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तंदरूस्त पंजाब की निकली हवा: सीमावर्ती गांव झुगे हजारा के प्राईमरी स्कूल के पानी में टी.डी.एस. की मात्रा 812 -बिना आर.ओ. का पानी पीने से स्कूल से बीमारिया लेकर जा रहे विद्यार्थी-

फिरोजपुर     Manish Bawa
    राज्य सरकार द्वारा एक तरफ तंदरूस्त पंजाब के दावे कर वाहवाही बटौर दुकानो, होटलो में छापे मारकर सैंपल भरे जा रहे है तो वहीं सीमावर्ती गांवो के  सरकारी स्कूलो में पीने वाले पानी की मात्रा में टोटल डिस्सोल्वड सॉलिड की मात्रा जरूरत से ज्यादा होनें के कारण यहां पढऩे आने वाले विद्यार्थी बीमारिया लेकर जा रहे है। इस बात का खुलासा स्कूल के पानी की रिपोर्ट में हुआ है। वॉटर सप्लाई व सैनीटेशन डिस्ट्रीक लैवल वॉटर टैस्टिंग लैबोरेटरी में जब स्कूलो के पानी को चैक करवाया गया तो तंदरूस्त पंजाब के दावो की हवा निकल गई।
    अंतराष्ट्रीय हिन्द-पाक सीमा के साथ सट्टे गांव झुगे हजारा सिंह वाला के सरकारी प्राईमरी स्कूल के पानी की जांच के दौरान टी.डी.एस. की मात्रा 812 पाई गई तो वहंी गट्टी रहीमेके सरकारी प्राईमरी स्कूल के पानी में  टी.डी.एस. की मात्रा 472 है। इतना ही नहीं सीमा के साथ लगते गांवो में अन्य स्कूलो में भी पानी में टीडीएस की मात्रा ज्यादा ही पाई गई है।
ज्यादातर स्कूलो में हैंड पंप का पानी
    उक्त एरिया के ज्यादातर स्कूलो में विद्यार्थी हैंडपंप का पानी पीने को मजबूर है। जमीनी पानी में अनेको तरह के ऐसे तत्व पाएं जाते है जोकि बीमारियो को दावत देते है। पिछलें दिनो फरीदकोट के गुरू गोबिंद सिंह मैडिकल कॉलेज के डॉक्टरो की टीम ने सर्च के दौरान पाया था कि यहां के लोगो में चमड़ी, शुगर, कैंसर व अपंगता का तेजी से प्रसार हो रहा है।
क्या कहते है डिप्टी डी.ई.ओ.
    शिक्षा विभाग के डिप्टी डी.ई.ओ. सैकेंडरी सुखविन्द्र सिंह ने कहा कि पिछलें दिनो डिप्टी कमिशनर श्री रामवीर द्वारा बार्डर एरिया के 102 स्कूलो जिनमें 70 प्राईमरी व 32 मिडल स्कूलो में पानी की टैस्टिंग करवाई थी। उन्होनें कहा कि स्कूलो को सबमर्सिल पंप लगाने की हिदायते है। अगर पानी का टी.डी.एस. लैवल ज्यादा हो तो वहां आर.ओ. लगाने की व्यवस्था जिला रैडक्रास की सहायता से की जाती है। उन्होनें बताया कि बहुत जल्द सरकारी गोरमिंट सीनियर सैकेंडरी स्कूल गट्टी राजोके में 4.30 लाख की लागत से आर.ओ. सिस्टम लगाया जाएगा।
कितनी होनी चाहिए टी.डी.एस. की मात्रा
    जानकारो मुताबिक पानी मेें टी.डी.एस. की मात्रा 300 से 400 के मध्य होनी चाहिए। अगर इससे ज्यादा मात्रा पाई जाती है तो वह पानी पीने लायक नहीं रहता।
स्कूलो में हो आर.ओ. सुविधा: हैड टीचर
    गट्टी राजोके बैल्ट के सैंटर हैड टीचर पारस खुल्लर ने कहा कि उनके स्कूल में सबमर्सिबल वॉटर की सुविधा है, लेकिन जब स्कूल लगता है तो 9 बजे के बाद सप्लाई नहीं होती और बच्चों को हैंडपंप का पानी पीना पड़ता है। उन्होनें कहा कि सरकार को हरेक स्कूल में आर.ओ. सुविधा मुहैया करवानी चाहिए ताकि विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के खिलवाड़ ना हो।
    सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल गांव गट्टी राजोके के प्रिंसीपल डा: सतिन्द्र सिंह ने कहा कि उन्होनें स्कूल में चार्ज संभालते साथ यहां के बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सबसे पहले एस.पी. सिंह ओबराय के सहयोग से आर.ओ लगवाया था, ताकि बच्चे साफ पानी पी सके।

 

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