Ferozepur News
चतुर्थ मयंक शर्मा मेमोरियल वार्षिक ऑनलाइन पेंटिंग प्रतियोगिता के नतीजे घोषित
फ़िरोज़पुर, लुधियाना ,अमृतसर, चंडीगढ़ और अम्बाला के प्रतिभागी रहे सबसे आगे
चतुर्थ मयंक शर्मा मेमोरियल वार्षिक ऑनलाइन पेंटिंग प्रतियोगिता के नतीजे घोषित
फ़िरोज़पुर, लुधियाना ,अमृतसर, चंडीगढ़ और अम्बाला के प्रतिभागी रहे सबसे आगे
फ़िरोज़पुर 15 जून, 2021: हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रदेश की अग्रणी समाजसेवी संस्था मयंक फाऊंडेशन द्वारा चतुर्थ मयंक शर्मा ऑनलाइन पेंटिंग प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया जिसमें फ़िरोज़पुर, लुधियाना , अमृतसर , चंडीगढ़ और अम्बाला के प्रतिभागियों ने सबसे ज़्यादा पुरस्कार जीते। प्रतियोगिता का चतुर्थ संस्करण
संस्था के अध्यक्ष अनिरुध गुप्ता के नेतृत्व में करवाया गया।
इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रोजेक्ट संयोजक डॉ० गजलप्रीत अरनेजा ने बताया कि 2020 और इस वर्ष 2021 में कोविड की विपरीत परिस्थितयों के बावजूद इस प्रतियोगिता का ऑनलाइन माध्यम पर लाया गया जिसको जबरदस्त समर्थन मिला। अब यह प्रतियोगिता केवल ज़िला स्तर की ना रहकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
पहुंच गयी है । संस्थापक सदस्य दीपक शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन माध्यम टेलीग्राम ऐप पर कैटागरी अनुसार ग्रुप बना कर पेंटिंग प्राप्त की गयी और 20 सदस्यीय निर्णायक मंडल द्वारा फाउंडेशन के सदस्यों के सहयोग से सारी प्रतियोगिता को सुनियोजित ढंग से सम्पन्न किया गया ।
प्रतियोगिता के नतीजे फ़ेसबुक पर लाईव होकर , विजेताओं की पेंटिंग बड़ी स्क्रीन पर दिखाकर पारदर्शी ढंग से घोषित किए गए ।कुल पाँच केटागरी में से 50 विजेता और 50 सांत्वना पुरस्कार कुल मिलाकर 100 सर्वश्रेष्ठ पेंटिग निकली गयी इनमें मुख्यतः
बी.सी.एम. स्कूल लुधियाना के 7 , आर्मी पब्लिक स्कूल अंबाला के 6 , डी.सी.एम. प्रेज़िडेंसी स्कूल लुधियाना के 5 , भवन जुनीयर विद्यालय चंडीगढ़ के 4 , शिवालिक पब्लिक स्कूल पटियाला के 4 , दास एंड ब्राउन वर्ल्ड स्कूल फ़िरोज़पुर के 3 , देव समाज कॉलेज फ़िरोज़पुर के 3 प्रतिभागियों ने पुरस्कार जीते।संस्था के सचिव राकेश कुमार ने बताया कि जो हर वर्ग के लिए थीम निर्धारित किए गये थे उनमे पहले वर्ग से ‘मेरा प्रिय कार्टून चरित्र’ , दूसरे वर्ग से ‘स्वच्छ भारत हरित भारत’, तीसरे वर्ग से ‘प्रकृति के लिए प्रेम’ , चतुर्थ वर्ग से आर्ट्फिशीयल इंटेलिजेंस और ‘इतिहास व विरासत’ तथा पांचवे वर्ग से ‘कृषक नहीं तो भोजन नहीं’ और ‘जीवन के रंग’ इन थीम्स पर प्रतिभागियों ने सर्वाधिक पेंटिंग्स बनायी। दक्षिण भारत से प्रतिभागियों ने अपनी विशिष्ट शैली में गहरे रंगों से पेंटिंग्स बनायी ।
इस प्रतियोगिता में एक मुख्य आकर्षण ये रहा कि लुधियाना की राधै अरोड़ा व उनके पिता प्रोफ़ेसर मनोज अरोड़ा दोनों विजेता बने।