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ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना में महत्‍वपूर्ण उपलब्‍धि: 3209 मीटर लंबी टी-1 सुरंग का ब्रेक-थ्रू किया गया

भारतीय रेल कश्‍मीर घाटी को देश के शेष रेल नेटवर्क से जोड़ने के और करीब पहुँची

ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना में महत्‍वपूर्ण उपलब्‍धि: 3209 मीटर लंबी टी-1 सुरंग का ब्रेक-थ्रू किया गया
इस परियोजना के लिए आवश्‍यक सभी सुरंगों का सफलतापूर्वक पूरा किया गया
भारतीय रेल कश्‍मीर घाटी को देश के शेष रेल नेटवर्क से जोड़ने के और करीब पहुँची

ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना में महत्‍वपूर्ण उपलब्‍धि: 3209 मीटर लंबी टी-1 सुरंग का ब्रेक-थ्रू किया गया

फ़िरोज़पुर, 21.12.2023: रेलवे ने ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला (यूएसबीआरएल) रेल परियोजना के तहत निर्माणाधीन कटरा-बनिहाल सैक्‍शन के बीच टनल टी-1 का ब्रेक-थ्रू करके बड़ी उपलब्‍धि हासिल की है । दिनांक 20.12.2023 को 3209 मीटर लंबी सुरंग टी-1 के ब्रेक-थ्रू के दौरान लाइन और लेवल को सटीक तरीके से सफलतापूर्वक प्राप्‍त किया गया । यह शानदार उपलब्‍धि प्रगति और संपर्क विस्‍तार की दिशा में एक बड़ी छलांग साबित होगी ।
राष्‍ट्रीय रेल परियोजना के अंतर्गत उत्‍तर रेलवे के लिए कोंकण रेल निगम लिमिटेड द्वारा रियासी जिले में कटरा के निकट त्रिकुटा पहाड़ियों की तलहटी में सुरंग टी-1 का निर्माण किया जा रहा है । ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के अंतर्गत यह ब्रेक-थ्रू इस लिहाज से एक शानदार उपलब्‍धि है कि इस परियोजना के लिए सभी आवश्‍यक सुरंगों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया । 111 किलोमीटर के चुनौतीपूर्ण क्षेत्र वाला कटरा-रियासी के हिस्‍से के निर्माण के दौरान अनेक बाधाएं सामने आईं और इसके लिए वैश्‍विक विशेषज्ञों को भी साथ लेने की आवश्‍यकता पड़ी । हिमालयन मेन बाउंड्री थ्रस्‍ट से होकर गुजरने के कारण सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण के रूप में जानी जाने वाली सुरंग टी-1 के निर्माण में अनेक भौगोलिक चुनौतियों, जिनमें दुर्गम क्षेत्र और सुरंग के अंदर से भारी मात्रा में आने वाले जल प्रवाह का भी सामना करना पड़ा । यह सुरंग निचले हिमालय से होकर गुजरती है और यह ज्‍वाइंटिड और फ्रैक्‍चर्ड डोलोमाइट वाली भी है । साथ ही, इसका लगभग 300 से 350 मीटर का बड़ा हिस्‍सा एक बड़े जलप्रपात, जिसे कि मेन बाउंड्री थ्रस्‍ट के रूप में जाना जाता है, से होकर गुजरता है । भारी जल प्रवाह वाले इस जलप्रपात की उपस्‍थिति के कारण इस हिस्‍से में सुरंग की खुदाई का कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण रहा ।
प्रारंभ में, इस सुरंग की खुदाई परंपरागत एनएटीएम टनलिंग फिलोस्‍फी पद्धति से की गई । किंतु मेन बाउंड्री थ्रस्‍ट के विस्‍को-इलास्‍टिक प्‍लास्‍टिक मीडिया को व्‍यवस्‍थित करने के लिए इसे डीप ड्रेनेज पाइपों, अम्‍ब्रेला पाइप रूफिंग, केमिकल ग्राउटिंग, फेस बोल्‍टिंग, मल्‍टीपल ड्रिफ्ट वाली सिक्‍वेंसियल एक्‍सकेवेशन, रिजिड सपोर्ट और शॉटक्रेटिंग इत्‍यादि द्वारा खोदी जाने वाली आई-सिस्‍टम प्रणाली से पूरा किया गया ।
सुरंग की आई सिस्‍टम प्रणाली को अपनाकर एमबीटी के जरिए सुरंग टी-1 की खुदाई का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया और इस प्रकार कटरा से बनिहाल तक नई रेल लाइन के निर्माण की दिशा में एक नई उपलब्‍धि हासिल की गई । इस सुरंग के ब्रेक-थ्रू को इस राष्‍ट्रीय परियोजना की एक बड़ी उपलब्‍धि के रूप में देखा जा रहा है । इस उपलब्‍धि से कश्‍मीर घाटी को शेष भारत के रेल नेटर्वक से जोड़ने का स्‍वप्‍न साकार हो जाएगा ।
इस सुरंग का निर्माण ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के व्‍यापक संदर्भों में बेहद उल्‍लेखनीय है । इसके अंतर्गत कटरा और बनिहाल के बीच 38 सुरंगों का निर्माण शामिल है । इस रेलमार्ग पर सभी सुरंगों का निर्माण पूरा कर लिया गया है । इस परियोजना में बेहतर नियोजन और विभिन्‍न इंजीनियरिंग तकनीकों का इस्‍तेमाल करके बेहद लंबी और भौगोलिक दृष्‍टि से सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण 3209 मीटर लंबी टी-1 सुरंग की खुदाई का कार्य अब सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है । यह भारतीय रेल की ढांचागत प्रगति की प्रतिबद्धता को दर्शाता है ।
आज तक, खुदाई का 318 मीटर और कंकरीट लाइनिंग का 680 मीटर कार्य को बैलेंस कर लिया गया है । शेष कार्य पूरी रफ्तार से दिन-रात चल रहा है । भारतीय रेल कश्‍मीर घाटी को देश के शेष रेल नेटवर्क से जोड़ने के और करीब पहुँच रही है ।

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