कोरोना केस, टेस्ट ज़्यादा होने से नहीं बढ़ रहे, केस इसलिये बढ़ रहे हैं कि…..
ज़िला माँस मीडिया विंग फाज़िल्का
🙏अदरणीय जनता जनार्दन🙏
● कोरोना केस, टेस्ट ज़्यादा होने से नहीं बढ़ रहे।
केस इसलिये बढ़ रहे हैं कि
-6 महीने बाद भी आपको ये समझ नहीं आया कि मास्क नाक के ऊपर रखना है और दूसरों से दूरी बना कर रखनी है
-आपको क्रिकेट प्रतियोगिताओं में भी जाना है , मेलो में भी जाना है , धार्मिक आयोजन भी करने है , शव यात्राओं में भी शरीक होना है , बरसात में घूमने का कोई मौका नही छोड़ना
-आप को बिना जरूरत के बाजार में भी जाना है
-आप को जिनसे बीते 6 महीनों में नही मिले , उन सब से अब जब कोरोना पूरे शबाब पर है , तब मिलने भी जाना है
-अब जब सरकारी मशीनरी अन्य जरूरी कामों में वापसी कर रही है , तब आप को तनिक भी कष्ट उठाये , रोज इधर उधर सारे जहान की पंचायती भी करनी है
और हर वो काम करना है जिसमे आप खुद को और परिवार को संक्रमित होने का मौका देते है ।
● आप चकित हैं कि आपके दादाजी को कोरोना कैसे हो गया, जब कि वो तो 6 महीने से घर से बाहर ही नहीं निकले!
तो आपको लाउड स्पीकर से सूचित हो कि उन्हें कोरोना आपके घर के उस मेंबर की वज़ह से हुआ जो बाहर निकला और जिसने बचाव के इन बहुत ही सिंपल नियमों का पालन नहीं किया और फ़िर अपने साथ कोरोना को घर ले कर आया। वो खुद तो बच गया, लेकिन उसने घर के बुज़ुर्ग का बैंड बजा दिया।
● आप गुस्से में हैं कि हॉस्पिटल ने आपको लूट लिया। आपके टेस्ट की ग़लत रिपोर्ट दे दी , आपके साथ वालो को किसी को तो हुवा ही नही , आपको कोरोना कैसे हो सकता है ।
तो प्रभु मेरी विनती है कि सबसे पहले गुस्सा ख़ुद पर करें कि
– आप हॉस्पिटल गए किसलिये?
– आपकी तबियत ख़राब हुई क्यों?
– आपको कोरोना हुआ कैसे?
– क्या आपने मास्क ढंग से नहीं पहना?
– क्या आप दूसरों से चिपके चिपके नही घूम रहे थे ?
– क्या आपने हाथ ठीक से साफ़ नहीं किये?
-क्या आप अपने जरूरी कामो का कहकर इधर-उधर भटकते नही फिर रहे थे ?
अग़र आपने कोई कोताही नहीं बरती, तो आपको कोरोना हो ही नहीं सकता
( ऐसा आप मानते है )
लेकिन श्रीमान जी , आपके ये सारे तर्क कोरोना नही समझता
ये एक ऐसा वायरस है जिसके प्रकृति बहुत अलग है , ये कितनी डोज में शरीर मे enter होता है , कितनी बार होता है , किस माध्यम से होता है और फिर उस वायरस के प्रति आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कितनी है , ये वायरस खुद 10-12 टाइप का है , आपको कौनसी टाइप वाला का कितनी डोज में , कितनी बार मे हुवा है
इस सब पर निर्भर करता है आपकी रिपोर्ट +ve आएगी या -ve
आपकी रिपोर्ट +ve लाकर किसी को 1 रुपया भी नही मिलने वाला और आपकी किसी से कोई अदावत भी नही है और अदावत हो तो भी रिपोर्ट फरीदकोट में कम से कम 72 घण्टे की प्रक्रिया के बाद आती है , आपकी रिपोर्ट +ve आएगी या -ve , इसको कोई manage नहीं कर सकता
~ ये बात आप बिना भावुक हुए मान लीजिये।
● आपने कोरोना से बचने में घनघोर लापरवाही की, लेकिन आप ये चाहते हैं कि आपका इलाज़ करने वाला डॉक्टर, नर्स बिना ख़ुद की जान की परवाह किये, आपके बिल्कुल नज़दीक आ कर आपको पूरा चैक करे, दिन में चार बार आपको देखने आए, आपकी पल पल की मॉनिटरिंग करे , आप खुद अपने परिवार वाले +ve से भागे भागे फिर रहे है पर चाहते है कि डॉक्टर , आपको पूरी attention दे तो वाकई में बड़े सयाने हैं आप !!
● इस झगड़े को ख़त्म करने का एक ही उपाय है कि आप डॉक्टरों और हॉस्पिटल पर तान तोड़ना छोड़ें, कोरोना से बचने के सरल नियमों का समझ और ईमानदारी से पालन करें। ना होगा कोरोना, और ना लूटेंगे डॉक्टर।
ऐसा नहीं करना है तो लादें कोरोना को अपने सिर, फ़िर प्राइवेट अस्पताल की ओर मुंह करके, बिना वहां पधारे ही दूर से उसे गाली दे लें
और
फ़िर सरकारी अस्पताल की तरफ़ अपनी गाड़ी मोड़ लें…क्योंकि सरकारी तो बैठे ही आपकी सेवा में है ।
ईश्वर आपको नियमों को समझने लायक बुद्धि दे और आपको सदा स्वस्थ रखे।
ज़िला माँस मीडिया विंग फाज़िल्का
हमेशा आपके बेहतर स्वास्थय के लिए समर्पित स्वास्थय विभाग का एक महत्वपूर्ण अंग।🙏🙏🙏