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शिक्षा जगत की ख्याति है देव समाज कालेज फार वुमन व प्रिंसिपल डाॅ मुध पराशर

Ferozepur, June, 2018: झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली छात्राओं की पढ़ाई का खर्च उठाती है, उन्हें फ्री एजूकेशन देती है। एक डॉक्टर बन गई तो एक लेक्चचर। इसका श्रेय जाता है, फिरोजपुर के देव समाज कालेज फार वुमन की प्रिंसिपल डॉ धु पराशर। जिंदगी का सिर्फ एक ही मकसद था गरीब छात्राओं को शिक्षित कर उस ऊंचाई तक पहुंचाना था जहां समाज देख उन पर गर्व महसूस कर सके। ये लक्ष्य उनका तब पूरा हुआ जब उन्होंने जालंधर में अपने लाखों रुपये के कारोबार को छोड़कर सन् 1992 में सीमांत जिला फिरोजपुर में देव समाज कालेज फार वुमन में पांच हजार रुपये प्रतिमाह प्रिंसिपल की नौकरी करना शुरू किया। ढाइर् दशकों में सैंकड़ों गरीब छात्राओं को मुफ्त में शिक्षा प्रदान कर चुकी है। इस कार्य के लिए पंजाब सरकार ने उन्हें पंजाब दी धी का अवार्ड देकर सम्मानित किया है, पंजाब में ही नहीं बल्कि देश भर में उसका नाम है। डाॅ मधु पराशर का कहना है कि उन्हें सरहदी जिला फिरोजपुर में गरीब घर की छात्राओं को शिक्षित करने का मौका मिला। उनके द्वारा मुफ्त में शिक्षा प्रदान करने वाली छात्राएं डाक्टर, स्कूल व कालेज में लैक्चरार हैं। मौजूदा समय में भी कालेज में प्रत्येक साल दो सौ छात्राओं को मुफ्त में शिक्षा दे रही हैं।

 डाॅ पराशर ने बताया कि कालेज में ऐसी छात्राओं को मुफ्त शिक्षा दे रही हैं, जिनके परिजनों के रहने के लिए घर तक नहीं है, झुगगी-झोपड़ी में रहते हैं। ऐसी छात्राओं को होस्टल में रखा है और उनकी पढ़ाई-लिखाई में खर्च होने वाली सामग्री, खानपान, कपड़ा व अन्य जरूरी वस्तुएं वो खुद प्रदान करती हैं। डाॅ पराशर ने बताया कि गरीब छात्राओं को शिक्षा देने के लिए किरण बेदी फाउंडेशन और आदी धर्म समाज के साथ तालमेल किया है। मौजूदा समय में दिल्ली की झुगगी-झोपड़ी में रहने वाली तीन छात्राएं और आदी धर्म समाज की पांच छात्राओं को मुफ्त शिक्षा दी जा रही है और उनका होस्टल में ही रहने का बंदोबस्त किया है। इनमें से एक छात्रा आईएएस आफिसर बनना चाहती है। डाॅ पराशर ने बताया कि गरीब परिवार की छात्रा ज्योति जो उनके द्वारा पढ़ाई गई है मौजूदा समय में डाक्टर है और कर्मजीत कौर जो स्कूल में लैक्चरार है,  कालेज में पढ़ रही गरीब छात्राओं को नौकरी दिलवाने का बीड़ा भी उठाया है। गरीब छात्राओं को शिक्षित करने में उन्हें देव समाज कालेज की मैनेजमेंट का काफी सहयोग मिला है। तभी अपने लक्ष्य को पूरा कर सकी हूं। पराशर का कहना है कि अपने वेतन में से गरीब छात्राओं व सोसाइटियों पर 70 फीसदी पैसा खर्च करती हूं। ताकि कोई छात्रा किसी भी जरूरत की वस्तुओं से वंचित न रह सके। गरीब छात्राओं के लिए ही कालेज में ऐसे कोर्स शुरू किए हैं ताकि उन्हें इस कालेज से किसी दूसरे कालेज में ना जाना पड़े। मैडम ने बताया कि कालेज में ऐसे कोर्स शुरू किए हैं जो अन्य कालेजों में नहीं है। ये इसलिए किए गए हैं ताकि गरीब छात्राएं जो कुछ करना चाहती हैं इसी कालेज से कर सके, उन्हें फिरोजपुर से बाहर ना जाना पड़े।

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