Ferozepur News

डीसीएम के होनहार विद्यार्थियो ने भावी डॉक्टर बन देश की सेवा करने की तरफ बढ़ाया कदम-

नीट में डीसीएम ग्रुप के 33 भावी डॉक्टरो ने गाढ़े झंडे

डीसीएम के होनहार विद्यार्थियो ने भावी डॉक्टर बन देश की सेवा करने की तरफ बढ़ाया कदम-
नीट में डीसीएम ग्रुप के 33 भावी डॉक्टरो ने गाढ़े झंडे
– डीसीएम के होनहार विद्यार्थियो ने भावी डॉक्टर बन देश की सेवा करने की तरफ बढ़ाया कदम-
-विद्यार्थियो को सीईओ डा. अनिरूद्ध गुप्ता ने दी शुभकामनाएं-
-सख्त मेहनत और दृढ़ इरादो से ही सफलता को छूआ जा सकता है: गुप्ता-
फिरोजपुर, 5 जून, 2024
शिक्षा  के क्षेत्र में आए दिन नए कीर्तिमान स्थापित करने वाले डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स के 33 विद्यार्थियो ने नैशनल इलीजिबिल्टी कम-एंट्रैंस टैस्ट -नीट- में ऑल इंडिया में बढिय़ा  रैंक हासिल कर डॉक्टर बनने की तरफ कदम अग्रसर किया है। हैड सीनियर सैकेंडरी डा. ललित मोहन गुप्ता ने कहा कि इस परीक्षा में विद्यार्थियो ने अच्छे अंक लेकर देश के सर्वोच्च मैडिकल संस्थान से चिकित्सा की पढ़ाई करने की तरफ कदम बढ़ाया है। सीईओ डा. अनिरूद्ध गुप्ता ने भावी डॉक्टर्स व उनके अभिभावको को शुभकामनाए देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि सख्त मेहनत व दृढ़ इरादो से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। जिस सोच के साथ आजादी से पहले एम.आर दास ने डीसीएम ग्रुप की स्थापना की थी, आज उनका सपना साकार हो रहा है।
डीसी मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल के आयूष ने 681 अंक, अर्शनूर ङ्क्षसह रंधावा ने 677 अंक, देवांगी ने 671, हर्षप्रताप ने 660, सानिया ग्रोवर ने 657, स्वयं ने 650, आर्यन गोयल ने 645, कृष्णा चोपड़ा ने 645, गुनीत कौर ने 641, रिया बांसल ने 632, सरगुण कंबोज ने 613, हरमनदीप सिंह 588, गुरनूर ङ्क्षसह ने 567, लक्षिता शर्मा ने 567, भूमि चौरसिया ने 544, मान्या ने 540, प्रीति ने 517, सान्या ने 495, दीपाली कौर ने 484, ताजबीर सिंह ने 471, भव्या पाल ने 451, ऐरा राज खोसला ने 443 अंक प्राप्त किए है।
दास एंड ब्राऊन वल्र्ड स्कूल की वीनू ने 542 अंक, नवीन कुमार मीणा ने 515, रविन्द्र कौर ने 460, नमो नारायण मीना ने 403 अंक प्राप्त किए है।
डीसीएम प्रैजेडेंसी स्कूल लुधियाना की कृतिका ने 695, जीया ओबराय ने 642, दिव्यांशु बांसल ने 559, गार्गी शर्मा ने 547, जोय दुआ ने 522 अंक हासिल किए है। डीसी मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल अंबाला के अक्षत अग्रवाल ने 680 अंक, देवेन्द्र गोयल ने 588 अंक लिए है।
सीनियर सैकेंडरी विंग के अजय मित्तल ने कहा कि सभी विद्यार्थी बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न है और उन्हें स्कूल में ही सीबीएसई पाठयक्रम के अनुसार तैयारी करवाई गई थी । डीसीएम में पढऩे वाले विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के अलावा प्रतियोगात्मक परीक्षाओ की भी तैयारी करवाई जाती है । उन्होंने कहा कि यह शिक्षा की गुणवत्ता का परिणाम है कि हर वर्ष डीसीएम के विद्यार्थी देश के उच्चतम संस्थाओ में एडमिशन पाते है। उन्होंने बताया कि हर वर्ष डीसीएम के विद्यार्थियो को देश के सर्वश्रेष्ठ मैडिकल विश्वविद्यालयो में शिक्षा हासिल करने का सुअवसर प्रदान होता है। एक दशक से डीसीएम के 400 से ज्यादा डॉक्टर यूजी नीट की पढ़ाई को सम्पन्न कर देश-विदेश में पीजी नीट की पढ़ाई कर रहे है और विश्व के बेहतरीन अस्पतालो में सेवाए दे रहे है।
डा. ललित मोहन गुप्ता ने कहा कि डीसीएम ग्रुप के  पिछले 78 वर्ष के इतिहास में इस स्कूल ने अनेको आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील सहित विभिन्न उच्च पदो पर नियुक्त अधिकारी तैयार किए है। उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय शिक्षा मुहैया करवाने में प्रिंसिपल याचना चावला, प्रिंसिपल डा. राजेश चंदेल, प्रिंसिपल रजनी कालरा, प्रिंसिपल चारू यादव,  अध्यापक अजय मित्तल, सन्नी सचदेवा, डा. सुरेश शर्मा सहित अन्य का खास योगदान है।
क्या बोले छात्र
– आयूष डॉक्टर बनकर समाज की सेवा में अपना जीवन लगाना चाहता है। उनके पिता जगपाल पेशे से अध्यापक है और माता सुरभि गृहणि है। नीट को क्लीयर करने के लिए आयूष ने दिन-रात एक करके पढ़ाई की और वह एमबीबीएस कनके अच्छा डॉक्टर बन जरूरतमंदो की सेवा करना चाहता है।
– मनोचिकित्सक बनने का सपना संजोए देवांगी ने बताया कि वह डॉक्टर बनकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती है। उसके पिता योगश अरोड़ा बीएसएनएल में एसडीई और माता पूजा अरोड़ा अध्यापिका है। वह समाजसेवा करना चाहती है और 10 से 11 घंटे रोजाना तैयारी करके इस मुकाम को हासिल किया है।
– अर्शनूर ङ्क्षसह रंधावा के पिता रसाल सिंह सरकारी कर्मचारी है और माता बलजीत कौर लैक्चरार है। वह न्यूरो सर्जन बनना चाहता है। उसने बताया कि उसकी सफलता के पीछे जहां अभिभावको वहीं अध्यापको का भी बड़ा योगदान है। वह पैसा कमाने के मनोरथ की बजाय सेवा की भावना से डॉक्टर बनने का जज्बा रखता है।
– वीनू रेडियोलॉजिस्ट बनना चाहती है। उसकी माता ममता रानी गृहणि है और पिता राकेश कुमार अब इस दुनिया में नहीं है। वह अपने माता-पिता के सपने को पूरा करना चाहती है। वीनू ने बताया कि उसकी माता द्वारा पूरी सहायता की जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button