विभिन्न वर्गो के 2050 अध्यापकों को पदोन्नत करने के लिए शिक्षा विभाग ने दी स्वीकृति
विभिन्न वर्गो के 2050 अध्यापकों को पदोन्नत करने के लिए शिक्षा विभाग ने दी स्वीकृति
फाजिल्का, 12 अक्तूबर: शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न वर्गो के 12400 अध्यापकों को भर्ती करने के साथ सरकारी स्कूलों में कार्यरत विभिन्न वर्गो के 2050 अध्यापकों को पदोन्नत करने की भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
निर्देशक शिक्षा विभाग कम महानिर्देशक शिक्षा विभाग जिन्हें अभी–अभी महानिर्देशक का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है, के हवाले से जानकारी देते हुए शिक्षा शास्त्री राज किशोर कालड़ा ने बताया कि ईटीटी व कलासिकल एंड वर्नेकुलर अध्यापकों से मास्टर केडर में, मास्टर केडर से मुख्याध्यापक व प्राध्यापकों को तरक्की देने के मामले को भी सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसका विवरण देते हुए श्री कालड़ा ने बताया कि 950 ईटीटी टीचरों को मास्टर, 480 को मुख्याध्यापक व लगभग 620 प्राध्यापकों को पदोन्नतियां दी जाएंगी। निर्देशक शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार संबंधित वरिष्ठ अध्यापकों से केस मांगे जाएंगे। 26 अक्तूबर तक स्कूलों द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के कार्यालय में पदोन्नियां करने संबंधी रिपोर्ट भेजी जाएगी और जिला शिक्षा अधिकारी आगामी कार्रवाई के लिए 2 नवंबर तक केस भेजेंगे। तदोपरांत 9 नवंबर तक पारर्दिशता से सभी केसों पर विचार किया जाएगा। जानकारी में यह भी बताया गया है कि अध्यापकों को उनके पसंदीदा स्टेशन एलाट किए जाएंगे ताकि वह पूरी मेहनत, लगन व ईमानदारी व सेवा भावना से काम करें। उल्लेखनीय है कि इससे पहले गांव व नगरों में एकसारता लाने के लिए रेशनेलाईजेशन की नीति अपनाई गई थी। जिसके अंतर्गत 6733 अध्यापकों की रेशनेलाईजेशन की गई थी। सरकार द्वारा नई भर्ती करने व पदोन्नति करने के निर्णय को जहां शिक्षा शास्त्री श्री कालड़ा ने सराहनीय बताया वहीं उन्होंने शिक्षा मंत्री से यह भी मांग की है कि राज्य के सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में प्राध्यापकों के लगभग 4000 पद रिक्त पड़े हैं लेकिन सरकार द्वारा पदोन्नति मात्र 620 प्राध्यापकों की की जा रही है।
इसके अतिरिक्त सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या विशेषत: नगरों के स्कूलों में काफी बढ चुके हैं। इसलिए विद्यार्थियों के अनुपात में प्राध्यापकों की बहुत कमी है। उन्होंने मांग की कि जहां रिक्त पड़े सभी पदों को भरने हेतु अधिक से अधिक वरिष्ठ पोस्ट ग्रेजुएट मास्टरों को प्राध्यापक बनाया जाए वहीं विद्यार्थियों के अनुपात में विशेषत: पंजाबी व अंग्रेजी जोकि अनिवार्य विषय हैं, के और पद स्वीकृत किए जाएं ताकि विद्यार्थियों की पढाई प्रभावित न हो।