किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने ठुकराया सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी से मीटिंग का न्यौता
सरकारी अत्याचारों, सरकार द्वारा घायल 433 किसानों को सुप्रीम कोर्ट कैसे कर सकता है नजरअंदाज?
किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने ठुकराया सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी से मीटिंग का न्यौता
सड़क हरियाणा सरकार ने बन्द की है, किसानों ने नहीं।
7 सात बिंदुओं के पत्र द्वारा दिया जवाब।
सरकारी अत्याचारों, सरकार द्वारा घायल 433 किसानों को सुप्रीम कोर्ट कैसे कर सकता है नजरअंदाज?
उत्तराखंड के किसान नेता तजिंदर सिंह विर्क के पिता के देहांत पर किसान मजदूर मोर्चे ने किया शोक व्यक्त।
फ़िरोज़पुर , 15/10/2024 : शंभु बॉर्डर: किसान आंदोलन 2 के 246 दिन पूरे होने पर किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने मंच से ऐलान करते हुए कहा की आंदोलन कर रहे दोनों फोरम ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी से न मिलने का फैसला किया है। याद रहे की कमेटी द्वारा दोनों फोरम को मीटिंग के लिए न्यौता भेजा गया था। किसान नेताओं का कहना है कि किसी भी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से किसी भी तरह की कोई भी कमेटी गठन की कोई मांग नहीं की थी। ना ही वह कोर्ट में चल रहे केस में पार्टी हैं। रास्ता तो गैर कानूनी रूप से हरियाणा सरकार ने बन्द किया हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी द्वारा भेजे न्यौता पत्र के जवाब में KMM और SKM (NP) ने पत्र लिख कर उनके मीटिंग के न्योते को ठुकरा दिया है। अपने पत्र में 7 बिंदुओं में किसानों ने अपना जवाब भेज अपना पक्ष रखा। किसान नेताओं ने दलील दी की कैसे सुप्रीम कोर्ट एक व्यक्ति की हत्या, सरकारी अत्याचार, सरकार द्वारा 433 घायल और पांच लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने की घटना को नजरअंदाज कर सकता है?
उत्तराखंड के किसान नेता तजिंदर सिंह विर्क के पिता के देहांत पर मोर्चे ने श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक व्यक्त किया। 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी नरसंहार में तेजिंदर सिंह विर्क को पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की थार गाड़ी ने रौंद डाला था और उनकी हत्या का प्रयास किया गया था।
मीडिया सेल,
किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक)