ऐडिड स्कूलों की एक ही पुकार सरकारी स्कूलों में मर्ज करो पंजाब सरकार: ठकराल
ऐडिड स्कूलों की एक ही पुकार सरकारी स्कूलों में मर्ज करो पंजाब सरकार: ठकराल
फाजिल्का: May 13, 2015 ( Harish Monga): पंजाब सरकार हमेशा ही यह दावा करती आई है कि राज्य में चहुमुखी विकास हो रहा है। राज्य का प्रत्येक वर्ग खुशहाल है लेकिन जमीनी स्तर पर अगर जांच की जाए तो शिक्षा की अलख जगाने वाला अध्यापक वर्ग मानसिक परेशानियां झेल रहा है जिसकी सरकार को कोई खबर नहीं है। इस संबंधी जानकारी देते हुए पंजाब गवर्नमेंट ऐडिड स्कूल एवं अन्य कर्मचारी यूनियन के जिला प्रवक्ता अजय ठकराल ने बताया कि सरकार सिर्फ कागजों तक विकास के दावे कर रही है। यदि ऐडिड स्कूलों की वास्तविक जांच की जाए तो सरकार को पता चले कि ऐडिड स्कूलों में अध्यापक वर्ग कितनी मानसिक परेशानियां झेल रहा है क्योंकि 2002 के बाद सरकार ने इन स्कूलों में किसी नए अध्यापक व अन्य कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की। एक-एक अध्यापक के सहारे यह स्कूल चल रहे हैं।फाजिका नगर की बात करें तो दो प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं जो केवल एक-एक अध्यापक के सहारे हैं। उनमें भी महिला अध्यापकों के सहारे स्कूल हैं। स्कूल में मिड-डे-मील का कार्य, बच्चों को पढाने का कार्य, सरकार से मिलने वाली ग्रांट का कार्य व अन्य कितने कार्य हैं जो इन अध्यापकों को करने पड़ते हैं। सरकार ने कोई भी सुविधा देने हो पहले सरकारी स्कूलों को दी जाती है। ऐडिड स्कूलों की बारी बहुत ही लेट आती है। इन स्कूलों के साथ हमेशा ही सौतेला व्यवहार होता है। सरकार ने यदि वेतन देना ही होता है तो फिर विलंब कैसा। यदि सरकारी स्कूलों को प्रत्येक मास वेतन दिया जा सकता है तो इन स्कूलों को अगर तिमाही अनुदान राशि अगर समय तो आ जाए तो इन स्कूलों के अध्यापकों का सौभाग्य होगा। सरकार इन स्कूलों को 95 प्रतिशत अनुदान राशि दे रही है। यदि 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राशि देकर इन स्कूलों में कार्य करने वाले अध्यापकों को जिस वेतन पर वो कार्य कर रहा है उसी वेतन के आधार पर उनसे कोई एतराज न होने का सर्टिफिकेट लेकर उसी वेतन पर सरकारी स्कूलों में अगर शिफ्ट कर दिया जाए तो इस समस्या से निदान पाया जा सकता है। इस संबंधी सरकार को पहले आपशन लेनी पड़ेगी कि जो अध्यापक ऐडिड स्कूलों से सरकारी स्कूलों में जाना चाहता है उसके लिए विकल्प खुला है। उसके लिए कोई भी उम्र सीमा निर्धारित नहीं है। इसके साथ सरकार इन कर्मचारियों की सर्विस को सुरक्षित करे। सरकार को इस बारे में स्कूल की प्रबंधक कमेटियों से कोई एतराज न होने संबंधी सर्टिफिकेट लेना होगा। सरकारी स्कूलों में हजारों पद खाली पड़े हैं यदि सरकार इस बारे में पहल करे तो ऐडिड स्कूलों के कर्मचारियों की समस्या से निजात पाई जा सकती है तथा सरकारी स्कूलों में अनुभव प्राप्त अध्यापक मिल सकते हैं। सरकार इस बारे में एक हाई पावर कमेटी का गठन करे जो इन स्कूलों का सर्वे करे व अपनी रिपोर्ट सरकार तक जल्द से जल्द पेश करे ताकि इन स्कूलों के कर्मचारियों को सरकारी स्कूलों में भेजने संबंधी प्रक्रिया शुरू करने हेतु अधिसूचना जारी की जा सके व इन कर्मचारियों को मानसिक परेशानी से बचाया जा सके। श्री ठकराल ने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल व शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा से पुरजोर अपील की है कि ऐडिड स्कूलों को सरकारी स्कूलों में मर्ज करने संबंधी हाई पावर कमेटी का गठन करे।