धरती दिवस पर पर्यावरण संरक्षण के समर्थन हेतू डीसीएम ग्रुप करवा रहा ऑनलाइन पोस्टर, कोलॉज व बुकमार्क प्रतियोगिता
21 अप्रैल तक हरेक वर्ग के विद्यार्थी कर सकते है ऑनलाइन एंट्री, 22 को घोषित होगा परिणाम
धरती दिवस पर पर्यावरण संरक्षण के समर्थन हेतू डीसीएम ग्रुप करवा रहा ऑनलाइन पोस्टर, कोलॉज व बुकमार्क प्रतियोगिता
-21 अप्रैल तक हरेक वर्ग के विद्यार्थी कर सकते है ऑनलाइन एंट्री, 22 को घोषित होगा परिणाम –
फिरोजपुर, 20 अप्रैल, 2020
धरती पर बढ़ रहे प्रदूषण व पर्यावरण संरक्षण के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक करने के उद्देश्य से डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स द्वारा भूमि दिवस के अवसर पर ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें हिस्सा लेने के लिए विद्यार्थियों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।
एक्टीविटी इंचार्ज आशिमा ने बताया कि गुगल फार्म के माध्यम से हर विद्यार्थी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए अपना नाम दर्ज करवा सकता है और इसमें अन्य स्कूलों के विद्यार्थी भी हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर धरती के प्रति भावों को प्रकट कर सकते है। उन्होंने कहा कि 21 अप्रैल तक विद्यार्थी इसमें एंट्री कर सकते है और 22 अप्रैल को धरती दिवस पर इसका परिणाम घोषित किया जाएगा। उन्होने कहा कि बच्चे स्कूल के फेसबुक पेज से लिंक ले सकते है।
डीसी मॉडल सीनियर सैकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल राखी ठाकुर ने बताया कि उनके स्कूल द्वारा ऑनलाइन बुकमार्क मेकिंग प्रतियोगिता करवाई जा रही है, जिसमें विद्यार्थी वेस्ट मैटीरियल से प्रयोगशाली वस्तुएं निर्माण करेंगे।
दास एंड ब्राऊन वल्र्ड स्कूल की प्रिंसिपल रानी पौदार ने बताया कि उनके द्वारा ऑनलाइन कोलॉज मेकिंग प्रतियोगिता करवाई जा रही है। जिसे तीन वर्गो में बांटा गया है। कक्षा दूसरी से चौथी तक के विद्यार्थी नेचर एंड यू थीम, पांचवी से आठवी तक के विद्यार्थी इफैक्टिव वेस्ट मैनेजमेंट व नौंवी से दसवीं के विद्यार्थी ई-कोलॉज मेङ्क्षकग थीम पर प्रतियोगिता में हिस्सा लेेंगे।
डीसीएम इंटरनैशल स्कूल के प्रिंसिपल संगीता निस्तेन्द्रा ने कहा कि स्कूल प्रशासन द्वारा ऑनलाइन पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता करवाई जा रही है, जिसमें हर वर्ग के विद्यार्थी पर्यावरण, पृथ्वी पर पोस्टर बनाकर ऑनलाइन भेजेंगे।
निस्तेन्द्रा ने कहा कि धरती दिवस को पूरे विश्व भर में 22 अप्रैल को पर्यावरण संरक्षण का समर्थन करने संबंधी मनाया जाता है और अमेरिकी सीटनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में इसकी घोषणा की थी और तभी से इसे मनाया जाने लगा है।