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दास एंड ब्राऊन स्कूल में एस्पीरेंटस कल्ब का हुआ गठन, आईएएस हिमांशु अग्रवाल ने विद्यार्थियों से सांझे किए अनुभव

फिरोजपुर में सिविल सर्विसिज की कोचिंग लेने का सपना साकार करेंगे विद्यार्थी
-दास एंड ब्राऊन स्कूल में एस्पीरेंटस कल्ब का हुआ गठन, आईएएस हिमांशु अग्रवाल ने विद्यार्थियों से सांझे किए अनुभव –
-बोले: मैं डीसीएम में पढक़र ही आईएएस बना, कोचिंग लेने बड़े शहरो में नहीं गया –
फिरोजपुर, 22 जुलाई 2019 
सीमावर्ती  क्षेत्र में बच्चों के आई.ए.एस. बनने के सपने को साकार करने के मकसद से डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स की तरफ से दास एंड ब्राऊन वल्र्ड स्कूल में सिविल सर्विसिज एस्पीरेंटस कल्ब का विधिवत उद्वाटन किया गया जिसमें अमृतसर के एडीसी व आला आईएएस अधिकारी हिमांशु अग्रवाल ने मुख्यातिथि के तौर पर हिस्सा लेकर विद्यार्थियों के साथ अपने जीवन के अनुभवो को सांझा किया। वी.पी. एडमिन मनजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि कल्ब का मकसद क्षेत्र के विद्यार्थियों को वह तमाम सुविधाएं, किताबे, स्किल्स मुहैया करवाना है, जिसके माध्यम से बच्चें आईएएस व पीसीएस अधिकारी बनने के सफर की तरफ अग्रसर हो सके। उन्होने बताया कि डीसीएम का एकमात्र लक्ष्य अगले एक दशक में दस से ज्यादा आईएएस अधिकारी तैयार करना जोकि देश की सेवा में अहम योगदान अदा कर सके।  
सारागढ़ी ब्लॉक में आयोजित समारोह में स्कूल की गयारहवीं व बाहरवीं कक्षा के शिक्षार्थियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर एडीसी हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि जीवन के हरेक पहलू से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि उनकी आरम्भिक शिक्षा डीसी मॉडल स्कूल से ही पूरी हुई और यहां के टीचर्स व प्रिंसीपल से जो ज्ञान हासिल होता है अगर विद्यार्थी उसे ही सहीं ढंग से सीख ले तो उन्हें कोचिंग लेने के लिए दिल्ली या कोटा जैसे बड़े शहरो में जाने की जरूरत नहीं पड़ेेगी। उन्होंने कहा कि यहां  पढक़र ही वह इस मुकाम को हासिल कर पाएं है।
विद्याथिर्यों के साथ बातचीत करते हुए डा: हिमांशु ने कहा कि जो ज्ञान किताबो में है, वह हमारी असल जिंदगी में नहीं है। विद्यार्थी वर्ग को हमेशा सीखने की लगन रखनी चाहिए। अपने जीवन के तीन पहलूओं को विद्यार्थियों के साथ सांझा करते हुए डा: हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने जब अपने मित्रों के साथ कोई मूवी देखी तो उसमें एक्ट्रेस के बारे में जब उन्होंने गुगल पर जाकर सर्च किया तो पता चला कि उसे ऑस्कर आवार्ड मिला है और यहीं सवाल उनकी परीक्षा में आया और उन्होंने इसका सही जवाब दिया। इसी तरह मैट्रो में सफर करते वक्त और बजार से पूरिया मंगवाते वक्त जिस अखबार के लिफाफे में पूरिया आई, उसमें ऐसा मैटीरियल मिला कि वह भी उनके आईएएस की परीक्षा में काम आया। उन्होंने कहा कि  उनके जीवन में सफलता का राज यहीं है कि उन्होंने हर चीज से बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने विद्यार्थियों को अभिभावको व अध्यापको की रिस्पेक्ट करने का भी पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि हरेक चीज को हासिल करने के दो रास्ते है, जिसमें एक आसान और दूसरा मुश्किल। आसान रास्ता अपनाने से बेशक शोहरत व दौलत जल्दी मिलती हो, लेकिन वह ज्यादा लंबे समय तक नहीं टिकती। उसी तरह मेहनत करने तथा मुश्किल रास्ते को अख्तियार करने से जो सफलता मिलती है उसका फल कई गुणा ज्यादा मीठा होता है। 
वहीं डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स के सीईओ अनिरूद्ध गुप्ता ने कहा कि स्टडी के चार महत्तवपूर्ण अंग होते है, जिसमें राईटिंग, स्पीकिंग, रीडिंग, लिस्निंग मुख्य है। वर्तमान में विद्यार्थी वर्ग स्पीकिंग व राइटिंग को भी ज्यादा तवज्जों देता है, लेकिन रीडिंग की तरफ किसी का ध्यान नहीं नहीं जाता। उन्होनें विद्यार्थियों से कहा कि हर चीज में मतलब होता है और बच्चों को चाहिए इंटरनैट का इस्तेमाल फिजूल की सर्च करने की बजाय अपनी नॉलेज बढ़ाने की तरफ ज्यादा करे ताकि जीवन में सफलता की कुंजी हाथ लग सके। 
वहीं कल्ब मैंबर्स विद्यार्थियों आस्था, पलक, नवदीप कुमारी, मुस्कान ने कहा कि वह भी उच्चाधिकारी बनकर देश की सेवा में समर्पित होना चाहते है और आज आईएएस अधिकारी के दिए मूलमंत्रो से उनके जीवन पर अनूठी छाप पड़ी है। उन्होंने कहा कि  एस्पीरेंटस कल्ब से उन्हें बहुत कुछ सीखने का मौका मिलेगा। इस अवसर पर डा: सैलिन, प्रेमानंद, रानी पौदार, नीशू अग्रवाल, हर्षसंगीत सहित अन्य अध्यापकगण उपस्थित थे।

 

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