अनशन को 48वें दिन हुए, डल्लेवाल की हड्डियां (विशेषकर आंख के साइड) सिकुड़नी शुरू हो गयी
अनशन को 48वें दिन हुए, डल्लेवाल की हड्डियां (विशेषकर आंख के साइड) सिकुड़नी शुरू हो गयी
फिरोजपुर, 12.1.2025: आज 48वें दिन खनौरी किसान मोर्चे पर जगजीत सिंह डल्लेवाल जी का आमरण अनशन जारी रहा, डॉक्टरों ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल जी की हड्डियां (विशेषकर आंख के साइड) सिकुड़नी शुरू हो गयी हैं जो बेहद चिंताजनक है।
किसान नेताओं ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवम किसान मजदूर मोर्चा के विनम्र निवेदन को स्वीकार करते हुए आपसी तालमेल हेतु मीटिंग 13 जनवरी को पातड़ा में आयोजित करने का फैंसला लिया है, ये स्वागत योग्य कदम है और हमारे दोनों मोर्चों का प्रतिनधिमण्डल कल पातड़ा में आयोजित मीटिंग में शामिल होगा। आज हरियाणा के हिसार से किसानों का एक जत्था जगजीत सिंह डल्लेवाल जी के समर्थन में खनौरी किसान मोर्चे पर आया, उन्होंने कहा कि हम जगजीत सिंह डल्लेवाल जी के संघर्ष के साथ खड़े हैं और परमात्मा न करे, यदि जगजीत सिंह डल्लेवाल जी के साथ कुछ अनहोनी हो गयी तो केंद्र सरकार स्थिति संभाल नहीं पाएगी। हरियाणा से आये किसानों ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल जी पूरे देश के किसानों के नेता हैं और हम सब उनके लिए अपनी ज़िंदगी कुर्बान करने के लिए तैयार हैं, कल हरियाणा के सोनीपत से किसानों का जत्था खनौरी किसान मोर्चे पर आएगा। आज दोनों मोर्चों ने जगजीत सिंह डल्लेवाल जी द्वारा हस्ताक्षरित चिट्ठी संत-महापुरुषों एवम धर्मगुरुओं को लिखी है जिसकी कॉपी नीचे संलग्न है –
माननीय संत-महापुरुष एवम धर्मगुरुओं
विषय – MSP गारंटी कानून समेत अन्य किसानी मांगों पर 48 दिनों से आमरण अनशन कर रहे साधारण किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल का आप से विनम्र निवेदन।
माननीय
विभिन्न सरकारों द्वारा अलग-अलग समयों पर किसानों से किये गए वायदों को पूरा कराने के लिए मैं जगजीत सिंह डल्लेवाल 48 दिनों से आमरण अनशन कर रहा हूँ, पिछले 11 महीनों से हजारों किसान ठिठुरती ठंड, चिलचिलाती धूप एवम बारिश-तूफान में सड़कों पर बैठे हैं। 13 फरवरी से शुरू हुए हमारे आंदोलन में पुलिस की हिंसात्मक कारवाई में 1 किसान शुभकरण सिंह की गोली लगने से शहादत हुई, 5 किसानों की आंखों की रोशनी चली गयी एवम 434 किसान घायल हो गए।
पहले सिर्फ किसान एवम खेतिहर मजदूर ही MSP गारंटी कानून की मांग कर रहे थे लेकिन अब तो खेती के विषय पर बनी संसद की स्थायी समिति ने भी अपनी रिपोर्ट (पहला वॉल्यूम, पॉइंट 7, पेज 54) पर स्पष्ट कर दिया है कि MSP गारंटी कानून बनाया जाना चहिए और इस से किसानों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवम देश को बहुत फायदा होगा। MSP गारंटी कानून से किसानों की क्रय शक्ति बढ़ेगी जिस से देश की अर्थव्यवस्था को बहुत फायदा होगा। यह संसद की सर्वदलीय कमेटी है जिसमें सभी राजनीतिक पार्टियों की तरफ से 31 सांसद शामिल हैं। 