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डीसीएम ग्रुप ने किया शूलिनी यूनिवर्सिटी के साथ एकैडमिक समझौता, विद्यार्थियों में स्किल्स की होगी बढ़ौतरी
शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को तकनीक, स्किल्स में आगे बढ़ाने के लिए उठाया अनूठा कदम
डीसीएम ग्रुप ने किया शूलिनी यूनिवर्सिटी के साथ एकैडमिक समझौता, विद्यार्थियों में स्किल्स की होगी बढ़ौतरी
-शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को तकनीक, स्किल्स में आगे बढ़ाने के लिए उठाया अनूठा कदम-
फिरोजपुर, 11 अक्टूबर, 2020: स्कूल स्तर पर शोध करने के उद्देश्य सहित शिक्षा में गुणात्मक बदलाव तथा आधुनिकीकरण हेतू डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स ने शूलिनी यूनिवर्सिटी के साथ एकैडमिक समझौता किया है। यह पहली बार है कि जब यूनिवर्सिटी द्वारा किसी स्कूल के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग -एमओयू- हस्ताक्षरित किया गया हो। यह समझौता डीसीएम ग्रुप के छात्रो के लिए जूनियर रिसर्च स्टूडेंट फैलोशिप प्रोग्राम शुरू करके स्कूलो में शोध की संस्कृति बनाने का अवसर प्रदान करेगा। इसके माध्यम से जहां विद्यार्थियो के स्किल्स डिवैल्प होंगे, वहीं उन्हें स्कूल जीवन के बाद आने वाली समस्याओ के समाधान के लिए बौद्धिक रूप से परिपक्त हो जाएंगे।
ग्रुप की हैड प्रोजैक्ट सोनल महाजन ने बताया कि डीसीएम ग्रुप के सीईओ अनिरूद्ध गुप्ता तथा शूलिनी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. पीके खोसला द्वारा ऑनलाइन हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते से स्कूली छात्रो में शोध की बुनियादी बातो को विकसित करने में मदद मिलेगी और वे अनुसंधान व नवाचार के क्षेत्र में योगदान करने में सक्षम होंगे।
डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स 1946 से विश्व स्तर की शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध स्कूलो का एक समूह है और पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्यों में इनके स्कूलो की शाखाएं है।
इस समझौते के अंतर्गत शूलनी यूनिवर्सिटी के शिक्षाविद्वो द्वारा डीसीएम ग्रुप के सभी स्कूलो के विद्यार्थियों को जहां स्किल्स डिवैल्प करने की ट्रेनिंग दी जाएगी, वहीं विज्ञान व तकनीक की आधुनिक प्रणाली तथा एमरजिंग कैरियर के बारे में गाइडैंस मिलेगी। यूनिवर्सिटी द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक सहित छात्रो के लिए तीन दिनो का सॉफ्ट स्किल प्रोग्राम भी प्रदान किया जाएगा। छात्रो के लिए जूनियर एमबीए प्रोग्राम विशेष तौर पर तैयार किया जाएगा और ऐसा स्कूल करिकल्म बनाएंगे जोकि विद्यार्थियो में स्किल्स का उत्थान करेगा। यूनिवर्सिटी द्वारा डीसीएम के स्कूलो में जूनियर रिसर्च फैलोशिप कार्यक्रम तैयार किया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों में खोज करने की प्रवृति उत्पन्न हो। ऐसा करने से विद्यार्थियों में कार्यकुशला बढ़ाने व विचारो में प्रवीणता लाने के लिए सहायक होगा। यूनिवर्सिटी द्वारा कम अवधि के प्रमाणिक कोर्स विद्यार्थियों व अध्यापको को करवाए जाएंगे। यूनिवर्सिटी द्वारा डीसीएम के अध्यापको की कार्यकुशलता व ज्ञान बढ़ाने के लिए विभिन्न शैक्षणिक उन्नति के कार्यक्रम चलाएगी।
गौतलब है कि इससे पहले डीसीएम ग्रुप का सिटी यूनिवर्सिटी के अलावा आईआईटी रोपड़ के साथ भी एमओयू साइन हो चुका है और विद्यार्थियों को इसका काफी लाभ मिल रहा है।
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. पी.के. खोसला ने कहा कि शिक्षा जगत के इतिहास में यह दिन इतिहास के रूप में याद रखा जाएगा कि जब देश के दो बड़े शिक्षण संस्थानो के मध्य विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय शिक्षा देने के लिए एमओयू हस्ताक्षर हुआ है।