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उम्मीद , होंसले , सकारात्मकता व जज़्बे का नाम मयंक फाऊंडेशन -सीमावर्ती जिले में शिक्षा, खेल, यातायात, पर्यावरण और समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही है फाऊंडेशन

2024 में और मज़बूती से सामाजिक दायित्व निभाने का लिया संकल्प 

उम्मीद , होंसले , सकारात्मकता व जज़्बे का नाम मयंक फाऊंडेशन -सीमावर्ती जिले में शिक्षा, खेल, यातायात, पर्यावरण और समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही है फाऊंडेशन
उम्मीद , होंसले , सकारात्मकता व जज़्बे का नाम मयंक फाऊंडेशन -सीमावर्ती जिले में शिक्षा, खेल, यातायात, पर्यावरण और समाजसेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही है फाऊंडेशन
2024 में और मज़बूती से सामाजिक दायित्व निभाने का लिया संकल्प
– फिरोजपुर (31 दिसंबर)
शिक्षा, खेल, यातायात, पर्यावरण और समाजसेवा के क्षेत्र में अहम योगदान देने वाली मयंक फाऊंडेशन द्वारा वर्ष 2023 में शिक्षा , सड़क सुरक्षा, खेलों व रक्तदान के क्षेत्र में अहम योगदान अदा किया गया है। फाऊंडेशन सदस्यो द्वारा वर्ष 2024 में इससे भी ज्यादा कार्य करने का संकल्प लिया गया है।
सचिव राकेश कुमार ने बताया कि फाऊँडेशन द्वारा स्थापित संतोष सेवा कुंज में 20 महिलाओ को सिलाई व कपड़े की कटाई की ट्रेनिंग की गई है ताकि मातृशक्ति आत्म निर्भर बनकर अपने पैरो पर खड़ी हो सके। उन्होंने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम के तहत पंजाब व सैंट्रल बोर्ड की कक्षाओ की छात्राओ को नि:शुल्क कोचिंग क्लासिस आरम्भ कर शिक्षा दी गई है। उन्होंने बताया कि पहले बैच में 30 छात्राओ ने मैट्रिक की शिक्षा हासिल की थी और उन्होंने बोर्ड कक्षाओ में टॉप भी किया है।
प्रधान अनिरूद्ध गुप्ता के नेतृत्व में चल रही इस फाऊँडेशन में उन्होंने बताया कि यातायात के क्षेत्र में कार्य करने पर पंजाब सरकार की सडक़ सुरक्षा के लिए स्थापित लीड ऐजंसी द्वारा फाऊंडेशन का पंंजीकरण किया है और एडीजीपी ट्रेफिक द्वारा सर्टीफिकेट देकर सम्मानित भी किया गया गया है। राकेश कुमार ने बताया कि फाऊंडेशन के बेहतरीन कार्यो को देखते हुए लवली यूनिवर्सिटी, सीटी यूनिवर्सिटी, जिला प्रशासन द्वारा भी एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा जा चुका है। प्रतिभा कन्या स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत हर वर्ष 39 प्रतिभाशाली छात्राआ को उच्च शिक्षा के लिए 3.90 लाख रूपए की छात्रवृति प्रदान की गई है। विश्व रक्तदान दिवस के उपलक्ष्य में भारतीय सेना के साथ मिलकर विशाल शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 491 यूनिट रक्तदान हुआ।
अमन सेतिया की मधुर स्मृहित में मयंक फाऊंडेशन द्वज्ञक्रा गुरू गोबिंद सिंह मैडिकल कॉलेज व अस्पताल फरीदकोट के सहयोग से अमन सेतिया मैमोरियल कैंसर जागरूकता सैमिनार व चैकअप कैंप भी आयोजित किया गय, जिसमें हजारो मरीजो ने हिस्सा लेकर उपचार करवाया और जरूरतमंदो को नि:शुल्क दवाईया भी वितरित की गई। फाऊंडेशन द्वारा नेत्रहीन भाईयो के प्रति सद्भावना रखते हुए उनके साथ गणतंत्र दिवस, स्वतंत्र दिवस सहित अन्य त्यौहारो को मनाया जाता है। मयंक फाउंडेशन नियम अनुसार तथा सूचीबद्ध तरीके से नौजवान वर्ग और उभरती हुई प्रतिभाओं के लिए हमेशा से ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है ।
इसी कड़ी में जहां मयंक शर्मा पेंटिंग प्रतियोगिता, मयंक शर्मा स्पोर्ट्स एक्सीलेंस अवार्ड, मयंक शर्मा एजुकेशनल एक्सीलेंस अवार्ड, प्रतिभा कन्या स्कॉलरशिप के तहत 10000/-प्रति कन्या हर वर्ष उनकी स्नातक स्तर की परीक्षा के लिए प्रदान किए जाते हैं। हर वर्ष सडक़ सुरक्षा माह जिसमे विभिन्न के अलावा इस वर्ष रोटरी क्लब इंटरनेशनल के साथ एक एम.ओ.यू हस्ताक्षर करके करीब 100 शहरों में रिफ्लेक्टर लगाए जा रहें हैं । विभिन्न दिवस जिसमे ओज़ोन दिवस, धरती दिवस पर सेमिनार आयोजित करके तथा डस्ट टू डस्टबिन अभियान के तहत स्कूलों में डस्टबिन बाँटे गये ।
मयंक शर्मा यादगारी बैडमिंटन प्रतियोगिता, इच वन प्लांट वन पौधारोपण कार्यक्रम, रोड सेफ़्टी प्रोजेक्ट, वियर युअर हेलमेट कैंपेन के तहत ‘ ये दीवाली हेलमेट वाली ‘रिफ्लेक्टर मुहिम तथा अन्य अनेक ऐसे कार्य जिनकी समाज को आवश्यकता होती है, उनमें मयंक फाउंडेशन बढ़ चढक़र हिस्सा लेती है। इस फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य ही बच्चों के चेहरो पर मुस्कान बिखेरना तथा सामाज में कुछ सकारात्मक बदलाव लाना है ।
संस्थापक दीपक शर्मा ने बताया कि फाऊंडेशन का गठन उनके बेटे मयंक शर्मा की याद में हुआ था, जिसकी 7 अक्तुबर 2017 को बैंडमिंटन खेलते जाते समय शहीद भगत सिंह खेल स्टेडियम के बाहर सडक़ दुर्घटना में छात्र मयंक शर्मा की मौत के बाद पिता के मन में ऐसा जनून चढ़ा कि अपने बेटे की याद में पिछले छह वर्ष से बैडमिंटन की ओपन चैम्पियनशिप करवा रहे है। पेशे से सरकारी अध्यापक दीपक शर्मा का मयंक शर्मा इकलौता बेटा था और वह मन में ओलम्पियन बनने का सपना संजोए हुए था। स्कूल से आने के बाद वह रोजाना बैडमिंटन की घंटो प्रैक्टिस करता था ताकि खेलो के क्षेत्र में जिले का नाम रोशन कर सके। अपने बेटे की मौत के बाद पिता दीपक शर्मा ने अपने मित्रो के साथ मिलकर बेटे की याद में मयंक फाऊंडेशन द्वारा गठन किया।
जिसके बाद उन्होंने खेलो के क्षेत्र में स्टेट सहित राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम चमकाने वाले खिलाडिय़ो को सम्मानित करने के अलावा बैंडमिंटन की चैम्पियनशिप करवानी शुरू की, जिसमें पंजाब सहित हरियाणा, जम्मू, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रदेशो के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे है।

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