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सेकेंडरी विंग में भर्ती होने वाले अध्यापकों को अब देने पड़ेगे 2 टेस्ट : बेरोजगार टीईटी पास अध्यापकों में निराशा

सेकेंडरी विंग में भर्ती होने वाले अध्यापकों को अब देने पड़ेगे 2 टेस्ट
टेस्टों में प्राप्त अंकों पर ही बनेगी मेरिट सूचि
बेरोजगार टीईटी पास अध्यापकों में निराशा

फाजिल्का, 18 नवंबर: पंजाब सरकार द्वारा इसी माह 8500 के लगभग मास्टर केडर, लेक्चरारों मुख्याध्यापकों व प्रिंंसिपलों की भर्ती प्रक्रिया आरंभ होने जा रही है लेकिन विभाग द्वारा सेकेंडरी विंग में भर्ती होने वाले अध्यापकों की भर्ती में नए संशोधन से इन अध्यापकों में निराशा फैल गई है।
शिक्षा विभाग के विश्वसनीय सूत्रों के हवाले के जानकारी देते हुए शिक्षा शास्त्री राज किशोर कालड़ा ने बताया कि सेकेंडरी विंग में नई भर्ती के नियमों में संशोधन कर अध्यापक योग्यता परीक्षा (टीईटी) पर एक ओर टेस्ट रखने का निर्णय लिया जा रहा है। जिसकी पुष्टि निर्देशक शिक्षा विभाग सेकेंडरी ने भी कर दी है। इस कारण राज्य भर में सेकेंडरी स्कूलों में भर्ती होने वाले बेरोजगार अध्यापकों को भर्ती चयन से पूर्व 2 परीक्षाओं में गुजरना पड़ेगा। पंजाब सरकार द्वारा प्राइमरी शिक्षा के लिए ईटीटी अध्यापकों की भर्ती के नियमों में कोई ऐसा संशोधन नहीं किया गया और सेकेंडरी शिक्षा में भर्ती होने वाले मास्टरों को अब टीईटी के अतिरिक्त संबंधित विषय की परीक्षा भी देनी पड़ेगी। शिक्षाविद ने बताया कि नई योजना के अंतर्गत अब टीईटी और संबंंधित विषय की परीक्षा में प्राप्त किए गए अंकों को जोडक़र योग्यता सूचि बनाई जाएगी।
शिक्षा विभाग पंजाब द्वारा इसी मास 8500 मास्टर केडर मुख्याध्यापकों व प्रिंसिपलों की भर्ती की जा रही है। इसके साथ ही सरकार टीईटी की परीक्षा लेने की भी तैयारी कर रही है। नई भर्ती के उपर संबंधित विषय की परीक्षा की शर्त भी लागू होगी और इंट्रव्यू नहीं ली जाएगी और न ही मेरिट में इंट्रव्यू के नंबर निर्धारित किए जाएंगे। प्राप्त सूचना के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा भर्ती नियमों में शंशोधन का एक कारण राज्य में चल रहे विश्वविद्यालयों द्वारा परीक्षाओं के दौरान कम अंकों के देने में और दूसरे राज्यों में विश्वविद्यालयों में खुले नंबर देने के कारण मेरिट में पैदा हुए अंतर को पूरा करना माना जा रहा है। इसी कारण ही 8500 पदों पर की जा रही नई भर्ती में संबंधित विषय की परीक्षा लेने की शर्त भी लागू की जा रही है।
यह शर्त मात्र सेकेंडरी विंग में भर्ती होने वाले अध्यापकों के उपर लागू होगी क्योंकि टीईटी में विषयों के संबंधी विशेष रूप पर प्रश्न दर्ज नहीं होते। इस कारण अध्यापक जिस विषय के लिए भर्ती किया जाता है उससे संबंधित विषय के बारे में उनकी विशेषता परख करने के लिए यह परीक्षा अनिवार्य की गई है। श्री कालड़ा ने बताया कि नई भर्ती में किसी तरह की कोई इंट्रव्यू नहीं होगी और मात्र संबंधित विषय का लिखती टेस्ट ही लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि मास्टर केडर के लिए भर्ती होने वाले प्रत्याशियों द्वारा ग्रेजूएशन स्तर और लेक्चरार भर्ती होने वाले प्रत्याशियों से मास्टर डिग्री स्तर की परीक्षा ली जाएगी।
इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री कालड़ा ने कहा कि टीईटी के बाद पेपर लेना पूरी तरह गलत है क्योंकि टीईटी के स्तर पर पहले ही विषय से संबंधित 60 प्रश्न दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा टीईटी टेस्ट के उपर टेस्ट रखने से जहां टीईटी का पेपर तैयार करने वाले विशेषज्ञों की योग्यता उपर प्रश्न चिन्ह लग गया है वहीं इससे सरकारों और अध्यापकों के समय और पैसे की बर्बादी भी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार ने टेस्ट के उपर टेस्ट रखने की नीति न छोड़ी तो टीईटी पास बेरोजगार अध्यापक जिनको यह प्रतीत हो रहा था कि अब तो उनकी नियुक्ति निश्चित ही है वह आंदोलन भी करेंगे और न्यायलयों में जाने वाले मार्ग पर भी चल सकते हैं।

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