मयंक फ़ाउंडेशन ‘पर्यावरण शिक्षा’ के तहत “द ग्रीन कैनवास” का करेगा भव्य आयोजन
साइक्लाथॉन, फ्लावर शो, नेचर फ़ोटोग्राफ़ी प्रदर्शनी, पेंटिंग प्रतियोगिता, किचन गार्डनिंग और वर्मीकम्पोस्टिंग पर कार्यशाला का होगा आयोजन

साइक्लाथॉन, फ्लावर शो, नेचर फ़ोटोग्राफ़ी प्रदर्शनी, पेंटिंग प्रतियोगिता, किचन गार्डनिंग और वर्मीकम्पोस्टिंग पर कार्यशाला का होगा आयोजन
फिरोजपुर, 23 मार्च: पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मयंक फाउंडेशन द्वारा पंजाब राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से तथा भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली’ (LiFE – Lifestyle for Environment) पहल के अंतर्गत “द ग्रीन कैनवास” कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
फाउंडेशन के सचिव राजीव सेतिया ने बताया कि फ़िरोज़पुर में पहली बार आयोजित हो रहा यह कार्यक्रम समाज में पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा देने और लोगों को हरित जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसमें छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय समुदाय के लिए विविध रोचक और शिक्षाप्रद गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।
कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियाँ:
किचन गार्डनिंग कार्यशाला: घर पर जैविक खेती और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशिक्षण।
वर्मीकम्पोस्टिंग कार्यशाला: जैविक कचरे के प्रबंधन और प्राकृतिक खाद निर्माण की तकनीकों पर मार्गदर्शन।
फूल एवं सजावटी पौधों की प्रदर्शनी: प्रकृति की सुंदरता, जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन की महत्ता को उजागर करना।
नेचर फ़ोटोग्राफ़ी प्रदर्शनी: प्रकृति की भव्यता और उसके संरक्षण की आवश्यकता को प्रदर्शित करने वाली आकर्षक फोटोग्राफी का प्रदर्शन।
चित्रकला प्रतियोगिता: “माँ प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण” थीम पर बच्चों और युवाओं की रचनात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करना।
हरित भविष्य की ओर एक सार्थक पहल
इस आयोजन के माध्यम से मयंक फाउंडेशन समाज में प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने और पर्यावरण हितैषी जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित करने की अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ कर रहा है।
मयंक फाउंडेशन सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों, पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय नागरिकों से इस पहल में सक्रिय भागीदारी की अपील करता है, ताकि हम मिलकर एक हरित, स्वच्छ और सतत भविष्य का निर्माण कर सकें।