शान्ति विद्या मंदिर में जन्माष्टमी की धूम
शान्ति विद्या मंदिर में जन्माष्टमी की धूम
आज शांति विद्या मंदिर में जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। जिसमें मिस्टर अमित गुप्ता एस.डी.एम ,अबोहर एवं श्री मती शिखा गुप्ता मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित हुए।जिसमें स्कूल के छात्रों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के समक्ष ज्योति प्रज्वलित करने से हुआ। जिसके पश्चात छात्रों ने मुख्य अतिथि के स्वागत में स्वागत गीत गाया।नन्हें-मुन्ने बच्चों द्वारा भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं को अलग-अलग रूपों में प्रस्तुत किया गया। छात्रों में भगवान श्री कृष्ण के अनेक नामों को दोहे एवं गीतों के रूप में गाया। भगवान श्री कृष्ण के माखन चुराने की लीला, मां यशोदा को तंग करने की लीला और गोपियों के साथ रास करने की लीला को स्कूल के छात्र एवं छात्राओं ने अपने नृत्य एवं नाटक द्वारा बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया। नन्हे से बालक निष्कर्ष का नंद बाबा के रूप में भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप को टोकरी में लाना और झूला झूलाना सबको मोहित कर गया। इसके अतिरिक्त स्कूल की छात्रों द्वारा भगवान श्री कृष्ण द्वारा दही हांडी फोड़ने की लीला ने सबका मन मोह लिया।भगवान श्री कृष्ण सुदामा की मित्रता पर बहुत ही सुंदर नाटिका द्वारा छात्रों के सामने मित्रता का एक बहुत ही खूबसूरत उदाहरण प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए संपूर्ण कार्यक्रम की जी भर कर प्रशंसा की एवं छात्रों को कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने अनेक रूपों में जन्म लिया है और हर रूप में उन्होंने हमारे लिए आदर्श स्थापित किए हैं। हमें उनके द्वारा स्थापित किए गए आदर्शों एवं दिए गए संदेशों पर चलना और उनका पालन करना चाहिए।स्कूल के डायरेक्टर इंजीनियर मोहित गर्ग एवं स्कूल की मुख्य अध्यापिका श्रीमती रजनी मडाहर नेअपना कीमती समय में से समय निकाल कर स्कूल में आने के लिए मुख्यातिथि का आभार व्यक्त किया एवं उन्हें विश्वास दिलाया हम श्री कृष्ण द्वारा बताए गए मार्ग को अपनाएंगे और उन पर चलने का प्रयास करेंगे। तत्पश्चात स्कूल के मैनेजिंग कमेटी के मेंबर एवं मुख्य अध्यापिका श्रीमती रजनी मडाहर ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गीत के साथ हुआ। सभी में भगवान श्री कृष्ण को झूला झूला कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया और प्रसाद ग्रहण किया।