सी.एम. ना मिले तो उनके घर के बाहर लगाएंगे धरना, सरकार से नशे के खिलाफ हैल्पलाईन शुरू करने की अपील
फिरोजपुर
पत्रकारवार्ता को सम्बोधित करते हुए मनजिन्द्र भुल्लर ने बताया कि उनकी यात्रा 30 जून से आरम्भ हुई थी और 6 जुलाई को चंडीगढ़ पहुंचने के बाद 7 को सी.एम. हाऊस घेरा था। उन्होनें कहा कि इससे पहले डिप्टी कमिशनर फिरोजपुर को ज्ञापन सौंप अपने कार्यक्रम के बारे में बताया था। टीम सदस्यों रूपिन्द्र सिंह, बेअंत सिंह, मौड़ा सिंह, मलकीत, नरिन्द्र, मनजीत सोनी, गुरपिन्द्र, सुखचैन सिंह, स्वर्ण नागपाल ने कहा कि उनके द्वारा मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें एक प्रैजेंटेशन दिखानी है, जिसमें पंजाब की जवानी की असल स्थिति दिखाने के अलावा नशो पर रोकथाम लगाने के उपायो से परिचित करवाना है। उन्होनें कहा कि सरेार को चाहिए कि नशो पर लगाम लगाने के लिए हैल्पलाईन बनाएं, जिसका सीधा सम्बंध सी.एम. हाऊस से हो और शिकायत करने वाले को फीडबैक दे। उन्होनें कहा कि सरकार को गांव स्तर पर कमेटिया बनानी चाहिए।
उड़ता पंजाब की मुख्यमंत्री को असल हकीकत दिखाने के लिए पैदल चलकर सी.एम. हाऊस गए शहीदो के शहर के नौजवानो से मिलना कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने मुनासिब ना समझा तो उन्हे अब वीरवार का समय मिलने के लिए उनके ओ.एस.डी. द्वारा दिया गया है। यात्रा का नेतृत्व कर चुके एडवोकेट मनजिन्द्र सिंह भुल्लर ने कहा कि अगर वीरवार को सी.एम. उनके साथ मुलाकात नहीं करते तो वह फिर से नशे के खिलाफ अभियान शुरू कर कैप्टन के घर के बाहर पक्का धरना लगाकर बैठ जाएंगे।
भुल्लर ने कहा कि फिरोजपुर से चडीगढ़ जाते वक्त अनेको गांवो, कस्बो व शहरो के लोग उनसे मिले और अपने क्षेत्र में बिक रहे नशे के बारे में उन्हे पूरी जानकारी दी। जिससे यह साबित होता है कि पंजाब में नशा बिकने का मुख्य कारण पुलिस व राजनेताओ का गठजोड़ है। उन्होनें कहा कि वह शहीद ऊधम सिंह यूथ कल्ब गांव खाईफेमेके से सम्बंध रखने के कारण अपने गांव को नशामुक्त करने का प्रयास कर रहे है और बाद में इस मुहिम को हरेक गांव तक पहुंचाएंगे।