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कर्टन रेजर-अमृत भारत स्टे शन योजना – अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत फिरोजपुर मंडल के 5 रेलवे स्टेशनों निर्माण कार्य का शिलान्यास कल प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के करकमलों द्वारा किया जाएगा

कर्टन रेजर-अमृत भारत स्टे शन योजना – अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत फिरोजपुर मंडल के 5 रेलवे स्टेशनों निर्माण कार्य का शिलान्यास कल प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के करकमलों द्वारा किया जाएगा

कर्टन रेजर-अमृत भारत स्टे शन योजना - अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत फिरोजपुर मंडल के 5 रेलवे स्टेशनों निर्माण कार्य का शिलान्यास कल प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के करकमलों द्वारा किया जाएगा
फिरोजपुर, 25-2-2024: भारतीय रेल, भारत में राष्ट्रीय रेल परिवहन प्रणाली का एक प्रमुख आधार है। यह भारत के परिवहन ढांचे का एक अभिन्न अंग है। यह विश्वर के सबसे बड़े और व्यस्तम रेलवे नेटवर्क्स में से एक है जो देश के हजारों शहरों और नगरों को परस्पर जोड़ते हुए लाखों लोगों को यातायात का एक महत्वतपूर्ण साधन उपलब्ध कराता है। भारतीय रेल ने आजादी के बाद से देश के विस्तृत भौगोलिक क्षेत्र में लोगों, अन्नागारों, उद्योगों और समुदायों को परस्पर जोड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश के रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत देश भर के 1309 स्टेशनों को पुनर्विकसित कर उन्हें आधुनिक बनाया जा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पहले फ़ेज़ में देश भर के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास किया था जिसका कार्य तेज़ी से चल रहा है। इस विकास यात्रा को आगे बढ़ाते हुए कल दिनांक 26 फरवरी, 2024 को दूसरे फ़ेज़ में 554 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास तथा 1500 रोड ओवर ब्रिज/ अंडरपास का शिलान्यास/ राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।
अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत फिरोजपुर मंडल के 5 रेलवे स्टेशनों यानी श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा, जालंधर सिटी, ब्यास, मोगा और बैजनाथ पपरोला के पुनर्विकास कार्य एवं 10 रोड ओवर ब्रिज/ अंडरपास यानी अमृतसर यार्ड में स्थित रीगो ब्रिज संख्या 157, जालंधर शहर-पठानकोट रेलखण्डर के बीच स्थित समपार संख्यात C-124, जालंधर शहर-पठानकोट रेलखण्डी के बीच स्थित समपार संख्याी C-125, बठिंडा-फिरोजपुर कैंट रेलखण्डर के बीच स्थित समपार संख्याी C-46, लुधियाना-फिरोजपुर कैंट रेलखण्ड् के बीच स्थित समपार संख्याथ C-82, लुधियाना-फिरोजपुर कैंट रेलखण्ड2 के बीच स्थित समपार संख्या् C-86, जालंधर शहर-पठानकोट रेलखण्ड् के बीच स्थित समपार संख्याु A-141, जालंधर छावनी-पठानकोट रेलखण्डि के बीच स्थित समपार संख्या C-118, साहनेवाल-अमृतसर रेलखण्डख के बीच स्थित समपार संख्याक S-118 तथा भरोली-जम्मू तवी रेलखण्डथ के बीच स्थित समपार संख्याा S-51 के निर्माण कार्य का शिलान्यास कल माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के करकमलों द्वारा किया जाएगा। इन आरओबी/ आरयूबी तथा रेलवे स्टेनशनों के पुनर्विकास की कुल लागत 650 करोड़ रुपए से अधिक होगी।

रेलवे स्टे शनों पर विश्वशस्तकरीय सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास में, भारत सरकार द्वारा लागू की गई ‘अमृत भारत स्टेसशन योजना’ के अंतर्गत देश में रेलवे स्टेरशनों को आधुनिक और दीर्घकालिक प्रतिष्ठा नों के रूप में पुनर्विकसित किया जा रहा है। ये रेलवे स्टे शन भारत के गौरव, उसकी कला और समृद्ध सांस्कृूतिक विरासत को प्रदर्शित करेंगे। ‘अमृत भारत स्टेेशन योजना’ के अंतर्गत दी जाने वाली सुविधाओं में अवांछित ढांचों को हटाकर रेलवे स्टे्शन तक सुगम पहुँच बनाना, बेहतर प्रकाश व्य वस्थाा, खुले सर्कुलेटिंग एरिया, उन्न त पार्किंग क्षेत्र, दिव्यांुगजनों के अनुकूल आधारभूत सुविधाएं, हरित और नवीनीकृत ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण-अनुकूल इमारतें शामिल हैं ।
स्टेाशन डिजाइन के मानक बिन्दुै इस प्रकार होंगे :
• स्टे‍शनों का सिटी सेंटरों के रूप में विकास
• शहर के दोनों छोरों का एकीकरण
• स्टेकशन भवनों का सुधार/पुनर्विकास
• आधुनिक यात्री सुविधाओं का प्रावधान
• बेहतर यातायात व्यिवस्थाव और इंटरमोडल इंटीग्रेशन
• रेल यात्रियों को मार्गदर्शन देने के लिए एक-समान और सहायक सूचक चिन्हज
• मास्टार प्लादन में उचित संपत्ति- विकास का प्रावधान
• लैंडस्के‍पिंग, स्था नीय कला और संस्कृ ति

रोड ओवर ब्रिज (आरओबी)/अंडरपास के लाभ:
मानवयुक्त समपार फाटकों को खत्म करने के लिए रोड ओवर ब्रिज (आरओबी)/अंडरपास का निर्माण किया जाता है और यह भारतीय रेलवे के सभी जोनों में एक सतत प्रक्रिया है। लेवल क्रॉसिंग (समपार फाटक) को खत्म करने की प्राथमिकता ट्रेन संचालन में सुरक्षा, ट्रेनों की गतिशीलता, सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए देरी और यात्रा के समय को कम करके परिवहन नेटवर्क की दक्षता में सुधार आदि इसके प्रभाव पर आधारित है। इनके साथ ही आरओबी तथा आरयूबी से सड़क का उपयोग करने वाले नागरिकों की सुरक्षा में बढोत्तरी होगी, फाटक के हटने से रोड ट्रैफिक भी सुगम होगा, समय तथा ईंधन की बचत, पर्यावरण भी इको-फ्रेंडली होगी।

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