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प्रतिभा गल्र्स स्कॉलरशिप प्रोग्राम में मयंक फाऊंडेशन ने 39 छात्राओ को भेंट की 10-10 हजार की स्कॉलरशिप
बेटियो के हौंसलो को पंख देने के उद्देश्य से पिछले पांच वर्ष से 39 छात्राओ को तीन साल तक दी जाती है 10 हजार की राशि
प्रतिभा गल्र्स स्कॉलरशिप प्रोग्राम में मयंक फाऊंडेशन ने 39 छात्राओ को भेंट की 10-10 हजार की स्कॉलरशिप
-बेटियो के हौंसलो को पंख देने के उद्देश्य से पिछले पांच वर्ष से 39 छात्राओ को तीन साल तक दी जाती है 10 हजार की राशि –
-डीसीएम इंटरनैशनल स्कूल के बाजवा ऑडिटोरियम में भव्य समारोह का आयोजन, खेल, शिक्षा और यातायात के क्षेत्र में कदम उठा रही फाऊंडेशन-
फिरोजपुर, 18-8-2024;
मयंक फाऊंडेशन द्वारा शुरू किया गया प्रतिभा गल्र्स स्कॉलरशिप प्रोग्राम छात्राओ के लिए रामबाण साबित हो रहा है। संस्था की इस पहल से अभी तक 26 बेटियां ग्रेजुएशन पूरी कर चुकी है। प्रथम पातशाही श्री गुरू नानक देव जी के सिद्धांतो 13-13 के मार्ग पर चलते हुए फाऊंडेशन द्वारा हर साल 13 नई प्रतिभावान छात्राओ को इस प्रोजैक्ट के लिए चुना जाता है और उन्हें पढ़ाई में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। संस्था के इस प्रयास की हर जगह खूब तारीफ हो रही है।
सीमावर्ती जिले की बेटियों को उच्च स्तरीय शिक्षा हेतू प्रेरित करने तथा उन्हें छात्रवृति प्रदान कर हौंसलो को पंख लगाने के उद्देश्य से मयंक फाऊंडेशन द्वारा डीसीएम इंटरनैशनल स्कूल के बाजवा ऑडिटोरियम में प्रतिभा गल्र्स स्कॉलरशिप प्रोग्राम का आयोजन किया गया। समारोह में पढऩे की इच्छा रखने वाली तथा आर्थिक रूप से कमजोर 39 बेटियो को लगातार तीन वर्ष तक प्रत्येक साल 10 हजार रूपए देने का संकल्प लिया। मयंक फाऊंडेशन द्वारा पिछले पांच वर्षो से यह प्रोग्राम चलाया जा रहा है।
छात्राओ को छात्रवृति प्रदान करने के लिए भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें कार्यक्रम उप-मंडल अधिकारी चारूमिता, रैडक्रास सचिव अशोक बहल, चार्टड अकाऊंटेंट एस.के छिब्बर, सुशील कुमार, विजय कुमार विशेष रूप से पहुंचे। समारोह की अध्यक्षता फाऊंडेशन के अध्यक्ष व शिक्षाविद्व डा. अनिरूद्ध गुप्ता ने की।
फाऊंडेशन के संस्थापक दीपक शर्मा ने गणमान्यो का स्वागत किया और मयंक फाऊंडेशन द्वारा वर्ष भर में करवाए जाने वाले कार्यक्रमो पर प्रकाश डाला। मंच का संचालन प्रो. सपना बधवार तथा हरिन्द्र भुल्लर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में कंगारू ग्रुप ऑफ कंपनीज लुधियाना का अहम योगदान रहा।
प्रोजैक्ट कोआर्डीनेटर विनेश गल्होत्रा ने बताया कि फाऊंडेशन द्वारा पिछले पांच वर्षो से हर साल 39 छात्राओ को स्कॉलरशिप प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि दसवी और बाहरवी की परीक्षाओ में उच्चतम अंक लाने वाली छात्राओ की तलाश की जाती है। जिसके बाद मयंक फाऊंडेशन द्वारा ऐसे विद्यार्थियो की सूची तैयार कर इनकी लिखित परीक्षा ली जाती है। जो छात्राए इस परीक्षा में उतीर्ण होती है, उसके बाद फाऊंडेशन के सदस्यो द्वारा उनके घर के हालात देखे जाते है। उन्होंने कहा कि जो बेटिया वाकई जरूरतमंद दिखती है और मन में पढऩे की इच्छा रखती है, ऐसी बेटियो की पहचान कर उन्हें हरेक साल 10-10 हजार यानिकि तीन वर्ष में एक छात्रा को 30 हजार रूपए भेंट किए जाते है।
एसडीएम चारूमिता ने मयंक फाऊंडेशन द्वारा आयोजित प्रतिभा गल्र्स स्कॉलरशिप प्रोग्राम की भरजोर शब्दो में सराहना की। उन्होंने कहा कि जहां आज भी कई स्थानो पर बेटियो को पढऩे से रोका जाता है तो वहीं फाऊंडेशन द्वारा बेटियो की सहायता हेतू जिस तरह से प्रयास किए जा रहे है, उसके लिए सभी सदस्य बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा कि फाऊंडेशन का यह कार्य काबिल-ए-तारीफ है। उन्होंने विद्यार्थियो को सफलता के टिप्स भी दिए।
डा. अनिरूद्ध गुप्ता ने कहा कि सीमावर्ती जिला होने के कारण बेशक जिला उद्योगिक रूप से पिछड़ा हो, लेकिन शिक्षा और खेलो के क्षेत्र में जिले का नाम विश्व के मानचित्र पर चमकता है। डा. गुप्ता ने कहा कि प्रतिभा गल्र्स स्कॉलरशिप प्रोग्राम बेटियो के लिए लाभदायक साबित हो रहा है और इसके माध्यम से बेटियो में पढऩे की ललक पैदा हो रही है। उन्होंने कहा कि फाऊंडेशन द्वारा समय-समय पर इस तरह के प्रकल्प चलाकर समाज को नई दिशा देने की कोशिश की जा रही है।
इस अवसर पर प्रोजैक्ट कोआर्डीनेटर विनेश गल्होत्रा, प्रिंसिपल अनुराधा चंदेल, मनरीत सिंह, डा. गजलप्रीत सिंह अरनेजा, प्रिंसिपल राजश्ेा मेहत्ता, प्रिंसिपल संजीव टंडन, सचिव राजीव सेतिया, राकेश कुमार, हरिन्द्र भुल्लर, योगेश हांडा, अरूण अरोड़ा, संदीप सहगल, दीपक मठपाल, गुरदेव सिंह, मनोज गुप्ता, दिनेश चौहान, सोमेश गुम्बर, अरनिश मोंगा, अनिल मछराल, अमित सेतिया, गगनदीप सिंह, राजीव शर्मा, तुषार अग्रवाल, कमल शर्मा, दीपक शर्मा डा. कुलविन्द्र नंदा सहित अन्य उपस्थित थे।
मयंक की याद में बनी थी फाऊंडेशन
7 अक्तुबर 2017 को युवा छात्र मयंक शर्मा का सडक़ हादसे में देहांत हो गया था। जिसके बाद उसके परिजनो तथा मित्रो तथा मयंक की याद को ताजा रखने के लिए मयंक फाऊंडेशन का गठन किया गया था। मयंक बैडमिंटन का खिलाड़ी था। फाऊंडेशन द्वारा शिक्षा, खेल और यातायात के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई जाती है।