वीडियो उन्हें इंग्लैंड में रहने वाले एक व्यक्ति ने दिखाया था, जो भावुक होकर मदद की गुहार लगा रहा था। उन्होंने कहा, “यह देख कर मुझे शर्मिंदगी हुई कि पंजाब, जो दुनिया का पेट भरता है, वहां कोई भूखा कैसे रह सकता है।”
सरकारों और समाज को दी अपील
आंवला ने सरकारों और ग्राम पंचायतों से अपील की कि ऐसे परिवारों की पहचान कर उनकी सहायता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा, “हमारी जिम्मेदारी है कि हमारे गांव का कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए।”
अमृत की मासूमियत बनी प्रेरणा
आंवला ने अमृत को अपनी लैंड क्रूजर कार में घुमाया और परिवार के साथ समय बिताया। यह घटना एक नजीर बन गई कि एक मासूम बच्चे की सच्चाई ने कैसे पूरे समाज को झकझोरा।
सोचने पर मजबूर करती कहानी
अमृत की यह कहानी केवल एक परिवार की समस्या नहीं है, बल्कि यह भूख और गरीबी के खिलाफ हमारी सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाती है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि समाज और सरकार मिलकर ऐसे परिवारों की मदद करें ताकि हर मासूम बच्चा भूखा पेट स्कूल न जाए।