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स्वर्गीय मोहनलाल भास्कर जी की याद में, 19वें अखिल भारतीय मुशायरा का आयोजन
स्वर्गीय मोहनलाल भास्कर जी की याद में, 19वें अखिल भारतीय मुशायरा का आयोजन
फ़िरोज़पुर , 1.12.2023: मोहन लाल भास्कर फाउंडेशन ने स्वर्गीय मोहनलाल भास्कर जी की याद में किये गए 19वें अखिल भारतीय मुशायरा में उमड़ती हुई बुजुर्गों को सम्मान देने की उत्साही आवाज सुनी। यह सफलतापूर्वक वीरवार को देर शाम का आयोजन हुआ।
विवरण देते हुए प्रो.एच.के. गुप्ता, उपाध्यक्ष, एमएलबी फाउंडेशन ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत प्रभा भास्कर द्वारा स्वर्गीय श्री मोहन लाल भास्कर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुई।
प्रभा भास्कर, संरक्षक-संयुक्त प्रमुख एमएलबी एजुकेशनल सोसाइटी और फाउंडेशन, मेजर जनरल शेरोन योगी ,जनरल ऑफिसर इन कमांड गोल्डन एरो डिवीजन, वीके मीना आईएएस, प्रधान सचिव पंजाब सरकार, ब्रिगेडियर पवन बजाज, डी.आई.जी सीमा सुरक्षा बल, वीरेंद्र अग्रवाल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, फिरोजपुर, राजेश धीमान, डिप्टी कमिश्नर, फिरोजपुर , लखबीर सिंह, ए.आई.जी. काउंटर इंटेलीजेंस, निधि कुमुद, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जनरल), किशोर कुमार, सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फिरोजपुर, वरिंदर मोहन सिंघल, सी ए और चेयरमैन जेनेसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस एंड रिसर्च, समीर मित्तल, डायरेक्टर, भगवती लैक्टो प्राइवेट लिमिटेड, फिरोजपुर एवं संयुक्त अध्यक्ष, जेनेसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस एंड रिसर्च, गुरमंदर सिंह, पीसीएस सब डिविजनल मजिस्ट्रेट फिरोजपुर, कर्नल अनुज अंतल, कर्नल पुनीत कटारिया, उचित सिंघल सीनियर डीओएम रेलवे, भूपिंदर सिंह, डीएसपी डी, राज कुमार, डीएसपी विजिलेंस, लेफ्टिनेंट कर्नल संजीत भट्ट, डॉ. परवीन ढींगरा, डॉ. कमल बागी, डॉ. शील सेठी, डॉ. हर्ष भोला, राहुल मित्तल, कर्नल संजीव कटारिया, डिप्टी कमांडेंट गुरप्रीत सिंह गिल, डिप्टी कमांडेंट मिथलेश कुमार, हीरा सोढ़ी, सूचना आयुक्त पंजाब सरकार, जावेद अख्तर, अमरीक सिंह, डीपीआरओ, फिरोजपुर, ने समारोह की शोभा बढ़ाई
इस अवसर पर एमएलबी एजुकेशनल सोसाइटी और फाउंडेशन ने प्रोफेसर सी.एल. अरोड़ा को एमएलबी अवार्ड-2023 (कला और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड), संत बाबा सुक्खा सिंह जी (सरहाली साहिब) को एमएलबी अवार्ड-2023 (समाज सेवा) सिफत कौर समरा को एमएलबी अवार्ड-2023 (युवा आइकन अवार्ड-खेल),
लखबीर सिंह, ए.आई.जी. काउंटर इंटेलीजेंस को एमएलबी अवार्ड-2023 (नशा विरोधी अभियान) और डा एस.एन.रूद्रा
(मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के एमएलबी अवार्ड-2023) से सम्मानित किया गया।
