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शांति विद्या मंदिर में ट्रैफिक नियमों एवं नशा विरोधी सेमिनार का आयोजन

शांति विद्या मंदिर में ट्रैफिक नियमों एवं नशा विरोधी सेमिनार का आयोजन

शांति विद्या मंदिर में ट्रैफिक नियमों एवं नशा विरोधी सेमिनार का आयोजन

18.4.2022: आज शांति विद्या मंदिर में ट्रैफिक नियमों संबंधी एवं नशा विरोधी सेमिनार का आयोजन किया गया। यह सेमिनार एस.एस.पी फिरोजपुर के मार्गदर्शन में लगाया गया। जिसमें ए.एस.आई सरदार लखबीर सिंह एवं ए.एस.आई सरदार गुरमेज सिंह जी ने स्कूल के छात्रों एवं छात्राओं को ट्रैफिक नियमों संबंधी जानकारी दी एवं उन्हें नशे से दूर रहने के लिए कहा।उन्होंने कहा कि दो पहिया वाहन चलाने के लिए कम से कम उम्र 16 साल है और बाकी वाहन चलाने के लिए कम से कम उम्र 18 साल है। 16 साल की उम्र के बाद लर्निंग लाइसेंस बनता है और 18 साल की उम्र के बाद वाहन चलाने वाले के पास उस वाहन से संबंधित सभी कागजात पूरे होने चाहिए। जिनमें आर.सी,पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस और ड्राइविंग लाइसेंस; यह चारों चीजें एक वाहन चालक के पास होना जरूरी है।

उन्होंने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस,आर.टी.आई ऑफिस जाकर बनवाया जा सकता है और वहां पर कोई भी आपसे किसी भी किस्म की पैसों की फरमाइश नहीं करेगा। क्योंकि सरदार रणवीर सिंह भुल्लर एम.एल.ए शहरी की तरफ से खास तौर पर हिदायत दी गई है कि कोई भी सरकारी या गैर सरकारी इंसान किसी भी काम के लिए रिश्वत नहीं लेगा। उसके अलावा उन्होंने छात्रों को वाहन चलाते समय बरती जाने वाली सावधानी के विषय में बताते हुए कहा कि जब भी कार में बैठे तो सीट बेल्ट बांध कर बैठो और दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करो।कभी भी बहुत ज्यादा गति से वाहन ना चलाओ।नशे की हालत में या मोबाइल फोन का प्रयोग करते हुए वाहन मत चलाओ। क्योंकि इससे दुर्घटना हो सकती है और कई बार जान से भी हाथ धोना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि हमें बहुत तकलीफ होती है,जब हमें किसी के एक्सीडेंट की खबर मिलती है और हमें उनको बहुत ही दर्दनाक हालत में उनके घर तक पहुंचाना पड़ता है। उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि दुर्घटनाएं अधिकतर 14 से 32 साल की उम्र के लोगों के साथ होती हैं। जिसके दो मुख्य कारण हैं एक तो तेज गति से वाहन चलाना एवं ट्रैफिक नियमों का पालन ना करना और दूसरा नशे की हालत में वाहन को चलाना। इसलिए उन्होंने छात्रों को हिदायत दी की ट्रैफिक नियमों से संबंधित जानकारी घर में अपने माता- पिता एवं बहन- भाइयों के साथ भी सांझी करें और नशा रहित जीवन जिए।क्योंकि घर के हर सदस्य का जीवन एक दूसरे के लिए जरूरी है। जिस घर में नशा नहीं है ,वह घर हंसता बसता रहता है इसलिए अपने घर एवं बाहर वातावरण खुशहाल बना कर रखें। अपने माता-पिता की उनके काम में मदद करें। नशे का प्रयोग ना करें।ट्रैफिक नियमों का पालन करें ताकि सब एक खुशहाल जीवन जी सकें।

स्कूल के डी.पी सर सरदार गुरसाहब सिंह ने इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए सर्वप्रथम ए.एस.आई लखबीर सिंह जी एवं ए.एस.आई सरदार गुरमेज सिंह जी का धन्यवाद किया और उन्हें आश्वासन दिया कि हम अपने स्कूल में केवल उन्हीं अध्यापक एवं छात्रों को वाहन लाने की अनुमति देंगे जिनके वाहन से संबंधित सभी कागजात पूरे होंगे।

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