2011 में जब माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उपभोक्ता मामलों की कमेटी के चेयरमैन थे तो उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय डॉ मनमोहन सिंह को रिपोर्ट भेजकर कहा था कि किसी भी व्यापारी द्वारा किसी भी किसान की फसल सरकार द्वारा निर्धारित MSP से नीचे नहीं खरीदी जानी चाहिए और इसके लिए कानून बनाना चाहिए लेकिन 2014 में सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी ने अब तक खुद की सिफारिश लागू नहीं करी है। किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए बनाए गए डॉ स्वामीनाथन आयोग ने 2006 में अपनी रिपोर्ट दी, 2014 तक यूपीए की सरकार सत्ता में रही लेकिन उन्होंने रिपोर्ट लागू नहीं करी, 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान माननीय नरेंद्र मोदी ने वायदा किया था कि वे प्रधानमंत्री बने तो स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार फसलों का MSP तय करेंगे। 2014 में सत्ता में आने के बाद 2015 में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हलफनामा देकर कहा कि वे स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं कर सकते हैं। 2018 में पंजाब की चीमा मंडी में 35 दिन धरना देने के बाद में माननीय अन्ना हजारे जी एवम माननीय जगजीत सिंह डल्लेवाल जी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में आमरण अनशन किया था, उस समय तत्कालीन कृषि मंत्री माननीय राधा मोहन सिंह एवम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री माननीय देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से माननीय डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा हस्ताक्षरित चिट्ठी आंदोलनकारी नेताओं को सौंपी थी जिसमें साफ तौर पर लिखा था कि केंद्र सरकार 3 महीने में स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले को लागू करेगी लेकिन 6 साल बीत जाने के बावजूद आज तक उसे लागू नहीं किया गया। 2020-2021 में 378 दिनों तक चले आंदोलन को स्थगित करते समय 9 दिसंबर 2021 को एक चिट्ठी कृषि मंत्रालय द्वारा हमें सौंपी गई थी जिसमें हर किसान के लिए MSP सुनिश्चित करने, खेती कार्यों को प्रदूषण कानून से बाहर निकालने, लखीमपुर खीरी के घायलों को उचित मुआवजा देने, बिजली बिल को संसद में पेश करने से पहले किसानों से चर्चा करने एवम आंदोलनकारी किसानों पर आंदोलन सम्बन्धी मुकदमे वापिस लेने समेत कई लिखित वायदे किये गए थे जो आज तक अधूरे हैं। 26 नवम्बर को मेरा आमरण अनशन शुरू होने के बाद पिछले 48 दिनों में हम देश के माननीय प्रधानमंत्री जी, माननीय उपराष्ट्रपति जी एवम माननीय सुप्रीम कोर्ट के जजों को चिट्ठी लिख चुके हैं लेकिन किसी ने भी हमारी चिट्ठी पर न तो कोई गौर किया और न ही उसका जवाब दिया।
इतिहास इस बात का गवाह है कि जब-जब राजसत्ता सही मार्ग से भटक जाती है तो संत-महापुरुष एवम धर्मगुरु राजसत्ता को सही रास्ते पर लाने का कार्य करते रहे हैं। हमारा आप से निवेदन है कि आप वर्तमान राजसत्ता को किसानों से किये वायदे पूरे करने की कहें ताकि किसानों को उनके हक-अधिकार मिल सके जिस से किसानों की आत्महत्या बंद हो सके। हमारा आप से विनम्र निवेदन है कि आप किसान मोर्चे की मजबूती एवम व्यापकता के लिए परमात्मा/वाहेगुरु/अल्लाह के चरणों मे प्रार्थना/अरदास करें ताकि हम इस आंदोलन को जीत तक ले कर जा सकें।
सधन्यवाद
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवम किसान मजदूर मोर्चा