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नीट परीक्षा में डीसीएम के विद्यार्थियो ने गाढ़े झंडे, स्कूल का चमकाया नाम

डीसीएम ग्रुप के 12 विद्यार्थियो ने हाई परसैंटाइल के साथ पास की नीट परीक्षा, डॉक्टर बनने की तरफ बढ़ाया कदम

 

नीट परीक्षा में डीसीएम के विद्यार्थियो ने गाढ़े झंडे, स्कूल का चमकाया नाम

नीट परीक्षा में डीसीएम के विद्यार्थियो ने गाढ़े झंडे, स्कूल का चमकाया नाम
-डीसीएम ग्रुप के 12 विद्यार्थियो ने हाई परसैंटाइल के साथ पास की नीट परीक्षा, डॉक्टर बनने की तरफ बढ़ाया कदम-

फिरोजपुर, 2 नवंबर, 2021
सीमावर्ती जिले में शिक्षा के क्षेत्र में आए दिन नए कीर्तिमान स्थापित करने वाले डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स के विद्यार्थियो ने नीट के परिणाम में झंडे गाढ़ते हुए एक बार फिर इतिहास रचा है। स्कूल के 12 विद्यार्थियो ने नैशनल इलीजिबिल्टी कम-एंट्रैंस टैस्ट -नीट- में ऑल इंडिया में उच्च रैंक हासिल कर डॉक्टर बनने की तरफ कदम अग्रसर किया है। सीनियर सैकेंडरी विंग के वाइस प्रिंसिपल अजय मित्तल ने कहा कि स्कूल से बाहरवीं कक्षा पास कर चुके विद्यार्थी अनन्या गुप्ता ने 99.88 परसैंटाइल, हरमणदीप सिंह कोहली व प्राचल गुप्ता ने ने 99.87 परसैंटाइल, आदित्या सेठी ने 99.51 परसैंटाइल, अरनव जयसवाल ने 99.21 परसैंटाइल, उमंग जैन ने 98.57 परसैंटाइल, सना सेठी ने 98.33 परसैंटाइल, मीनाल मक्कड़ ने 98.01 परसैंटाइल, स्माइल ने 98 परसैंटाइल, रक्षांत शर्मा ने 97.22 परसैंटाइल, गुणगुण ने 91.23 परसैंटाइल, नीतिका ने 88 परसैंटाइल हासिल किए है।
भावी डॉक्टर्स से उनके अभिभावको के साथ स्कूल में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सीईओ अनिरूद्ध गुप्ता ने विद्यार्थियो के उज्जवल भविष्य की कामना की और आशा जताई कि यह सभी भावी डॉक्टर उच्च स्तरीय शिक्षा हासिल कर जिले का नाम विश्व के मानचित्र पर चमकाएंगे। समूह के हैड सीनियर सैकेंडरी ललित मोहन गुप्ता ने कहा कि डीसीएम ग्रुप द्वारा टैब, टैग सहित अन्य कंपीटिशन एगजाम की कक्षाए शुरू की है ताकि विद्यार्थियो को पढऩे के लिए अन्य शहरो में ना जाना पड़े। उन्होंने कहा कि वर्ष 1946 में संस्थापक एम.आर दास ने जो सपना देखा था वह आज साकार होता नजर आ रहा है।
अनन्या गुप्ता ने कहा कि उसके पिता मनीश गुप्ता बिजनैसमेन और माता सीमा गुप्ता अध्यापिका है। उसका शुरू से ही सपना डॉक्टर बनने का रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में एक डॉक्टर ही लोगो के स्वास्थ्य का ध्यान रखकर जिंदगिया बचा सकता है और इसी मनोरथ से उसकी इच्छा है कि वह डॉक्टर बनकर सीमावर्ती जिले के लोगो की सेवा कर सके। उसने कहा कि वह स्कूल की पढ़ाई के अलावा रोजाना 6-7 घंटे नीट की तैयारी करती थी और यहीं कारण है कि उसने इतने अंक हासिल किए है। अपनी सफलता का श्रेय अध्यापको को दिया है, जिन्होंने उसे इतनी तैयारी करवाकर काबिल बनाया है।
प्रिंसिपल सुमन कालरा ने कहा कि सभी विद्यार्थी बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न है और उन्हें स्कूल में ही तैयारी करवाई गई थी और इन विद्यार्थियों ने बाहर से कोई कोचिंग नही ली थी। उन्होंने कहा कि डीसीएम में पढऩे वाले विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के अलावा प्रतियोगात्मक परीक्षाओ की भी तैयारी करवाई जाती है । उन्होंने कहा कि यह शिक्षा की गुणवत्ता का परिणाम है कि हर वर्ष डीसीएम के विद्यार्थी देश के उच्चतम संस्थाओ में एडमिशन पाते है।
डिप्टी प्रिंसिपल मनीश बांगा ने बताय कि यहीं कारण है कि पिछले 75 वर्ष के इतिहास में इस स्कूल ने अनेको आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील सहित विभिन्न उच्च पदो पर नियुक्त अधिकारी तैयार किए है। उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय शिक्षा मुहैया करवाने में अध्यापक डा. सुरेश शर्मा, अजय मित्तल, वीके मोंगा, सन्नी सचेदवा, राजेश सिंगला, राजेन्द्र प्रसाद, नवीन जयसवाल सहित अन्य का खासा योगदान रहा है।

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