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ऐडिड स्कूलों के अध्यापकों को अप्रैल से आज तक का वेतन नहीं मिला

फाजिल्का, 22 सितंबर : पंजाब सरकार विकास के नाम पर लोगों को यह जता रही है कि राज्य का प्रत्येक वर्ग खुशहाल है। किसी भी वर्ग को सरकार से कोई शिकायत नहीं है क्योंकि सरकार हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ कर रही है। चाहे वो सुविधाएं देने का मामला हो, वेतन देना हो या अन्य कोई भी कार्य हो। सरकार प्राथमिकता के आधार पर कर रही है। सरकार सरकारी स्कूलों को करोड़ों रुपए की ग्रांटे पानी की तरह बहा रही है ताकि राज्य में सर्व शिक्षा के नाम पर कोई भी बच्चा या अध्यापक इससे वंचित न हो लेकिन हैरानी का विषय यह है कि जब ऐडिड स्कूलों का नाम लिया जाता है तो सरकार चुप्पी साध लेती है। सरकार के पास कोई संतोषजनक उत्तर नहीं होता चाहे वो वेतन देना हो चाहे अन्य कोई सुविधा देनी हो सरकार का खजाना खाली रहता है। सरकार सरकारी अध्यापकों को प्रतिमाह वेतन उनके खाते में डलवा दिया जाता है। उनको किसी भी बात की कोई चिंता नहीं होती कि वेतन कब आएगा लेकिन ऐडिड स्कूलों के अध्यापकों को वेतन के नाम पर कई-कई महीने इंतजार की घडिय़ां गिननी पड़ती हैं। उनको वेतन देने में सरकार हमेशा लेटलतीफी करती है वर्तमान में ऐडिड प्राइमरी अध्यापकों को अप्रैल से लेकर आज तक का वेतन नहीं मिला जिससे इस महंगाई के युग में बिना पैसे के गुजारा करना कितना मुश्किल है। इस बात का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। उक्त उदगार प्रकट करते हुए पंजाब गवर्नमेंट ऐडिड स्कूल अध्यापक एवं अन्य कर्मचारी यूनियन के मालवा जोन के मीडिया इंचार्ज अजय ठकराल ने बताया कि यदि पर्स भी खाली हो और जेब भी खाली हो तो अध्यापक स्कूल में ताली कैसे बजा सकते हैं। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है कि इन स्कूलों को मिलने वाली तिमाही अनुदान राशि जल्द से जल्द जारी की जाए ताकि इन अध्यापकों को वेतन समय पर मिल सके तथा इन अध्यापकों को मानसिक परेशानी से बचाया जा सके।

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