शांति विद्या मंदिर में धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी का त्यौहार
शांति विद्या मंदिर में धूमधाम से मनाया गया बसंत पंचमी का त्यौहार
Ferozepur, 7.2.2022: आज शांति विद्या मंदिर में बसंत पंचमी का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। यह कार्यक्रम ऑनलाइन प्रस्तुत किया गया। जिसमें ऑनलाइन कक्षाओं के चलते छात्रों एवं अध्यापकों ने बड़े उत्साह से भाग लिया।कार्यक्रम का शुभारंभ विद्या की देवी मां सरस्वती के सामने ज्योति प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना से किया गया। कार्यक्रम में स्कूल की मैनेजिंग कमेटी के सदस्य चेयरमैन कुलभूषण गर्ग जी, डायरेक्टर इंजीनियर मोहित गर्ग, लीगल एडवाइजर डॉक्टर एडवोकेट रोहित गर्ग, श्रीमती इतिका गर्ग एवं स्कूल के प्रिंसिपल श्रीमती रजनी मडाहर जी उपस्थित थे।मंच का संचालन अध्यापिका गुरप्रीत कौर ने बहुत ही सुंदर ढंग से किया। अध्यापिका श्री मती डिम्पल ने सरस्वती वंदना गाई।कक्षा नौवीं की छात्रा चाहत शर्मा ने बसंत पंचमी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की बसंत का त्यौहार शांति और खुशी का त्यौहार है।
बसंत के आगमन पर पेड़ों पर पीले रंग के छोटे फूल निकलने लगते हैं और यह सर्दी की समाप्ति का संदेश लेकर आती है। कक्षा सातवीं की छात्रा रिया ने बसंत पंचमी पर बहुत ही सुंदर कविता सुनाई। अध्यापिका श्रीमती दलजीत कौर ने बसंत ऋतु से एवं वसंत त्योहार से संबंधित कविता द्वारा सभी को प्रेम और सावधानी से इस त्यौहार को मनाने का संदेश दिया।
अध्यापिका निधि वर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें चाइनीज डोर का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इससे मनुष्य ,पशु , पक्षियों एवं समस्त प्राणियों की जान का बहुत नुकसान होता है।इसलिए हमें चाइनीज डोर को छोड़कर सामान्य डोर को ही प्रयोग में लाना चाहिए। इस अवसर पर छात्रों ने पीले रंग के वस्त्र पहने, पीले रंग के खाद्य पदार्थ जैसे- चावल, पास्ता ,हलवा आदि बनाए और से नो टू चाइना डोर विषय पर स्लोगन लिखे। उल्लेखनीय है कि स्कूल के अध्यापक भी पीले रंग की खाद्य सामग्री लाए और सबने मिलकर स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद उठाया। इस कार्यक्रम का विषय था – चाइना की डोर को इस्तेमाल ना किया जाए और भारत में बनी सामान्य डोर का ही इस्तेमाल किया जाए।
इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसिपल श्रीमती रजनी मडाहर एवं सम्मानीय अतिथि श्रीमती पतविंदर कौर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सर्वप्रथम सभी को बसंत की हार्दिक शुभकामनाएं दी और कहा की बच्चे जिस प्रकार पतंगों के पीछे भागते हैं, छतों से झुक कर पतंगे लूटते हैं , यह उनके लिए कुछ ही समय का खेल है। इसमें उनको मजा आता है। जबकि उन्हें सड़कों पर या गलियों में भागकर पतंगे नहीं लूटनी चाहिए; क्योंकि बहुत बार कुछ ऐसी दुर्घटनाएं हो जाती हैं, जिनमें कुछ पैसों की पतंग की खातिर कई बच्चे अपनी जान गवां बैठते हैं और कई अपने शरीर के अंग खो बैठते हैं। उन्होंने कहा जीवन बहुत कीमती है और हमें इसे पतंगों के लिए या चाइनीज डोर का प्रयोग करके नष्ट नहीं करना चाहिए। पतंग उड़ाओ लेकिन सावधानी से।
स्कूल के डायरेक्टर इंजीनियर मोहित गर्ग एवं लीगल एडवाइजर एडवोकेट रोहित गर्ग ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सर्वप्रथम समस्त स्टाफ एवं छात्रों को बसंत के त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएं दी और उन्होंने कहा की सभी अध्यापक और माता-पिता में भी मां सरस्वती विराजमान होती है।क्योंकि मां सरस्वती विद्या एवं ज्ञान की देवी है और हमें भी सर्वप्रथम ज्ञान अपने माता-पिता और तत्पश्चात अध्यापकों से मिलता है यही हमारे अंदर ज्ञान का संचार करते हैं इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हमें मां सरस्वती के साथ-साथ अपने माता पिता और अध्यापकों का आदर करें और उनके कहने के अनुसार ही अपने जीवन का निर्वाह करें।
उन्होंने कहा कि बसंत प्रेम , खुशी ,सद्भावना ,रंगो एवं पतंगों का त्यौहार है। इसे चाइनीस डोर का इस्तेमाल करके हमें अपने एवं उड़ने वाले पशु पक्षियों के जीवन को खतरे में नहीं डालना चाहिए।उन्होंने कहा कि आज हम सब प्रण लें कि हम चाइनीज डोर का प्रयोग नहीँ करेंगे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ किया गया और स्कूल के मैनेजिंग कमेटी के सदस्यों एवं प्रिंसिपल श्रीमती रजनी मडाहर ने माननीय अतिथि श्रीमती पतविंदर कौर को सम्माननीय चिन्ह और उपहार देकर सम्मानित किया। सबने इसका बहुत आनंद उठाया।