मानव रहित रेलवे फाटकों पर खामियाजा लोगों को जान-माल की हानि से उठाना पड़ रहा है
Ferozepur 27 February (Ramesh Kashyap) पूर्व में तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी के कार्यकाल में देश के सभी मानव रहित रेलवे फाटकों पर फाटक लगाने की घोषणा की गई थी। मगर, चार साल बीत जाने के बावजूद इस दिशा में फिरोजपुर रेल मंडल में सिर्फ ९१ पर ही काम किया गया है। उधर, वीरवार को रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने भी मानव रहित फाटकों पर फाटक लगाए जाने की बात कही है। गौर हो कि फिरोजपुर रेल मंडल में ४४१ मानव रहित रेलवे फाटक हैं, जिनमें से गत चार वर्ष में ९१ पर काम किया गया और शेष ३५० में से १७ पर काम किया जा रहा है।इस मामले में फिरोजपुर के मंडल सेफ्टी विभाग, इंजीनियरिंग विभाग व ऑपरेटिंग विभाग के अधिकारियों ने चार साल पहले योजना बनाकर भेजी थी। बताते चलें कि मंडल में लगभग १४ सौ क्रासिंग हैं, जिसमें से ४४१ मानव रहित फाटक थे। गत चार साल के दौरान ९१ पर फाटक लगा दिए गए, जबकि १७ पर कार्य जारी है। यह रफ्तार इतनी धीमी है कि इसे पूरा करने में कई वर्ष लग जाएंगे। इस बात की जानकारी वरिष्ठ मंडल सुरक्षा अधिकारी एनके वर्मा ने दी है। दरअसल, मंडल के ४४१ मानव रहित फाटकों पर फाटक लगाने के लिए संबंधित विभाग को लगभग २५० करोड़ रुपये की जरूरत थी । एनके वर्मा का कहना है कि एक विभाग द्वारा फाटक लगाने से पहले उस पर खर्च होने वाले रुपये तथा वहां पर तैनात करने के लिए तीन गेट मैन के एक माह से लेकर पूरे साल के वेतन का अनुमान लगाया जाता है, क्योंकि केवल फाटक लगाने से ही काम पूरा नहीं हो जाता है। इसके लिए तीन कर्मचारी भी चाहिए होते हैं, जो बारी-बारी तीन शिफ्टों में ड्यूटी देते रहते हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही एक फाटक पर लगभग ५० लाख रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने बताया कि फाटक लगाने के काम में एक साल का समय लग जाता है। मगर, इस सुस्त रफ्तार का खामियाजा दूसरी तरफ लोगों को जान-माल की हानि से उठाना पड़ रहा है।