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अशु कुमार कवातड़ा बने सोसायटी के 336वें नेत्रदानी

फाजिल्का, 3 जून :नगर की सामाजिक संस्था सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा नेत्रदान अभियान के लिए ‘प्रयास हमारा सहयोग आपका’ की उक्ति सत्य चरितार्थ होती नजर आ रही है क्योंकि नेत्रदान अभियान में क्षेत्र के लोग पूरा सहयोग दे रहे हैं। इसके परिणाम स्वरूप नेत्रदानियों की संख्या में उत्तरोत्तर सोसायटी के प्रयासों से बढोतरी हो रही है। आज सोसायटी की सूचि में फाजिल्का के अशु कुमार कवातड़ा पुत्र सोहन लाल कवातड़ा वासी गली नंबर 5 राधा स्वामी कालोनी का नाम 336वें स्थान पर अंकित हो गया है। इस संबंधी जानकारी देते हुए सोसायटी के अध्यक्ष शशिकांत व प्रोजैक्ट प्रभारी रवि जुनेजा ने बताया कि अशु कुमार कवातड़ा का निधन हो गया। स्व. अशु कुमार कवातड़ा की माता श्रीमति आशा रानी की प्रेरणा से उनके भाईयों नवीन कुमार कवातड़ा व प्रवीण कुमार कवातड़ा ने अपने भाई के नेत्रदान करने की इच्छा प्रकट की व सोसायटी के सदस्यों रवि जुनेजा, नरेश मित्तल, अवनीश सचदेवा, संदीप अनेजा, राजीव जसूजा, राकेश गिल्होत्रा, अशोक मोंगा से संपंर्क कर मृतक की इच्छा अनुसार नेत्रदान करने का प्रस्ताव रखा। सोसायटी के आग्रह पर माता करतार कौर इंटरनेशनल आई बैंक की टीम अजय शर्मा मोनू के नेतृत्व में उनके नेत्र प्रत्यारोपण हेतु सुरक्षित कर लिए। बाद में सोसायटी के सदस्यों ने मृतक की देह पर चादर डालकर श्रद्धासुमन भेंट किए। श्री शशिकांत व रवि जुनेजा ने बताया कि आज तक सोसायटी द्वारा 336 व्यक्तियों के सोसायटी के माध्यम से नेत्रदान कर 672 नेत्रहीनों के जीवन में उजाला हुआ है। उन्होंने बताया कि किसी भी आयु का कोई भी व्यक्ति भले ही उसकी आंखों का आप्रेशन हुआ हो या और लैंस डाला जा चुका है तब भी वह नेत्रदान कर सकता है। नेत्रदान मृत्यू उपरांत प्रथम 6 घंटों में किया जा सकता है। सोसायटी ने जन साधारण को आह्वान किया है कि वह नेत्रदान को अपने परिवार की परंपरा बनाए ताकि किसी की अंतिम दृष्टि बन सके किसी और की प्रथम दृष्टि। सोसायटी के अध्यक्ष शशिकांत व महासचिव कंवल चराया ने बताया कि किसी भी रोगी को कोर्नियां ट्रांस्पलाट की अवश्यकता हो तो वो सिरसा स्थित नेत्र अस्पताल में निशुल्क कोर्निया ट्रांस्पलांट करने की भी व्यवस्था है। सोशल वेलफेयर सोसायटी के पदाधिकारियों ने आह्वान किया है कि कोर्निया ट्रांस्पलांट हेतु किसी भी रोगी का सारा उपचार निशुल्क करवाने की विशेष व्यवस्था की गई है।
फोटो कैप्शन: स्व. अशु कुमार कवातड़ा।

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