800 सरकारी प्राइमरी स्कूलों को बंद करने की उपेक्षा ऐडिड स्कूलों में मर्ज करे पंजाब सरकार: ठकराल
फाजिल्का, 22 अक्तूबर: पंजाब सरकार ने एक आदेश जारी करके राज्य के 800 प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का फर्मान जारी कर दिया जोकि चिंताजनक विषय है। एक तरफ राज्य सरकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रत्येक बच्चे को शिक्षित करना चाहती है। दूसरी तरफ उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रही है क्योंकि जो बच्चा अपने गांव से सिर्फ एक किलोमीटर बने सरकारी स्कूल में पढने जाता था अब वो स्कूल बंद होने की वजह से किसी दूसरे स्कूल में ज्यादा दूरी तय करके जाएगा तो उसका समय व धन भी बर्बाद होगा। दूसरी तरफ अध्यापक जो शिक्षित कर रहा था उसको कहीं और जगह शिफ्ट करके उसका भी समय व धन बर्बाद होगा। यह बात समझ नहीं आई कि राज्य के शिक्षा उच्चाधिकारी ने क्या निर्णय लेकर यह सरकार आदेश जारी कर रही है। यदि इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 20 से कम हो गई है या तो अध्यापकों को बच्चों की संख्या बढाने के लिए प्रेरित किया जाए या जो कमियां हैं उनको दूर किया जाए। जिससे इन स्कूलों का भविष्य सुरक्षित हो सके। यह उदगार प्रकट करते हुए पंजाब गवर्नमेंट ऐडिड स्कूल अध्यापक एवं अन्य कर्मचारी यूनियन के मालवा जोन के मीडिया इंचार्ज अजय ठकराल ने बताया कि राज्य सरकार सरकारी स्कूलों का भविष्य में अंधकारमय तो कर रही है दूसरी तरफ ऐडिड स्कूलों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। ऐडिड स्कूलों का आस्तित्व भी खतरे में है क्योंकि राज्य में दिसंबर 1967 में 484 स्कूल चल रहे थे जिनमें कई स्कूल बंद हो चुके हैं तथा कई बंद होने की कगार पर आ चुके हैं क्योंकि वर्ष 2002 से सरकार ने नई नियुक्ति पर प्रतिबंध लगा दिया। जो 1967 में लगभग 10 हजार पद स्वीकृत किए गए थे वर्तमान में इनकी संख्या 3000 के करीब रह गई है जोकि बहुत चिंता का विषय है। कई स्कूलों में सिर्फ एक-एक अध्यापक के सहारे स्कूल चल रहे हैं। उनमें भी कई महिला अध्यापिकाएं हैं। श्री ठकराल ने बताया कि यदि सरकार इन 800 प्राइमरी स्कूलों के बारे में गहन चिंतन करे व ऐडिड स्कूलों को इनके साथ मिला दे तो दोनों स्कूलों की समस्या का हल निकल सकता है क्योंकि जो प्राइमरी स्कूल बंद होने की कगार पर हैं उनका आस्तित्व बच जाएगा जिससे अध्यापकों व बच्चों का भविष्य अंधकारमय होने से बच जाएगा। सरकार को इसके लिए कोई भी लंबी प्रक्रिया नहीं अपनानी पड़ेगी। सरकार सिर्फ एक अधिसूचना जारी करे तथा इन स्कूलों को मिलाने की प्रक्रिया प्रारंभ करे। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, प्रमुख शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार व अन्य उच्चाधिकारियों से पुरजोर अपील की है कि इस बारे में जल्द से जल्द चिंतन किया जाए तथा ऐडिड स्कूलों की राज्य स्तरीय एक बैठक बुलाई जाए जिनमें ऐडिड स्कूलों के पदाधिकारी व सरकारी स्कूलों के पदाधिकारी व शिक्षाविद शामिल हों जो इस बारे में जल्द से जल्द सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करें जिससे इस समस्या का निदान पाया जा सके।