फिरोजपुर वैल्फेयर कल्ब ने किया प्रशासन के सहयोग से कोरोना से जंग हारने वाले मरीजों के शव का संस्कार करने का आहृवान
फिरोजपुर वैल्फेयर कल्ब ने किया प्रशासन के सहयोग से कोरोना से जंग हारने वाले मरीजों के शव का संस्कार करने का आहृवान
फिरोजपुर, 25.4.2020:
इसे समाजसेवा का जज्बा कहें या फिर बहादुरी की मिसाल। जहां विश्व में कोरोना का भय फैला हुआ है और लोग कोरोना ग्रसित मरीज की मृत्यु के बाद भी संस्कार करने से गुरेज कर रहे है । वहीं शहीदो के शहर की दो दशक से चल रही फिरोजपुर वैल्फेयर कल्ब के सदस्यों ने आहवान किया है कि अगर प्रशासन द्वारा उन्हें पीपीई किट्स मुहैया करवाई जाती है और सहयोग करता है तो उनके द्वारा कोरोना से जंग हारने वाले किसी भी मरीज का दाह संस्कार भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछलें एक माह के दौरान उनके द्वारा चार अज्ञात शवों का दाह-संस्कार किया जा चुका है और कल्ब की स्थापना से अब तक 2500 से ज्यादा शवों को धार्मिक रीति-रिवाज के साथ दाह संस्कार किया है। प्रधान प्रवीण मल्होत्रा व उपाध्यक्ष अरूण शर्मा ने कहा कि अगर बीएसएफ द्वारा उन्हें पाकिस्तानी घुसपैठियों का शव दिया जाता है तो वह उनका संस्कार रिवाज मुताबिक कब्रिस्तान में करते है। उन्होंने कहा कि अस्थियों को हर साल गंगा जी में प्रवाहित करने के अलावा उनकी आत्मिक शांति हेतू हवन यज्ञ व भंडारा भी करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि हॉल ही मेें उन्होंने महान शिक्षाविद्व अनिरूद्ध गुप्ता को कल्ब का पैटर्न नियुक्त किया है और उनके मुताबिक भी कल्ब को समाजसेवा के क्षेत्र में प्रगति के मार्ग पर ले जाने के लिए अनेको कार्यक्रम तैयार किए जा रहे है।
पदाधिकारियों ने बताया कि 2 दशक पहले अज्ञात शवों का संस्कार नगर कौंसिल द्वारा किया जाता था और उस वक्त उनके द्वारा शव को कचरे की गाड़ी के माध्यम से शमशान घाट पहुंचाया जाता था और कम लकड़ी संस्कार में इस्तेमाल होती थी। उन्होंने कहा कि उसके बाद उनके मन में कल्ब बनाने का विचार पैदा हुआ और उन्होंने लावारिस शवों के संस्कार का खुद जिम्मा संभाला।
चैयरमेन बबलजीत ङ्क्षसह व सचिव राजू खेड़ा ने कहा कि कल्ब द्वारा रैडक्रास के सहयोग से एक एम्बूलैंस खरीदी और उसमें शव को डालकर शमशान ले जाने लगे। उन्होंने कहा कि पुलिस को जो भी अज्ञात शव मिलता है तो 72 घंटे में पहचान ना होने पर पुलिस अपनी कार्रवाई पूरी कर शव कल्ब के हवाले कर देती है और वह उसका संस्कार करते है। उन्होंने कहा कि कल्ब द्वारा सिविल अस्पताल की मोर्चरी में लोगों के बैठने के लिए हॉल का निर्माण करवाने के अलावा लोगों के बैठने के लिए शैड बनवाया है। उन्होंने कहा कि कल्ब की बेहतरीन सेवाओं को देखते हुए लोगों द्वारा कल्ब को शव वाहन भी दिए गए।
पृथ्वीराज मोंगा, समनदीप साजन, कुलदीप मैणी ने कहा कि जो लोग असहाय होते है और मृत्यु के बाद अपने परिजनों का संस्कार नहीं करवा सकते , उनके शवों का भी कल्ब द्वारा संस्कार किया जाता है। उन्होंने कहा कि कल्ब के इस कार्य में पवन शर्मा, अशोक यादव, संजीव कटारिया, सुरजीत कुमार, रमनदीप सन्नी, बलराज ग्रोवर, पिंटू जयसवाल सहित अन्य सदस्यों द्वारा सक्रिय सदस्यों के तौर पर सेवाएं प्रदान की जा रही है।