113 सालों पुरानी ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए सरकार जल्द से जल्द कार्रवाही करे: ठकराल
फाजिल्का, 24 मार्च : पंजाब सरकार राज्य का विकास करने का दावा करती नहीं थक रही कि कोई भी वर्ग विकास के नाम से अछूता नहीं है। कैप्टन सरकार इसके लिए वचनबद्ध है कि राज्य का कोई भी वर्ग खुशहाल होने से न रहे इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन सरकार सिर्फ सरकारी स्कूलों तक ही सीमित है। सरकार सरकारी स्कूलों को करोड़ों रुपयों की ग्रांटें बांट रही है चाहे वो बिल्डिंग निर्माण हो या अन्य सुविधाएं देनी हो सरकार सिर्फ सरकारी स्कूलों तक ही इसको सीमित रखती है लेकिन जब ऐडिड स्कूलों की बारी आती है तो सरकार का खजाना खाली हो जाता है। ऐडिड स्कूलों का आस्तित्व खतरे में है क्योंकि दिसंबर 1967 में सरकार ने जो पद स्वीकृत किए थे उनकी संख्या तब 10 हजार के करीब थी। वर्तमान में इनकी संख्या 2 से 3 हजार तक रह गई है क्योंकि समय के साथ-साथ कर्मचारी सेवानिवृत हो गए। सरकार ने 2002 के बाद नई नियुक्ति पर प्रतिबंध लगा दिया जिससे कोई भी कर्मचारी इन स्कूलों में नियुक्त नहीं हो सका। जिससे इन स्कूलों का भविष्य अंधकारमय हो गया। कई स्कूल बंद हो चुके हैं तथा कई बंद होने की कगार पर हैं। यदि यही हाल चलता रहा तो इन स्कूलों का नाम लेना भी एक स्वप्न बन जाएगा। 100 साल पुराने चल रहे स्कूल आज इनमें एक भी सरकारी कर्मचारी नहीं है। एक तरफ सरकार ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है दूसरी तरफ 100 साल पुराने ऐडिड स्कूलों के लिए सरकार के पास कोई नीति नहीं है। फाजिल्का नगर की बात की जाए तो 1904 में स्थापित हुआ आर्य पुत्री पाठशाला आज उसमें कोई भी सरकारी कर्मचारी नहीं है। सरकार की इन नीतियों के कारण इंतजार की राह देख रहा है कि यदि सरकार नई नियुक्ति पर प्रतिबंध हटाती है तो इस स्कूल में भी पुरानी आभा बहाल हो सकती है क्योंकि 113 साल पहले स्थापित हुआ स्कूल आज इस स्थिति पर आ चुका है सरकार उसकी सुध नहीं ले रही। इसी तरह 1909 में शुरू हुआ एसडी एलिमेंट्री प्राइमरी स्कूल में भी कोई सरकारी कर्मचारी न होने के कारण इंतजार की राह देख रहा है। यदि सरकार चाहती है कि इन स्कूलों में पुरानी आभा बहाल हो सके तो सरकार को चाहिए कि इन स्कूलों का विकेन्द्रीकरण कर दे। सरकार एक अधिसूचना जारी करे कि जो स्कूल सरकार की जमीन पर चल रहे हैं तथा जहां सरकारी कर्मचारी कार्य कर रहे हैं उन स्कूलों को टेकओवर कर ले। जैसे 1980 में देश की ततकालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने किया था क्योंकि पहले सभी बैंक प्राइवेट थे। सरकार ने एक अधिसूचना जारी करके इनका विकेन्द्रीकरण किया था कि जैसे है जहां है इस स्थिति को देखकर सरकार ने सभी बैंक अपने अधीन कर लिए थे। यह उदगार प्रकट करते हुए पंजाब गवर्नमेंट ऐडिड स्कूल अध्यापक एवं अन्य कर्मचारी यूनियन के मालवा जोन के मीडिया इंचार्ज अजय ठकराल ने बताया कि इन सब समस्याओं का सिर्फ एक ही हल है कि सरकार ऐडिड स्कूलों को जल्द से जल्द टेकओवर करे तथा इन स्कूल में कार्य करने वाले कर्मचारियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक हाईपावर कमेटी का गठन करे तो इन स्कूलों का सर्वे करके जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश करे ताकि आने वाली समस्या से निजात पाई जा सके।