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सीमावर्ती ग्रामीणों को सुविधाएं प्राप्त न होने के कारण सरकार की खुली पोल: जीरा

सीमावर्ती ग्रामीणों को सुविधाएं प्राप्त न होने के कारण सरकार की खुली पोल: जीरा
ग्रमीणों को ठहराया जा रहा है खंडहर घोषित किए भवनों में

शौचालयों व अन्य विभिन्न सुविधाओं का प्रबंध न होने के कारण लोग परेशान

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फाजिल्का : भारत-पाक सीमा पर पैदा हुई तनाव की स्थिति के चलते खेत मजदुर कांग्रेस सेल के प्रधान इंदरजीत सिंह जीरा पूर्व मंत्री हंसराज जोसन, पूर्व यूथ कांग्रेस प्रधान रंजम कामरा ने आज तनाव के कारन खाली करवाए जा रहे फाजिल्का जिले में स्थापित सरकारी आई टी आई का दौरा किया।
अध्यक्ष श्री जीरा से ने जब प्रभावित ग्रामीणों से बात की तो प्रभावित परिवारों में से अधिकांश ने इस बातचीत के दौरान इस बात पर हैरानी जताई कि पड़ौसी प्रदेश राजस्थान में तो सरकार ने कोई गांव खाली नहीं करवाया। पंजाब में जल्दबाजी में सीमापट्टी के 10 किलोमीटर क्षेत्र में स्थित गांव खाली करवाने के आदेश क्यूं जारी किए गए। इस अवसर पर सरकार द्वारा स्थापित सरकारी आई टी आई में बनाए राहत शिविर में इंदरजीत सिंह जीरा को ग्रामीणों नेे अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि भारत-पाक युद्ध के दौरान भी उन्हें अचानक गांव छोडना पडा था। उसके बाद 1988 में बाढ़ के कारण पूरा गांव उजड गया। कारगिल युद्ध के समय में भी एतिहात के तौर पर 10 किलोमीटर पट्टी के गांव खाली करवाए गए ओर अब फिर उन्हें गांव छोडऩे को कहा गया है। यूथ कांग्रेस प्रधान रंजम कामरा ने कहा की
मात्र 5-6 परिवार ही ऐसे हैं जो पशुधन संभालने के लिए गांव में डटे हुए हैं क्योंकि पशुओं की संभाल के लिए सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की। कई परिवार ऐसे हैं जिनके पास सामान ढ़ोने के लिए भी समूचित प्रबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि कहीं भी सुरक्षाबलों की हलचल नजर नहीं आती। इस अवसर पर लोग यही चर्चा करते हुए नजर आए कि अन्य प्रदेशों में तो सीमावर्ती क्षेत्रो में ग्रामीणों को विस्थापित नहीं बनाया गया। पंजाब सरकार को ऐसा कदम उठाने की क्या आवश्यकता पड़ी थी।
ग्रमीणों ने इंदरजीत सिंह जीरा से बातचीत में कहा कि चाहे भारत-पाक सीमा पर तनाव हो या बाढ़ का प्रकोप आए उन्हें सबसे पहले गांव खाली करने के निर्देश प्राप्त होते हैं। धान की फसल काटने का समय आ चुका है। दूसरी ओर पशुधन को कहीं ले जाना संभव नहीं। इस लिए लगभग सभी परिवारों ने एक एक सदस्य पशुधन व अचल संपत्ति की रखवाली के लिए छोड़ दिया है।
ग्रामीणों से बातचीत के दौरान इंदरजीत सिंह जिरा ने कहा कि वह पंजाब सरकार पर इस बात के लिए जोर देंगे कि विस्थापित परिवारों व उनके पशुधन के लिए समुचित आश्रय की व्यवस्था की जाए हालांकि सीमा पर तनाव के कोई आसार नजर नहीं आ रहे लेकिन यदि ऐसी स्थिति पैदा होती भी है तो बार बार उजाड़े जाने वाले परिवारों को स्थाई राहत प्रदान करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। श्री जीरा ने कहा कि लोगों को राहत पहुंचाने के लिए फाजिल्का की सरकारी आईटीआई में जो खंडहर बिलडिंग खड़ी है उसकी में सरकार द्वारा राहत शिविर बनाकर लोगों को ठहराया गया है ओर यह बिलडिंग खंडहर होने के कारण किसी समय भी गिर सकती है। इसके अतिरिक्त उक्त कैंप में ठहरे हुए लोगों को खाना भी पूरी मात्रा में नहीं मिल रहा तथा शौचालयों का प्रबंध न होने के कारण लोगों को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे तो सरकार विकास के बड़े बड़े दावे करती है लेकिन मुसिबत के समय लोगों को सुविधाएं प्राप्त न होने से सरकार के विकास कार्यों के दावों की पोल खुलती हुई नजर आ रही है। इस अवसर पर, जसपिंदर जाखड़ , डॉ. जसवंत सिंह, कांग्रेस आदि मौजूद थे।

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