स्वर्गीय मोहनलाल भास्कर के पोते अशीर सागर भास्कर ने बुजुर्गों को समर्पित कविता पेश की और पोती भूमिजा भास्कर ने सभी आगुंनतको को अपने माँ-बाप व बड़े बुज़ुर्गों के साथ समय बिताने तथा उनका सदैव सम्मान करने की शपथ दिलवायी।
इस उपरांत मशहूर शायर जनाब जौहर कानपुरी ने जब अपनी शायरी पढ़ी तो सभी श्रोताओं ने खूब तालियां बजाईं।
“ज़माने भर में बढ़ी घर की शान बेटी से,
महकता रहता है दिल का जहां बेटी से ”
जनाब आदिल रशीद की शायरी जिसने पूरी महफ़िल को बांध दिया वो थी-
“कम से कम जाते हुए मुझसे निगाहें न बदल,
कल तुझे मुझसे कोई काम भी पड़ सकता है ”
शायर जनाब महेन्द्र अश्क ने जब अपनी शायरी पढ़ी तो सभी श्रोताओं ने खूब तालियां बजाईं।
“तेरी यादों के जुगनू बोलते है, मेरी पलकों पे आंसू बोलते है,
अभी बाकी है थोड़ी सी शराफत, तभी कुछ लोग उर्दू बोलते है ”
जनाब शहज़ादा गुलरेज़ की शायरी जिसने पूरी महफ़िल को बांध दिया वो थी-
“बर्फीले पहाड़ो के सवेरे जैसा, इस शहर में कोई नहीं तेरे जैसा,
सियाह रात थी रोशन चिराग कोई ना था, मगर हमारे भी दामन पे दाग कोई ना था”
इस दौरान मुशायरे मे जनाब नदीम फारूख, जनाब राजेश मोहन, जनाब मुकेश आलम, जनाब वरुण वाहिद और अन्य शायरों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उपरोक्त समारोह को सफलतापूर्वक आयोजित करने मे गुरतेज कोहरवाला, झलकेश्वर भास्कर, मेहर सिंह मल्ल, अमरजीत सिंह भोगल, अमन देवड़ा, अजय तुली, हरमीत विद्यार्थी, संतोख सिंह, शालिन्दर भल्ला, चरणजीत शर्मा, डॉ. हर्ष भोला, डॉ. नरेश खन्ना, राकेश शर्मा, कमल द्रविड़, विक्रम शर्मा, सुरिंदर गोयल, श्री नरेश शर्मा, श्री विकास मित्तल, अमरीक सिंह, विपन शर्मा, परमवीर शर्मा, ए.के. सेठी,सपन वत्स, दीपक सिंगला, दर्शन सिंह, महिमा कपूर, शिप्रा अरोड़ा, शिवांगी और गुरप्रीत सिंह ने अहम भूमिका निभाई
विवेकानंद वर्ल्ड स्कूल के चेयरमैन गौरव सागर भास्कर ने मुशायरे में आए मुख्य अतिथियों, कवियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का तहे दिल से स्वागत किया।
गौरतलब है कि यह कार्यक्रम पूर्व भारतीय जासूस मोहन लाल भास्कर की याद में आयोजित किया गया था, जिन्होंने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ एजेंट के रूप में काम करते हुए सोलह बार पाकिस्तान में घुसपैठ की थी, लेकिन डबल-क्रॉस एजेंट के कारण 17वीं यात्रा पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। बाद में उन्हें पाकिस्तानी अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई लेकिन 9 दिसंबर 1974 को शिमला समझौते के तहत श्री हरिवंश राय बच्चन ने अपने निरंतर प्रयासों से मोहन लाल भास्कर की वतन वापसी कराई।
बाद में उन्होंने अपनी आत्मकथा “मैं पाकिस्तान में भारत का एक जासूस था” में पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में अपनी कहानियाँ लिखीं, जिसे 1989 में सासंद श्रीकांत वर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया और यह पुस्तक दस अलग-अलग भाषाओं में प्रकाशित हुई।