तन का टेढा व्यक्ति बुरा नहीं होता अपितु मन का टेढा व्यक्ति बहुत ही खतरनाक होता है: अजय जी मिश्रा
श्री बालाजी धाम में छटे दिन दशरथ कैकई संवाद का वर्णन
फाजिल्का, 7 फरवरी: दुख निवारण श्री बालाजी धाम के चल रहे 9वें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में परम पूज्य परम श्रद्धेय महामंडलेश्वर स्वामी 1008 श्री कमलानंद गिरी जी महाराज हरिद्वार वालों की पावन अध्यक्षता में जारी दिव्य श्री राम कथा में आज छटे दिन कथा के यजमान कानूनगो रविंदर भूसरी, संदीप वढेरा, बंटी पटवारी के परिवार की तरफ से कथा व्यास अयोध्या धाम से पधारे श्री अजय मिश्रा जी को माल्यार्पण व तिलक लगाकर आज की कथा सुनाई। कथा व्यास अजय मिश्रा जी ने बताया कि राम वन गमन की कथा करते कहा कि मां ककई ने दो वरदान राजा दशरथ से मांगे एक भरत को राजा बनाना व दूसरे में श्री राम चंद्र जी को 14 वर्ष का बनवास और जो भी वरदान मांगने में कठोरता दिखाई इसके पीछे दासी मंथरा का पूरा प्रयास था। कथा व्यास जी ने कहा कि उत्ताप से जलता हुआ एक अकेला व्यक्ति सारे समाज को जलाकर राख कर देता है। मंथरा मानस की एक ऐसी पात्रा है जो अवगुणों की भंडार व तन ही की ठेठी नहीं मन की टेढी है। तन का टेढा व्यक्ति बुरा नहीं होता अपितु मन का टेढा व्यक्ति बहुत ही खतरनाक होता है। शरीर से अक्षम तो बहुत बड़े-बड़े विद्वान संत आचार्य भी हुए लेकिन उन्होंने अपने सुंदर मन से समाज को सुंदर रास्ता दिखाया। कथा व्यास अजय मिश्रा जी ने आगे बताया कि मंथरा के कुटिल प्रयास ने समस्त अयोध्या वासियों का सुखहीन कर उन्हें रोने को मजबूर कर दिया। रामवण गमन के पीछे श्री राम जी जो सुंदर चित्र उजागर हुआ प्रभु राम ने उन कोल, भील, किरात, ब्याघ, केवट, निषाद सुंदर मन से अपना बना लिया जो समाज में हिंसा फैलाते थे। सुंदर समाज की संरचना में लग गए। राम जी का चरित्र अनुकरणीय है। उन्होंने जाति-पाति भेद-भाव ऊंच-नीच का भेदभाव मिटाकर एक सुंदर राष्ट्र का निर्माण किया। आज हर जन मन में श्री राम जी के प्रति आदर और श्रद्धा है। इस अवसर पर श्री जुनेजा ने बताया कि आज की आरती मुख्य यजमानों के अलावा मंदिर कमेटी के सदस्यों प्रधान महावीर प्रसाद मोदी, अश्वनी बांसल, राकेश धवन, सतीश सचदेवा, सुधीर सिडाना, नरिंदर सचदेवा, अशोक डोडा, विपुल दत्ता, सतपाल उबवेजा, विजय आर्या, चरनपाल डोडा, किरण चोपड़ा, विजय शर्मा, लवली, राहुल, अनू ने उतारी।