डीसीएम इंटरनैशनल का विद्यार्थी भारतीय सेना में लेफ्टीनेंट नियुक्त, देश भर में पाया सातवा रैंक
स्कूल प्रशासन के अलावा माता-पिता को दिया सफलता का श्रेय
डीसीएम इंटरनैशनल का विद्यार्थी भारतीय सेना में लेफ्टीनेंट नियुक्त, देश भर में पाया सातवा रैंक
-स्कूल प्रशासन के अलावा माता-पिता को दिया सफलता का श्रेय-
फिरोजपुर, 15 दिसम्बर, 2020
इंसान को अगर किसी मुकाम को पाने का जनून चढ़ जाएं तो मंजिल खुद ब खुद उसकी तरफ दौड़ी चली आती है। ऐसा ही जनून डीसीएम इंटरनैशनल के विद्यार्थी अंकित बूरा पर चढ़ा था। देश की सेवा के मकसद से भारतीय सेना में भर्ती होने की लगन से अंकित ने दिन-रात मेहनत की और उसका सेना में लैफ्टीनेंट के तौर पर चयन हुआ है। उसने ऑल इंडिया में 7वां रैंक हासिल किया है और अब एक साल तक चेन्नई में ट्रेनिंग पर जएगा। जोकि उसके माता पिता सहित स्कूल व जिले के लिए गर्व की बात है।
अंकित बताते है कि उसके पिता ईश्वर दास एयर फोर्स से रिटायर्ड है और माता संतोष देवी गृहणि है। पिता उसे एयर फोर्स में भेजना चाहते थे, लेकिन वह आर्मी में जाने का ख्वाब रखता था। स्कूल में वर्ष 2003 से 2015 तक पहली से बाहरवी तक की पढ़ाई की। प्रिंसिपल संगीता निस्तेन्द्रा बताते है कि अंकित पढऩे में होशियार के अलावा स्पोर्टस टीम का कैप्टन व हैड ब्वॉय था। अंकित ने स्टॉफ सिलैक्शन कमिश्न का पेपर क्लियर करने के अलावा जेईई मैन्स व एनडीए की परीक्षा भी पास की थी। इस दौरान उसने अमेरिका की एक कंपनी में दो साल नौकरी भी की। अंकित ने बताया कि उसे जीवन में कई मुश्किलो से गुजरना पड़ा, लेकिन उसने हिम्मत ना हारी। अपनी सफलता का श्रेय उसने स्कूल के मेहनती स्टॉफ व अभिभावको को दिया है। अंकित बुरा ने कहा कि स्कूल में ही उसे उच्च स्तरीय शिक्षा मिली की सेना में परीक्षा देते समय उसके बिल्कुल भी कठिनाई महसूस ना हुई।
वीपी मनरीत सिंह ने कहा कि डीसीएम में पढऩे वाले विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के अलावा प्रतियोगात्मक परीक्षाओ की भी तैयारी करवाई जाती है। शिक्षा की गुणवत्ता का परिणाम है कि हर वर्ष डीसीएम के विद्यार्थी देश के उच्चतम संस्थाओ में एडमिशन पाते है।
यहीं कारण है कि डीसीएम ग्रुप के 74 वर्ष के इतिहास में अनेको आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील सहित विभिन्न उच्च पदो पर नियुक्त अधिकारी तैयार किए है।