पर्स भी खाली, जेब भी खाली तो ऐडिड स्कूलों के अध्यापक कैसे बजाए स्कूल में ताली
पर्स भी खाली, जेब भी खाली तो ऐडिड स्कूलों के अध्यापक कैसे बजाए स्कूल में ताली
–अक्टूबर से नहीं मिला वेतन, बिना वेतन के घर चलाना हुआ मुश्किल: अजय ठकराल
फाजिल्का: पंजाब सरकार का ध्यान माघी मेले पर सिर्फ शक्ति प्रदर्शन करने पर लगा हुआ है क्योंकि विधानसभा चुनाव करीब है। सरकार यह जताना चाहती है कि पिछले चार वर्षो में विकास के कार्य करवाए है। लेकिन असल में सचाई यह है कि विकास सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। शिक्षा की अलख जगाने वाले अध्यापक व अन्य कर्मचारी अपने वेतन को लेकर कई महीने इंतजार में रहते है। सरकार 75 एकड़ भूमि पर टेंट लगाकर श्रीमुक्तसर साहिब में माघी मेले पर शक्ति प्रदर्शन कर रही है जिस पर लाखों रूपये का खर्चा आने का अनुमान है लेकिन अध्यापकों को वेतन देने के लिए सरकार के पास धन की कमी है। तो फिर विकास कहां हुआ। सरकार अध्यापकों के साथ मानसिक शोषण कर रही है जिस कर्मचारी को समय पर वेतन ही नहीं मिलता वो अपने घर का गुजारा कैसे चला सकता है बच्चों की फीस, घर का खर्च, आय का रिर्टन आदि बिना पैसे से कैसे चलाए जा सकते है। इस बात का सहज अनुमान लगाया जा सकता है क्योंकि अध्यापक का पर्स भी खाली हो, जेब भी खाली हो तो स्कूल में ताली कैसे बजेगी। उक्त उद्गार प्रकट करते हुए पंजाब गर्वमेंट ऐडिड स्कूल अध्यापक व अन्य कर्मचारी यूनियन के जिला प्रवक्ता अजय ठकराल ने बताया कि गर्वमेंट ऐडिड स्कूलों के प्राइमरी अध्यापकों को अक्टूबर से लेकर आज तक का वेतन नसीब नहीं हुआ। इस बारे में न तो सरकार से कोई भी संतोष जनक उत्तर मिलता व न ही शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी कोई संतोष जनक उत्तर देते है। सरकार को चाहिए की शक्ति प्रदर्शन करने के साथ साथ इन कर्मचारियों का भी अवश्य ख्याल रहे क्योंकि इन कर्मचारियों के बल पर ही सरकार बनती है। उन्होने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व शिक्षामंत्री डा. दलजीत सिंह चीमा से मांग की है कि इस बारे में अविलंब कार्रवाई करे व इन अध्यापकों को जल्द से जल्द वेतन दिलवाए।