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फिरोजपुर मंडल  स्थित  अमृतसर तथा खटकरकलां स्टेशन  पर आजादी  के  अमृत  महोत्सव  के  अंतर्गत  आजादी  की  रेल गाड़ी  और  स्टेशन  का आयोजन

फिरोजपुर मंडल  स्थित  अमृतसर तथा खटकरकलां स्टेशन  पर आजादी  के  अमृत  महोत्सव  के  अंतर्गत  आजादी  की  रेल गाड़ी  और  स्टेशन  का आयोजन
“फिरोजपुर मंडल  स्थित  अमृतसर तथा खटकरकलां स्टेशन  पर आजादी  के  अमृत  महोत्सव  के  अंतर्गत  आजादी  की  रेल गाड़ी  और  स्टेशन  का आयोजन”
फिरोजपुर, 18.7.2022:   भारत सरकार द्वारा इस वर्ष आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आजादी का  अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसी  क्रम में  रेल मंत्रालय द्वारा भी आजादी का  अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आजादी की रेल गाड़ी और स्टेशन के अंतर्गत एक सप्ताह (दिनांक 18.07.22 से 23.07.22) तक  मनाया  जायेगा  जिसमें देश के 75 रेलवे स्टेशनों तथा 27 स्पॉटलाइटेड ट्रेन का का चयन किया गया है। जिसके  अंतर्गत उत्तर रेलवे का फिरोजपुर मंडल  में भी  पूरे सप्ताह विभिन्न गतिविधियों  का  आयोजन  किया  जा  रहा  है। इसका शुभारम्भ आज दिनांक 18 जुलाई, 2022  को  समय  16.00  बजे  अध्यक्ष  रेलवे  बोर्ड/सीईओ  श्री विनय  कुमार त्रिपाठी  द्वारा नई दिल्ली से  वीडियो लिंक के माध्यम से  किया गया।
इस  विडियो कांफ्रेंस  के  अंतर्गत वीडियो लिंक  से  जुड़ कर  मंडल  रेल  प्रबंधक डॉ. सीमा शर्मा  एवं मंडल के अन्य अधिकारीगण  शुभारम्भ समारोह में सम्मिलित  हुए। आज दिनांक 18.07.22 को गाड़ी संख्या 13006 डाउन अमृतसर-हावड़ा (हावड़ा मेल) को निर्धारित समयानुसार अमृतसर स्टेशन से श्री प्रेम सागर स्वतंत्रता सेनानी एवं उनके परिवार के सदस्यों द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया इस रेलगाड़ी का स्वतंत्रता संग्राम का स्वर्णिम इतिहास है। आजादी के पूर्व यह ट्रेन कलकत्ता मेल के नाम से चलती थी। यह ट्रेन लाहौर से अमृतसर होते हुए कलकत्ता तक जाती थी। इस ट्रेन से शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव तथा चन्द्र शेखर आजाद ने सफर किया था। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने अपने जीवनकाल में अनेक बार इस ट्रेन का उपयोग किया था।
उल्लेखनीय है कि अमृतसर रेलवे स्टेशन का आजादी के आन्दोलन में विशेष महत्व है। 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में रौलट एक्ट के खिलाफ एक सार्वजनिक विरोध सभा की जा रही थी। तब जनरल डायर ने सभी रास्ते बंद कर अंधाधुंध गोलियां चलाने का आदेश दिया था जिससे हजारों लोगों की जान चली गई थी। शहीदे आजम भगत सिंह के पूर्वज खटकरकलां में रहते थे। फिर वे पकिस्तान के लायलपुर के बंगा गाँव में बस गए। देश के बंटवारे के बाद पुनः उनके माता–पिता खटकरकलां में आकर रहने लगे। उनके माता-पिता के निधन के पश्चात् शहीदे आजम के पैतृक मकान को म्यूजियम बना दिया गया।
फिरोजपुर मंडल  स्थित  अमृतसर तथा खटकरकलां स्टेशन  पर आजादी  के  अमृत  महोत्सव  के  अंतर्गत  आजादी  की  रेल गाड़ी  और  स्टेशन  का आयोजन
पूरे सप्ताह आयोजित होने वाले इस समारोह के अंतर्गत विभिन्न आयोजनो की श्रृंखला में  खटकरकलां तथा अमृतसर रेलवे स्टेशनों पर स्वतंत्रता संग्राम से सम्बन्धित नुक्कड़ नाटक का  मंचन किया जायेगा। इसके अतिरिक्त विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत स्वतंत्रता संग्राम को दर्शाती फोटो प्रदर्शनी,  वीडियो क्लिप्स एवं स्टैंडी (Standee),  जिंगल हर घर तिरंगा /होर्डिंग्स एवं बैनर, आजादी की रेलगाड़ी सेल्फी पॉइंट, स्टेशनों की सजावट एवं प्रकाश व्यवस्था सहित अनेक अन्य प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होंगे । इस दौरान इन स्टेशनों पर देशभक्ति से ओत-प्रोत गीतों से गुजेंगे।
गाड़ी संख्या 12904 डाउन अमृतसर-मुंबई सेंट्रल (फ्रंटियर मेल) स्वतंत्रता सेनानी / उनके परिवार के सदस्यों द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा जो 1928 से लगातार यात्रियों की सेवा प्रदान कर रही है। शुरुआत में यह ट्रेन बॉलार्ड पियर मोल स्टेशन से दिल्ली, बठिंडा, फिरोजपुर, लाहौर होते हुए पेशावर तक जाती थी लेकिन 1 मार्च, 1930 से यह सहारनपुर, अम्बाला, अमृतसर होते हुए पेशावर जाने लगी | 1947 में भारत विभाजन के पश्चात्, इस ट्रेन का टर्मिनल स्टेशन अमृतसर बनाया गया। फ्रंटियर मेल को औपचारिक रूप से सितंबर 1996 में “गोल्डन टेंपल मेल” का नाम दिया गया।  इस ट्रेन का इस्तेमाल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा नेताजी शुभाष चन्द्र बोस ने भी किया था।   सप्ताह भर मनाये जाने वाले इस आयोजन के अंतर्गत मंडल के सभी स्टेशनों सहित समस्त रेल कार्यालयों में कार्यरत प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा सम्मिलित होकर इस आयोजन को पूर्ण उत्साह, उल्लास एवं उमंग के साथ आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आजादी की रेलगाड़ी और स्टेशन के इस आइकानिक वीक को सफलतापूर्वक मनाया जायेगा ।

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