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मयंक फ़ाउंडेशन मनाएगी 7वां संयुक्त राष्ट्र वैश्विक सड़क सुरक्षा सप्ताह 

रिथिंकमोबिलिटी थीम तहत ‘ सेफ़ स्कूल ज़ोन ‘ को समर्पित रहेगा सप्ताह : दीपक शर्मा 

मयंक फ़ाउंडेशन मनाएगी 7वां संयुक्त राष्ट्र वैश्विक सड़क सुरक्षा सप्ताह 
मयंक फ़ाउंडेशन मनाएगी 7वां संयुक्त राष्ट्र वैश्विक सड़क सुरक्षा सप्ताह
रिथिंकमोबिलिटी थीम तहत ‘ सेफ़ स्कूल ज़ोन ‘ को समर्पित रहेगा सप्ताह : दीपक शर्मा
फ़िरोज़पुर (14 मई)
सड़क यातायात की चोटें दुनिया भर में मौत और विकलांगता का एक प्रमुख कारण हैं, हर साल लगभग 1.3 मिलियन लोग मारे जाते हैं और लगभग 50 मिलियन लोग घायल होते हैं। 5-29 साल की उम्र के लोगों के लिए उनकी जान को इससे बड़ा कोई खतरा नहीं है। विश्व स्तर पर, प्रत्येक 4 में से 1 मौत पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों के बीच होती है।
संयुक्त राष्ट्र सड़क सुरक्षा 2021- 2030 की वैश्विक योजना के तहत सड़क यातायात से होने वाली मौतों और चोटों को 50% तक कम करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को दर्शाती है। सुरक्षित सड़कों, वाहनों और व्यवहारों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ आपातकालीन देखभाल में सुधार करना भी इस का लक्ष्य है।
मयंक फ़ाउंडेशन जिसे पंजाब सरकार की सड़क सुरक्षा की लीड ऐजंसी पंजाब राज्य रोड सेफ़्टी कांउसिल द्वारा इंमपैनल किया गया है, पिछले पाँच वर्षों से सड़क सुरक्षा पर गंभीरता से कार्य कर रही है। रिथिंकमोबिलिटी थीम के तहत मनाये जाने वाले इस सड़क सुरक्षा सप्ताह में मयंक फ़ाउंडेशन ‘ सेफ़ स्कूल ज़ोन ‘ के लिए ज़िला प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगी।
फ़ाउंडेशन के संस्थापक दीपक शर्मा ने बताया कि देश में हर दिन औसतन 31 स्कूली बच्चों की जान सड़क हादसों में जा रही है, लेकिन स्कूलों के आसपास सड़क सुरक्षा की स्थिति यह है कि केवल 17 प्रतिशत स्कूल ऐसे हैं, जिनके आसपास की सड़कों पर स्कूल जोन के साइनेज लगे हुए हैं। इसी तरह मात्र 11.5 प्रतिशत स्कूलों के इर्द-गिर्द स्पीड लिमिट के साइन हैं। इसके चलते स्कूल जोन के आसपास रोड सेफ्टी की जैसी स्थिति होनी चाहिए, वह नहीं है।

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