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अध्यापन में भविष्य बनाने वालो के लिए सैंटर फॉर रिसर्च इन एजुकेशन एंड रिसच प्रोग्राम स्वर्णिम सुअवसर

सैंकड़ो की संख्य में भावी शिक्षक शिक्षण पद्धति के बेहतरीन गुणो में कर चुके निपुणता हासिल

अध्यापन में भविष्य बनाने वालो के लिए सैंटर फॉर रिसर्च इन एजुकेशन एंड रिसच प्रोग्राम स्वर्णिम सुअवसर

-सैंकड़ो की संख्य में भावी शिक्षक शिक्षण पद्धति के बेहतरीन गुणो में कर चुके निपुणता हासिल-

अध्यापन में भविष्य बनाने वालो के लिए सैंटर फॉर रिसर्च इन एजुकेशन एंड रिसच प्रोग्राम स्वर्णिम सुअवसर

फिरोजपुर, 29 अप्रैल, 2021: 21वीं शताब्दी में शिक्षा के लगातार बदल रहे परिदृश्य व जरूरतो को देखते हुए  अध्यापको को परिपक्व बनाने के उद्देश्य से आरम्भ किए गए सैंटर फॉर रिसर्च इन एजुकेशन एंड टैक्नोलॉजी – सैनरेट- प्रोग्राम का अध्यापको को काफी लाभ मिल रहा है। सीमावर्ती क्षेत्र तीन माह पहले शुरू किए गए सैनरेट प्रोग्राम का अब तक सैंकड़ो की संख्या में भावी अध्यापको द्वारा लाभ उठाया जा चुका है। समापन समारोह में डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स के सीईओ अनिरूद्ध गुप्ता ने मुख्यातिथि के  तौर पर हिस्सा लेकर सैनरेट प्रोग्राम का लाभ उठा चुकी ट्रेनीज को बधाई देने के अलावा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

सैनरेट के माध्यम से अध्यापन के क्षेत्र में भविष्य बनाने वाले भावी शिक्षको को देश-विदेश के अनुभवी शिक्षको तथा शिक्षण संस्थाओ के प्रतिनिधियो द्वारा गुणात्मक शिक्षा के गुर तथा ऑनलाइन एजुकेशन के बारे में प्रशिक्षण देकर उन्हें एक अनुभवी शिक्षक बनाने में मदद की गई। नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावो को देखते हुए ऐसा प्रयास किया गया, ताकि स्कूलो में पढ़ाने वाले अध्यापको विद्यार्थियो को आधुनिक तकनीक से उच्च स्तरीय शिक्षा देने के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में आ रहेे बदलावो व समस्याओ को समझकर एक अच्छे शिक्षक के रूप में उभरकर सामने आ सके।

शिक्षाविद्व डा. गोपन गोपाला कृष्णन ने कहा कि इस प्रोग्राम के तहत एलीमैंट्री व सैकेंडरी अध्यापको के लिए विभिन्न मॉडयूल बनाए गए, ताकि उन्हें स्वयं को निखारने का अवसर प्रदान हो सके। उन्होंने कहा कि इन मॉडयूल में स्टूडैंट एंगेजमेंट इनहांस्मेंट, असैस्मेंट टैक्नोलॉजी, ब्लूम टैक्सोनॉमी आदि पर प्रशिक्षण देने के साथ-साथ विशेष रूप से मॉस्टर कक्षाओ का आयोजन हुआ, जिसमें देश-विदेश के इंडस्ट्री एक्सपर्ट द्वारा विशेष विषयो पर जानकारी दी गई।

सैनरेट ट्रेनिंग का लाभ उठा चुकी नायला ने बताया कि आज के बदलती शिक्षा प्रणाली के अनुसार यह अध्यापको को ऑनलाइन टीचिंग के योगय बनाती है। सीमावर्ती क्षेत्र में अध्यापको की ट्रेनिंग के लिए शुरू किया गया, यह प्रोग्राम वाकई सराहनीय है।

भावी अध्यापिका किरण ने कहा कि सैनरेट में ट्रेनिंग लेकर उसे शिक्षा पद्धति के बारे में काफी नॉलेज मिली है। उन्होंने कहा कि बदलते युग में स्कूल व कॉलेज में जिस तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है, उसे इस ट्रेनिंग में अच्छे ढंग से समझाया गया है।

सैनरेट सदस्य किरण शर्मा  ने बताया कि  सैनरेट तीन माह का विशेष कोर्स है और इसे लगातार करने वालो को सर्टीफिकेट भी प्रदान किए जा रहे है।  उन्होंने बताया कि सर्विस टीचर, बी.एड व पोस्ट ग्रेजुएट क्वालीफाई, जीवन में शिक्षा के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने का जज्बा रखने वाले प्रतिभागियो के लिए यह स्वर्णिम अवसर है।  सैनरेट करने वालो को किसी भी शिक्षण संस्थान में उच्च स्तरीय अवसर प्रदान हो रहे है। सैनरेट के तहत 5 कोर्स आरम्भ किए गए है, जिनमें सर्टीफिकेट इन टीचिंग एक्सीलैंस सैकेंडरी, सर्टीफिकेट इन टीचिंग ऑनलाइन, सर्टीफिकेट इन स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन, सर्टीफिकेट इन स्कूल लीडरशिप, सर्टीफिकेट इन टीचिंग एलीमैंट्री कोर्स है। उन्होंने कहा कि सैनरेट को ना सिर्फ फिरोजपुर बल्कि देश-विदेश के भावी शिक्षक भी घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से अपने स्किल्स में बढ़ौतरी कर एक अच्छे शिक्षक के रूप में उभर सकते है।

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