Ferozepur News
मयंक फ़ाउंडेशन ने ‘एक शाम मयंक के नाम ‘ का किया आयोजन
मास्टर अनमोल द्वारा गाये सूफ़ी नग़मे ‘ तू माने या ना माने दिलदारा, असां ता तैनू रब मनया ‘निवेदिता द्वारा गाये ‘ मधुबन ख़ुशबू देता है ‘ व भूमि ने सभी का मन मोह लिया
मयंक फ़ाउंडेशन ने ‘एक शाम मयंक के नाम ‘ का किया आयोजन
सुरमयी शाम ‘ स्वरान्जली ‘ तहत दिया उभरते हुए कलाकारों को मंच
फ़िरोज़पुर 21 फ़रवरी, 2021:मयंक फाउंडेशन फिरोज़पुर नें गत शाम अपने सभी सदस्यों के साथ मिलकर स्थानीय दास एंड ब्राउन वर्ल्ड स्कूल फिरोज़पुर में एक सुरमयी शाम का आयोजन किया । इसके बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए संस्था के सचिव राकेश कुमार नें बताया कि अपनी स्थापना से लेकर आज तक जो भी कार्य मयंक फाउंडेशन द्वारा किए गये हैं उनका अवलोकन सभी सदस्यों और उनके परिवारों के साथ मिल बैठकर किया गया । एक भव्य एवं व्यवस्थित कार्यक्रम में सर्वप्रथम ज्योति प्रज्ज्वलन फाउंडेशन के महिला सदस्यों द्वारा किया गया इसके पश्चात एक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमे वर्ष भर के कार्यो का लेखा जोखा था ।
फाउंडेशन के अध्यक्ष अनिरुद्ध गुप्ता नें सभी सदस्यों और उनके परिवारों का स्वागत किया और सभी को आने वाले समय में भी ईसी कर्मठता से कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
शाम को सुरमयी बनाते हुए मास्टर गौतम भसीन ने वायलिन पर ‘ अभी, मुझमें कहीं, बाक़ी, थोड़ी सी है ज़िंदगी ‘ बजा कर श्रोताओं का दिल लूट लिया।
मनमीत ने रफ़ी साहब के नग़मों ‘ पुकारता चला हूँ मैं व तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है , गाकर सभी को मोहित कर दिया।
मास्टर अनमोल द्वारा गाये सूफ़ी नग़मे ‘ तू माने या ना माने दिलदारा, असां ता तैनू रब मनया ‘निवेदिता द्वारा गाये ‘ मधुबन ख़ुशबू देता है ‘ व भूमि ने सभी का मन मोह लिया ।
फ़रीदकोट से विशेष रूप से आये सुर आँगन संगीत अकादमी के गायकों मनजोत, अकविंदक , गगनदीप व साहिल ने डॉ राजेश मोहन के नेतृत्व में शानदार प्रस्तुति दी।
युटयुब सनसनी रमणीक -सिमरिता बहनों ने अपनी शानदार प्रस्तुति से शाम को अपने अंजाम तक पहुँचाया। डी.सी.एम ग्रुप ऑफ स्कूल के म्यूज़िक बैंड नैंसी ब्राउन, मैथ्यूज़ जोसफ़, विशाल, रिषभ मैथ्यूज़, मोनिका कोछड़ व अभिमन्यु ने शानदार मैडले प्रस्तुत किया व श्रोताओं की तालियाँ बटोरी। सभी उभरते हुए कलाकारों को फाउंडेशन की तरफ से स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया ।
दीपक शर्मा नें आए सभी सदस्यों का धन्यवाद किया । हरिन्द्र भुल्लर नें अपने चिर परिचित अंदाज मे मंच का संचालन किया ।
अंत में अपनी अमिट यादें छोड़ता हुआ यह कार्यकम अगले वर्ष फिर से मिलने के वादे के साथ समाप्त हुआ ।