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फाजिल्का को एजुकेशन हब बनाने हेतु सरकार व प्रशासन जल्द से जल्द कार्रवाई करे: ठकराल

फाजिल्का 31 मार्च : फाजिल्का नगर को 27 जुलाई 2011 को पंजाब सरकार ने जिला घोषित कर दिया था। इसके लिए भी नगर निवासियों को लंबा संघर्ष करना पड़ा था। लंबे संघर्ष के बाद जिला घोषित होने के बाद नगर निवासियों ने एक ऐसी खुशी का अनुभव किया था कि उसको शब्दों में ब्यान करना कठिन है। इसके साथ-साथ नगर निवासियों ने यह नहीं सोचा था कि उनके बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए नगर से दूसरे शहरों में जाना पड़ेगा क्योंकि देखने में आया है कि प्रतिदिन सुबह 8 बजे डीएवी कालेज आफ एजुकशेन अबोहर, डीएवी कालेज अबोहर, गोपी चंद आर्य महिला कालेज अबोहर, भाई महा सिंह कालेज श्री मुक्तसर साहिब, मिमिट कालेज मलोट, डीएवी कालेज जलालाबाद की बसें नगर में बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए हजारों की संख्या में यहां से रवाना होती हैं क्योंकि यहां पर कोई उच्च शिक्षा का कोई उचित प्रबंध नहीं है। इसके साथ-साथ उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए लुधियाना, चंडीगढ़, दिल्ली, कोटा, अमृतसर, जालंधर व देश के दूसरे राज्यों में शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं जिससे उनके समय व धन की बर्बादी होती है। यदि एक अनुमान लगाया जाए कि प्रति बच्चा प्रतिमाह 5 हजार भी खर्च हो और 5 हजार बच्चे नगर से दूसरे नगरों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाते हों तो यह संख्या करोड़ों में पहुंच जाएगी जिससे नगर का पैसा जो विकास कार्यो पर खर्च होना था जो दूसरे नगरों में बच्चों को खर्च करना पड़ता है जिससे उनको मानसिक परेशानी से बनी रहती है। यहां कोई जगह की कमी नहीं है न ही कोई दानी सज्जनों की कमी है। पता नहीं प्रशासन व सरकार इस बारे में ध्यान नहीं दे रही। यह उदगार प्रकट करते हुए पंजाब गवर्नमेंट ऐडिड स्कूल अध्यापक एवं अन्य कर्मचारी जोन के मालवा जोन के मीडिया इंचार्ज अजय ठकराल ने बताया कि इतना लंबा समय बीत जाने के बाद सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए उचित प्रबंध क्यों नहीं किया यह बहुत हैरानी का विषय है। सरकार को तो चाहिए फाजिल्का नगर को एजुकेशन हब बना दे इसके लिए नगर में डैंटल कालेज, इंजीनियरिंग कालेज, पोलोटैक्नीक व नर्सिग कालेज तथा डिग्री कालेज भी स्थापित करे क्योंकि दूसरा हैरानी का विषय यह है कि नगर में एक ही डिग्री कालेज जो सरकारी एमआर कालेज के नाम से जाना जाता है वो कालेज भी राम भरोसे ही चल रहा है क्योंकि इस कालेज में भी प्राध्यापकों के भी कई पद खाली पड़े हैं तथा सरकार ने कई कोर्स बंद कर दिए हैं। इस बारे में नगर के  व आसपास के क्षेत्रों के सीनेट के सदस्य भी ध्यान नहीं देते। सरकार ने यदि कोर्स बंद किए हैं तो उनको चालू करवाना भी प्रशासन का कार्य है। श्री ठकराल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, प्रमुख शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार व फाजिल्का की डिप्टी कमिश्नर ईशा कालिया, विधायक दविंदर सिंह घुबाया, पंजाब यूनिवर्सिटी के सीनेट सदस्य संदीप धूडिय़ा व अन्य अधिकारियों से पुरजोर अपील की है कि फाजिल्का नगर को एजुकेशन हब का दर्जा दिया जाए व जिस प्रकार चंडीगढ में आईटी पार्क है तथा वहां पर सिर्फ आईटी से ही संबंधित कोर्स करवाने के लिए बच्चों को उत्साहित किया जाता है इसी तरह फाजिल्का नगर में भी बच्चों को उत्साहित करने के लिए प्रशासन एक ऐसा सर्वे करवाए तथा दानी सज्जनों से अपील करके व नगर निवासियों से आग्रह करके एजुकेशन हब के लिए भूमि उपलब्ध करवाकर बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा हेतु अपना पूरा प्रयास करे।

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