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2000 लोगों को रोजगार दे सीमावर्ती जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स
टीचिंग से लेकर नॉन टीचिंग सहित हरेक वर्ग निष्ठा व ईमानदारी से कार्य कर चला रहा अजीविका
2000 लोगों को रोजगार दे सीमावर्ती जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स
-टीचिंग से लेकर नॉन टीचिंग सहित हरेक वर्ग निष्ठा व ईमानदारी से कार्य कर चला रहा अजीविका-
-जिले में उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने के अलावा बेरोजगारी को दूर करना हमारा उद्देश्य: अनिरूद्ध गुप्ता-
फिरोजपुर, 17 मार्च, 2020;
अंर्तराष्ट्रीय सीमा से महज कुछ दूरी पर होने तथा औद्योगिक दृष्टि से विफलित होने का दंश झेल रहे सीमावर्ती जिले में रोजगार के साधन पैदा करने में डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स ने अहम योगदान अदा कर रहा है। प्राईवेट सैक्टर की बात करें तो डीसीएम ग्रुप ने करीब 2000 से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देकर जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में कार्य किया है और सामजिक क्षेत्र में भी अनेको भलाई के कार्य करके इस बार्डर जिले का नाम रोशन किया है।
सीईओ अनिरूद्ध गुप्ता व प्रबंधन कमेटी द्वारा ना सिर्फ शिक्षाविद्व स्टॉफ, नॉन टीचिंग सहित हर वर्ग के लोगों को ग्रुप द्वारा संचालित स्कूलों व आफिस में रोजगार के साधन दे रखे है ताकि वह ईमानदारी व निष्ठा के साथ अपना कार्य कर अजीविका चला सके। अनिरूद्ध गुप्ता की सोच है कि बेशक यह जिला उद्योगिक रूप से स्मृद्ध ना हो पाया हो, वह रोजगार के इतने साधन यहां प्रफुल्लित करना चाहते है कि कोई भी व्यक्ति बेरोजगार ना रह पाएं और इसके लिए उनके द्वारा दिन-रात मेहनत की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति संस्थान में कार्य कर रहे है, उन्हें योगयता के आधार पर अच्छा वेतन दिया जा रहा है ताकि उनके परिवार का पालन-पोषण बेहतरीन ढंग से हो सके और किसी भी किस्म की दिक्कत ना आएं। गुप्ता ने कहा कि ना सिर्फ रोजगार बल्कि जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा मुहैया करवाने में भी डीसीएम ग्रुप का सराहनीय कदम उठा रहा है।
समूह के डॉयरैक्टर एडमिन ब्रिगेडियर नवदीप माथुर ने बताया कि पिछलें वर्ष करीब दो करोड़ की छात्रवृति जरूरतमंद बच्चों को उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि ना सिर्फ हजारों लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध करवाएं जा रहे है, बल्कि हर वर्ग के कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है ताकि उनके ज्ञान में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि स्टॉफ सदस्यों को मैडिटेशन, योग की ट्रेनिंग देने के अलावा विश्व स्तरीय ट्रेनर बुलाकर आई.टी, तकनीक की कोचिंग भी दी जा रही है तो वहीं एडमिन स्टॉफ के लिए भी ट्रेनिंग के खास प्रबंध कर रखे है। उन्होंने कहा कि पिछलें 75 वर्षो में जिले में जब भी कोई आपदा आई चाहे कोई युद्ध या बाढ़ आई हो तो डीसीएम ग्रुप ने हर कठिन समय में जिले के लोगों की मदद के लिए कदम उठाएं है।
उन्होंने कहा कि डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स द्वारा लाखो बच्चों को सक्षम बनाया है जोकि अपने शहर की तथा परिवारों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम योगदान दे रहे है। उन्होंने कहा कि यहां के विद्यार्थी आईएएस, डॉक्टर, इंजीनियर, सैन्य अधिकारी के अलावा उच्च कोटि के बिजनैसमेन बन चुके है, जिन्होंने जिले की नुहार को बदला है। ब्रिगेडियर नवदीप माथुर ने कहा कि बार्डर क्षेत्र पर स्थित होनें के बावजूद डीसीएम ग्रुप द्वारा स्वच्छता अभियान, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, विशेष जरूरतों वाले विद्यार्थियों की मदद के अलावा बच्चों में छुपी प्रतिभा को उजागर करने के लिए राहगिर जैसे प्रकल्प चलाकर सामाजिक क्षेत्र में भी विशेष योगदान अदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को आईएएस बनने के सपने को साकार करने के मकसद से दास एंड ब्राऊन वल्ड स्कूल में सिविल सर्विसिज की कोचिंग के लिए सिविल सर्विसिज एस्पीरेंटस कल्ब का गठन किया गया है, जिसमें विद्यार्थियों को तमाम सुविधाएं, किताबे, स्किल्स मुहैया करवाएं गए है, जोकि उन्हें आईएएस, पीसीएस बनने की तरफ अग्रसर करता है।
भारत विकास परिषद के सरप्रस्त व वरिष्ठ शिक्षाविद्ध प्रो. ललित मोहन गोयल ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि सीमावर्ती जिले में जहां युवा वर्ग रोजगार के लिए भटक रहा है तो वहीं डीसीएम ग्रुप ने जिले में 2000 से ज्यादा लोगों को बेहतरीन योगयता के आधार पर रोजगार के अवसर प्रदान किए है, इससे जिले में जहां बेरोजगारी कुछ कम हुई है तो शहीदों के शहर के विकास में भी ग्रुप का अहम रोल रहा है। शिक्षा, खेल, मानव सेवा के क्षेत्र में डीसीएम ग्रुप ने जिले का नाम विश्व के मानचित्र पर चमकाया है और विश्व के विभिन्न देशों के लोग भी अब इस जिले में आकर नौकरी कर विद्यार्थियों को पढ़ाने लगे है।
रेलवे अधिकारी राजेश वर्मा ने कहा कि वह खुद इस स्कूल में अध्यापक पद पर सुशोभित रह चुके है और जितना प्यार आज तक उन्हें डीसीएम ग्रुप द्वारा दिया जा रहा है, उसे ताउम्र भुला नहीं पाएंगे। जिले के विख्यात संगीतकार विजय आन्नद ने कहा कि जो भी आदमी एक बार डीसीएम ग्रुप के साथ जुड़ जाता है तो उसकी पीढ़ी-दर-पीढ़ी का समूह के साथ जुड़ाव बना रहता है। उन्होंने कहा कि समूह की बदौलत ही वह जीवन में आज सब कुछ है और उन्होंने अपना पूरा जीवन डीसीएम को समर्पित कर दिया है और वह यहीं चाहते है कि अंतिम सांस तक डीसीएम की सेवा करते रहे।