राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस ‘ पर विशेष
थैंक यू डॉक्टर, धरती के भगवान हैं आप : दीपक शर्मा
डॉक्टर को हमारे देश में भगवान का दर्जा दिया जाता है क्योंकि किसी भी रोग का निवारण करने के लिए हम उन्हीं की और देखते हैं। जनमानस में डॉक्टर के प्रति बहुत उम्मीद और विश्वास होता है । यह बहुत बड़ा कारण है कि लोग डॉक्टर को लगभग पूजते हैं ।डॉक्टरी को पेशा कम सेवा ज़्यादा समझा जाता है । ज़्यादातर डॉक्टर ऐसे हैं जो इस पेशे के सही कीमत को समझते हैं, जिसे उन्होंने चुना है। डॉक्टर दिवस ऐसे डॉक्टरों को सम्मान देने और उनका धन्यवाद करने के लिए है।
भारत में,हर वर्ष पहली जुलाई को ‘डॉक्टर दिवस ‘के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य कारण समाज के द्वारा डॉक्टरी पेशे के महत्व को अनुभव करते हुए उनकी नि:स्वार्थ सेवा को सम्मान देना है ।
केवल डॉक्टर ही नहीं, यह दिन चिकित्सा उद्योग और उसकी उन्नति के लिए भी मनाया जाता है। प्रौद्योगिकी के माध्यम से लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के डॉक्टरों के प्रयास भारत में लगातार हो रहे हैं और यह दिन उन उपलब्धियों को चिह्नित करता है।
डॉक्टर्स डे के बारे में रोचक तथ्य
‘ डॉक्टर दिवस ‘दुनिया भर के विभिन्न देशों में अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है। जैसे भारत में, यह 1 जुलाई को मनाया जाता है।
ब्राजील में, यह 18 अक्टूबर को मनाया जाता है, जबकि अमेरिका में, यह 30 मार्च को मनाया जाता है ।
अमेरिकी राज्य जॉर्जिया में 30 मार्च को वर्ष 1933 में पहली बार डॉक्टर दिवस मनाया गया था। इसमें चिकित्सकों को कार्ड भेजना और मृत डॉक्टरों की कब्रों पर फूल चढ़ाना शामिल था।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस
भारत के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ०बिधान चन्द्र रॉय को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिये 1 जुलाई को उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर इसे मनाया जाता है। 4 फरवरी 1961 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’से भी नवाजा गया।
डॉक्टर्स की बहुमूल्य सेवा, भूमिका और महत्व के बारे में नागरिकों को जागरुक करने के लिये इस अभियान का आरंभ किया गया जिसे एक उत्सव के रूप मे मनाया जाता है।
भारत की विशाल जनसंख्या कई तरीकों से चिकित्सक और उनके गुणवत्तापूर्णं उपचार पर निर्भर करती है। ऐसे डॉक्टर जो उपाय और उपचार के तरीकों में उल्लेखनीय सुधार और प्रगति को दिखातें है , उनको प्रोत्साहित करने के लिए , जीवनदान देने वाले चिकित्सीय पेशे के प्रति अपना उत्तरदायित्व समझने वाले और इन गुणों की और अन्य डॉक्टरों को भी आकर्षित करने के लिए राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस अभियान आभार व्यक्त करने का महान उत्सव है।
विश्व में अनेक चिकित्सा पद्धतियां प्रचलित हैं। जैसे- एलोपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, इलेक्ट्रोपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, आहार चिकित्सा, संगीत चिकित्सा, हास्य योग, हास्य थेरेपी आदि। चिकित्सक को मरीज से कभी यह नहीं कहना चाहिए कि आपकी बीमारी लाइलाज है वरन् यह कहना चाहिए कि आपका इलाज हमारी पैथी में नहीं है। जहां दवा कार्य नहीं करती वहां दुआ से भरी उम्मीद कार्य करती है।
आज इस कोरोना महामारी के भयानक दौर में डॉक्टर्स की भूमिका और भी चुनौती पूर्ण हो गयी है । ये वास्तविक योध्दा बनकर उभरे हैं । अपनी जान की परवाह ना करते हुए मानवता की सेवा में ये जी जान से जुटे हैं । इनके इसी जज़्बे और मेहनत की ‘मयंक फाउंडेशन ‘ सराहना करती है तथा इस डॉक्टर दिवस पर सभी डॉक्टर्स को दिल से सलाम करती है। हम सदा इनकी खुशहाली की कामना करते है ।