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डीसीएम इंटरनैशनल के विद्यार्थियों ने परिवार के साथ रहकर लॉकडाऊन को बनाया सार्थक, स्कूल आज करवाएगा शो एंड टैल  प्रतियोगिता

इंटरनैशनल फैमिली डे पर विशेष

डीसीएम इंटरनैशनल के विद्यार्थियों ने परिवार के साथ रहकर लॉकडाऊन को बनाया सार्थक, स्कूल आज करवाएगा शो एंड टैल  प्रतियोगिता
-इंटरनैशनल फैमिली डे पर विशेष-
-कक्षा में परिवार की तरह रहकर भी बच्चा सीखता है अनेक गुण: प्रिंसिपल-
डीसीएम इंटरनैशनल के विद्यार्थियों ने परिवार के साथ रहकर लॉकडाऊन को बनाया सार्थक, स्कूल आज करवाएगा शो एंड टैल  प्रतियोगिता
फिरोजपुर, 14 मई, 2020
विद्यार्थियों में परिवार के प्रति प्रेम व अपनत्व बढ़ाने के उद्देश्य से डीसीएम इंटरनैशनल स्कूल द्वारा विश्व परिवार दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों को परिवार में रहकर ज्यादा समय बिताने को प्रेरित किया जा रहा है। क्योंकि बच्चा परिवार में रहकर ही अपने माता-पिता, दादा-दादी सहित अन्य बड़ो से संस्कार  सीखता है और परिवार में रहकर ही एक-दूसरे के प्रति आपसी सहयोग की भावना पैदा होती है।
प्रिंसिपल संगीता निस्तेन्द्रा ने बताया कि समाज का केन्द्र परिवार होता है और परिवार के बिना समाज नहीं चल सकता। उन्होंने कहा कि डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स भी एक परिवार की भांति है और स्कूल में आकर भी विद्यार्थी परिवार की तरह कक्षा में रहता है। उन्होंने कहा कि कक्षा में बच्चों को अध्यापकों द्वारा शिक्षा के अलावा अन्य एक्टिविटी के बारे में जो ज्ञान दिया गया था, उसे बच्चों ने लॉकडाऊन के समय में अपनाया और नई मिसाल पैदा की। उन्होंने कहा कि इस दिन को यादगार बनाने के लिए तीसरी कक्षा के बच्चों के मध्य शो एंड टैल  ऑनलाइन प्रतियोगिता भी करवाई जा रही है।
निस्तेन्द्रा ने बताया कि पांचवी के जतिन शर्मा ने अपने घर न्यू आजाद नगर में घर के पास खाली प्लाट में सब्जियों की खेती की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ने अपने पिता सचिन शर्मा के सहयोग से खाली जगह में नींबू, धनिया, घीया, तौरी के  पौधे लगाया जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
छात्रा अर्षिया पुत्री श्याम सुंदर ने अपने भीतर छिपी प्रतिभा को निखारते हुए आइल पेंटिंग, लूडे गेम, कार्टबोर्ड से डस्टबिन बनाने के अलावा पेस्ट कागजों के झूमर बनाएं।
वहीं छट्टी कक्षा की छात्रा आकर्षि धवन ने कोरोना के खिलाफ चल रही इस जंग में योगदान देते हुए दादी कांता रानी से मॉस्क बनाने सीखे और खुद सिलाई मशीन से मॉस्क सिलकर जरूरतमंदो में बांटे।
वीपी मनरीत सिंह ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1993 में इस दिवस की घोषणा की गई थी और तभी से 15 मई को विश्व परिवार दिवस के रूप में मनाया जाता है। मई 1994 को पहली बार इस दिवस को मनाया गया था जोकि संयुक्त परिवार का संदेश देता है। भारत में हर साल इस दिवस को परिवारों के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने और परिवारों के महत्तव को स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है।

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