Ferozepur News

गीत-संगीत के सौहार्दपूर्ण समन्वय से भारतीय संगीत और हिंदी साहित्य को मिलेगी नई दिषाः डॉ. पंकज माला शर्मा

देव समाज कॉलेज फॉर वूमेन, फिरोजपुर के पीजी हिंदी और संगीत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हुआ वेबिनार

गीत-संगीत के सौहार्दपूर्ण समन्वय से भारतीय संगीत और हिंदी साहित्य को मिलेगी नई दिषाः डॉ. पंकज माला शर्मा

गीत-संगीत के सौहार्दपूर्ण समन्वय से भारतीय संगीत और हिंदी साहित्य को मिलेगी नई दिषाः डॉ. पंकज माला शर्मा

– देव समाज कॉलेज फॉर वूमेन, फिरोजपुर के पीजी हिंदी और संगीत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हुआ वेबिनार

– हिंदी साहित्य और संगीत के अंर्तसंबंध विषय पर रखे विचार

देव समाज कॉलेज फॉर वूमेन, फिरोजपुर के पी जी हिंदी और संगीत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी साहित्य और संगीत के अंर्तसंबंध विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में रिसोर्स पर्सन पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. पंकज माला शर्मा ने हिंदी साहित्य के आरंभिक काल से लेकर आधुनिक काल तक के साहित्य में संबंध स्थापित कर श्रोताओं को लाभांन्वित किया।

कॉलेज के चेयरमैन श्री निर्मल सिंह ढिल्लों जी के मार्गदर्शन और कार्यवाहक प्राचार्या डॉ. संगीता के निर्देशन में यह कार्यक्रम हुआ। इसमें रिसोर्स पर्सन ने साहित्य का प्राचीन रूप, संगीत से जुड़ाव व वर्तमान भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने हिंदी काव्य में रागों के स्थान को निर्धारित करते हुए साहित्य और संगीत को एक-दूसरे का पूरक बताया है। उन्होंने कहा कि गीत-संगीत के सौहार्दपूर्ण समन्वय से भारतीय संगीत और हिंदी साहित्य दोनों ही विकास के पथ पर अग्रसर होंगे। इससे समाज को नई दिशा मिलेगी और सकारात्मक चिंतन का पथ प्रशस्त होगा। इस दौरान कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्या व वेबिनार की संयोजिका डॉ. संगीता ने कहा कि साहित्य, संगीत और कला से विहीन मनुष्य साक्षात पशु के सामान है। स्वर के बिना शब्द और शब्द के बिना स्वर अपूर्ण है। इन दोनों का सम्मिलन ही उन्हें पूर्ण करता है। इस मौके पर वेबिनार का संचालन कर रही पीजी हिंदी विभाग की अध्यक्ष श्रीमति अनु नंदा ने कहा कि संगीत और साहित्य में हमेशा से ही घनिष्ठ संबंध रहा है। यह दोनों ही मनुष्य के भावों को व्यक्त करने के सशक्त माध्यम है। हिंदी और साहित्य मानव मन को सच्चिदानंद की अनुभूति और सत्यम शिवम सुंदरम की प्रतीति कराती है। इस वेबिनार में विभिन्न कॉलेजों व विश्वविद्यालयों से शिक्षकगण, शोधार्थी एवं विद्यार्थी शामिल हुए।

 

 

 

– गीत.संगीत के सौहार्दपूर्ण समन्वय से भारतीय संगीत और हिंदी साहित्य को मिलेगी नई दिषाः डॉण् पंकज माला शर्मा

 

– देव समाज कॉलेज फॉर वूमेन, फिरोजपुर के पीजी हिंदी और संगीत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हुआ वेबिनार

 

– हिंदी साहित्य और संगीत के अंर्तसंबंध विषय पर रखे विचार

 

देव समाज कॉलेज फॉर वूमेनए फिरोजपुर के पी जी हिंदी और संगीत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी साहित्य और संगीत के अंर्तसंबंध विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में रिसोर्स पर्सन पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉण् पंकज माला शर्मा ने हिंदी साहित्य के आरंभिक काल से लेकर आधुनिक काल तक के साहित्य में संबंध स्थापित कर श्रोताओं को लाभांन्वित किया।

 

कॉलेज के चेयरमैन श्री निर्मल सिंह ढिल्लों जी के मार्गदर्शन और कार्यवाहक प्राचार्या डॉण् संगीता के निर्देशन में यह कार्यक्रम हुआ। इसमें रिसोर्स पर्सन ने साहित्य का प्राचीन रूप, संगीत से जुड़ाव व वर्तमान भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने हिंदी काव्य में रागों के स्थान को निर्धारित करते हुए साहित्य और संगीत को एक.दूसरे का पूरक बताया है। उन्होंने कहा कि गीत.संगीत के सौहार्दपूर्ण समन्वय से भारतीय संगीत और हिंदी साहित्य दोनों ही विकास के पथ पर अग्रसर होंगे। इससे समाज को नई दिशा मिलेगी और सकारात्मक चिंतन का पथ प्रशस्त होगा। इस दौरान कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्या व वेबिनार की संयोजिका डॉण् संगीता ने कहा कि साहित्यए संगीत और कला से विहीन मनुष्य साक्षात पशु के सामान है। स्वर के बिना शब्द और शब्द के बिना स्वर अपूर्ण है। इन दोनों का सम्मिलन ही उन्हें पूर्ण करता है। इस मौके पर वेबिनार का संचालन कर रही पीजी हिंदी विभाग की अध्यक्ष श्रीमति अनु नंदा ने कहा कि संगीत और साहित्य में हमेशा से ही घनिष्ठ संबंध रहा है। यह दोनों ही मनुष्य के भावों को व्यक्त करने के सशक्त माध्यम है। हिंदी और साहित्य मानव मन को सच्चिदानंद की अनुभूति और सत्यम शिवम सुंदरम की प्रतीति कराती है। इस वेबिनार में विभिन्न कॉलेजों व विश्वविद्यालयों से शिक्षकगण, शोधार्थी एवं विद्यार्थी शामिल हुए।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button