सेवाकाल में 2 साल वृद्धि लेने वाले कर्मचारियों को वेतन के अतिरिक्त और सभी लाभ लिए वापिस 30 अक्तूबर को नया नोटिफिकेशन जारी
सेवाकाल में 2 साल वृद्धि लेने वाले कर्मचारियों को वेतन के अतिरिक्त और सभी लाभ लिए वापिस
30 अक्तूबर को नया नोटिफिकेशन जारी
फाजिल्का, 2 नवंबर: पंजाब सरकार ने सेवाकाल में दो वर्ष की वृद्धि लेने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों से वेतन के अतिरिक्त अन्य सभी लाभ छीन लिए हैं। सरकार द्वारा 30 अक्तूबर को जारी अधिसूचना(22/2/2012) 3एफपी2/257 के हवाले से जानकारी देते हुए शिक्षा शास्त्री राज किशोर कालड़ा ने बताया कि वृद्धि लेने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों से इस समय के दौरान पदोन्नति, इंक्रीमेंट, एशियोर्ड कॅरियर प्रोगेशन(एसीपी) योजना व भविष्य में संशोधित वेतन स्केलों संबंधी सभी सुविधाएं वापिस ले ली हैं।
जारी अधिसूचना के अनुसार शिक्षा शास्त्री ने बताया कि सेवाकाल में वृद्धि पर चल रहे अधिकारियों व कर्मचारियों के उपर भी यह निर्णय लागू होगा। जो कर्मचारियों व अधिकारियों को सेवाकाल में वृद्धि के दौरान फिलहाल इंक्रीमेंट, एसीपी व तरक्की नहीं मिली, वह भी अब इन सुविधाओं से स्थायी तौर पर वंचित हो जाएंगे। अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह संशोधन जारी होने से पहले बढ़े हुए सेवाकाल दौरान यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी का वेतन पदोन्नति या एसीपी का लाभ देने से निश्चित हो चुकी है तो उसे भी पेंशनरी लाभों के लिए अंत में जारी हुआ वेतन(लास्ट पे ड्रान) माना जाएगा।
अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पहले या दूसरे वर्ष की वृद्धि में चल रहे कर्मचारियों व अधिकारियों को भी वर्तमान शर्तो के अंतर्गत प्रोफार्मे पुण: भरने के आदेश भी दिए गए हैं, इससे ऐसे कर्मचारी वेतन के अतिरिक्त और किसी भी सुविधा के अधिकारी नहीं होंगे। पंजाब सरकार द्वारा इस संबंधी बकायदा पंजाब सिविल नियमांवली में संशोधन किया गया है। उल्लेखनीय है कि ग्रुप ए, बी व सी के कर्मचारी 58 वर्ष की नौकरी के बाद दो वर्ष (60 वर्ष) व ग्रुप डी के कर्मचारी 60 साल की नौकरी के बाद 2 वर्ष (62 वर्ष) तक सेवाकाल में वृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। अब नए निर्णय के अनुसार ऐसी वृद्धि हासिल करने के इच्छुक कर्मचारी सेवानिवृति के अवसर पर मिलते वेतन तक ही सीमित रहेंगे और किसी तरह का लाभ न करने की शर्त वाला प्रोफार्मा भरकर ही 2 वर्ष की वृद्धि प्राप्त कर सकेंगे।
शिक्षा शास्त्री ने कहा कि इन कर्मचारियों व अधिकारियों को सेवानिवृति होने के समय में मिले अंतिम वेतन से ही संतोष करना पड़ेगा। यह कर्मचारी वेतन कमिश्न द्वारा 1 जनवरी 2016 से संशोधन किए जाने वाले वेतन के भी अधिकारी नहीं होंगे। इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री कालड़ा ने कहा कि सरकार द्वारा 2012 में यह वृद्धि करने का निर्णय लिया था क्योंकि सरकार सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों के बकाए अदा करने में अस्मर्थ थी अर्थात कर्मचारियों की 2 साल तक की वृद्धि का निर्णय लेना ही गलत था। इस वृद्धि से जहां पढ़े लिखे युवाओं में बेरोजगारी बढी वहीं जितना वेतन सेवानिवृति के समय कर्मचारी ले रहे थे उस वेतन से 4-4 कर्मचारियों को नियुक्ति दी जा सकती है। यदि अब सरकार ने कुछ शर्तो के साथ यह वृद्धि जारी रखी है फिर भी यह अलपदृष्टि वाला निर्णय है। इससे भविष्य में सरकार को आर्थिक क्षति तो सहन करनी ही पड़ेगी।