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फिरोजपुर के इतिहास में पहली बार 3 महीने के प्री मैच्यौर जन्मे बच्चे का लेजर तकनीक से सफ्लतापूर्वक आंखों का ओपरेशन किया 

फिरोजपुर के इतिहास में पहली बार 3 महीने के प्री मैच्यौर जन्मे बच्चे का लेजर तकनीक से सफ्लतापूर्वक आंखों का ओपरेशन किया 

फिरोजपुर के इतिहास में पहली बार 3 महीने के प्री मैच्यौर जन्मे बच्चे का लेजर तकनीक से सफ्लतापूर्वक आंखों का ओपरेशन किया

फिरोजपुर 24 मई, 2024 : फिरोजपुर के इतिहास में पहली बार फिरोजपुर शहर के कालिया आई मैटरिनटी हॉस्पिटल में प्री-मैच्यौर जन्मे बच्चे जिसकी अब उर्म 3 महीने है का लेजर तकनीक से सफ्ल ओपरेशन किया। जानकारी देते हुए आंखों के रोगों के माहिर सजर्न डाक्टर अश्विनी कालिया ने बताया कि सीमावर्ती जिला फिरोजपुर के इतिहास में पहली बार प्रीमैच्योर बच्चे पर ग्रीन रेटिना लेजर ओपरेशन किया गया है ।

उन्होने बताया कि बच्चे का ओपरेशन शील चिल्ड्रेन अस्पताल में बच्चों के रोगों के माहिर डा. शील सेठी की देखरेख में रेटिना से संबधित रोगों के माहिर डाक्टर रोहित एस थोटा विट्रेओ रेटिनी सजर्न द्वारा सफ्लता पूर्वक किया गया । । कालिया आई मैटरिनटी हॉस्पिटल में विजिटिंग आई सर्जन डॉ. रोहित ने मीडिया को बताया कि यह तीन महीने का समय से पहले जन्मा बच्चा था। जिसे रेटिना की बहुत ही गंभीर बीमारी आरओपी (रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमैच्योरिटी) का पता चला था।

बच्चों के रोगों के माहिर डाक्टर डॉ. शील सेठी ने बताया कि बच्चे का जन्म गर्भावस्था के 28 सप्ताह में हुआ था और जन्म के समय उसका वजन 900 ग्राम था। यदि समय पर निदान और उपचार ठीक से नहीं किया गया तो बच्चा अंधा हो सकता है।

डा. शील सेठी ने बताया कि सभी समय से पहले और 2 किलो से कम वजन वाले शिशुओं को चार सप्ताह की उम्र में आंखों की जांच करानी चाहिए।

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